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बनारस के दशाश्वमेध घाट पर जापानी पर्यटकों से बदसलूकी, पेशाब करने का आरोप लगा गंगा स्नान से रोका

Varanasi, UP: जापान से आए 4-5 टूरिस्ट गंगा में स्नान करने की तैयारी कर रहे थे. जिसमें से एक युवक और महिला ने सांता क्लॉज वाली लाल टोपी पहन रखी थी. साथ ही वो स्विमिंग सूट भी पहने हुए थे. स्थानीय श्रद्धालुओं और कुछ लोगों को ये देखकर आपत्ति हुई. उन्होंने गंगा की पवित्रता का हवाला देते हुए पर्यटकों को स्नान करने से रोक दिया.

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पुलिस ने ने बताया कि इस मामले में अभी तक किसी भी पक्ष की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर क्रिसमस के दिन, यानी 25 दिसंबर 2025 को जापानी टूरिस्ट के साथ हुई बदसलूकी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में कुछ लोगों ने गंगा की पवित्रता का हवाला देते हुए टूरिस्ट को स्नान करने से रोका. कुछ लोगों ने उन पर गंगा में पेशाब करने का आरोप भी लगा दिया, हालांकि इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला. पुलिस ने बताया है कि किसी गलतफहमी के चलते दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई थी.

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दरअसल, जापान से आए 4-5 टूरिस्ट गंगा में स्नान करने की तैयारी कर रहे थे. इस ग्रुप में एक युवक और महिला ने सांता क्लॉज वाली लाल टोपी पहन रखी थी. साथ ही वो स्विमिंग सूट भी पहने हुए थे. स्थानीय श्रद्धालुओं और कुछ लोगों को ये देखकर आपत्ति हुई. उन्होंने गंगा की पवित्रता का हवाला देते हुए पर्यटकों को स्नान करने से रोक दिया. कुछ लोगों ने उन पर गंगा में पेशाब करने का आरोप भी लगा दिया, हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई.

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि वहीं धीरे-धीरे भीड़ जमा हो गई. जापानी टूरिस्ट काफी डरे हुए और शांत नजर आ रहे हैं. वो घाट की सीढ़ियों पर बैठकर हाथ जोड़कर माफी मांगते रहे, लेकिन स्थानीय लोग ऊंची आवाज में टोकाटाकी और अभद्र व्यवहार करते रहे. पर्यटकों को बार-बार वापस जाओ जैसे शब्द कहे गए. जिस वजह से पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया.

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पुलिस ने क्या बताया?

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वाराणसी पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया. आजतक से जुड़े रौशन जायसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में ACP दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया,

“वीडियो वायरल होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है. ये वीडियो 25 दिसंबर का बताया जा रहा है. दोनों पक्षों को किसी बात को लेकर कन्फ्यूजन हो गया था और बातें ज्यादा बढ़ गईं. बाद में दोनों ने एक-दूसरे से माफी भी मांग ली.”

अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अभी तक किसी भी पक्ष की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. दोनों पक्ष माफी के बाद अपने-अपने रास्ते चले गए. जब उनसे पूछा गया कि कन्फ्यूजन आखिर किस बात को लेकर हुआ था, तो उन्होंने कहा,

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"अभी इस बात की पूरी क्लेरिटी नहीं मिल पाई है कि ठीक-ठीक किस बात को लेकर दोनों पक्षों में गलतफहमी हुई थी."

इससे पहले क्रिसमस की पूर्व संध्या पर देश के कई हिस्सों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं. असम के नलबाड़ी जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सेंट मैरीज इंग्लिश स्कूल में घुसकर तोड़फोड़ की. वहां बेचे जा रहे सामान को भी नष्ट कर दिया. असम के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं देखने को मिलीं. कई जगह 'जय श्री राम' और 'जय हिंदू राष्ट्र' जैसे नारे भी लगाए गए. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ी सुक्रिता बारुआ की रिपोर्ट के मुताबिक नलबाड़ी के SSP बिबेकानंद दास ने घटना को लेकर बताया,

“स्कूल में हुई घटना के साथ-साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता शहर के एक बाजार में स्थित दुकान पर भी गए, जहां सैंटा कैप और मास्क जैसी चीजें बिक रही थीं, उन्हें जला दिया. इस समूह में लगभग नौ लोग थे.”

बॉन्गाइगांव डायोसिस के फादर जेम्स वडकेइल ने बताया कि स्कूल विंटर वेकेशन की वजह से खाली था. उन्होंने बताया,

“करीब 3 बजे कुछ लोगों का एक ग्रुप स्कूल में प्रिंसिपल को ढूंढते हुए आया, लेकिन वो वहां नहीं थे. इसके बाद उन्होंने स्कूल में घूमकर जन्म कुटी (नेटिविटी क्रिब) और बाकी सभी क्रिसमस सजावट को तोड़-फोड़ दिया. एडमिशन के लिए लगाया गया बड़ा बैनर भी उन्होंने नष्ट कर दिया. उन्होंने सजावट को खोलकर जला दिया और नारे लगाते रहे.”

छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी कई जगहों पर क्रिसमस की सजावट को तोड़ा गया. इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे

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