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गगनयान मिशन की तैयारी में लगे थे एस्ट्रोनॉट अजीत कृष्णन, ऑपरेशन सिंदूर के बाद IAF ने वापस बुलाया

भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान मिशन गगनयान के लिए चुने गए 4 भारतीय वायुसेना अधिकारियों में से एक हैं ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन.

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वायुसेना ने अजीत कृष्णन को वापस बुला लिया है (India Today)

गगनयान मिशन के लिए भेजे गए ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को वायुसेना ने वापस बुला लिया है. वजह है भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव. कृष्णन एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए दिल्ली आए थे. उन्होंने बताया कि मौजूदा तनाव को देखते हुए वायुसेना ने उन्हें तत्काल यूनिट जॉइन करने के लिए कहा है. वह दिल्ली से सीधे अपनी टीम के पास जाएंगे. कृष्णन एयरफोर्स के उन 4 अफसरों में से हैं, जिन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया है.  

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6-7 मई की रात भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया तो बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के 15 इलाकों में हमले की कोशिश की. इसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. भारतीय सेना ने भी साफ कर दिया है कि वह हर परिस्थिति के लिए तैयार है.

वायुसेना ने अफसरों को बुलाया वापस

ऐसी आपातकालीन स्थिति में वायुसेना ने गगनयान के लिए भेजे अपने पायलटों को वापस बुलाया है. फिलहाल सिर्फ अजीत कृष्णन के वापस बुलाए जाने की पुष्टि हुई है. बाकी के वायु सैनिकों के बारे में स्थिति साफ नहीं है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 वायुसेना अधिकारियों को गगनयान मिशन के लिए चुना गया था. इनमें ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन के अलावा ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं. ये सभी वायु सेना के टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास 2 से 3 हजार घंटों का व्यक्तिगत उड़ान का अनुभव है. टेस्ट पायलट उन्हें कहा जाता है जो नए अथवा मोडिफाइड विमानों को उड़ाकर उनके प्रदर्शन का जायजा लेते हैं.  

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कौन हैं ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन?

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन नैशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) से पढ़े हैं. इनका जन्म 19 अप्रैल 1982 को चेन्नई में हुआ था. उन्हें वायुसेना अकादमी में प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जा चुका है. कृष्णन को 21 जून 2003 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था. ग्रुप कैप्टन नायर की तरह वे भी एक उड़ान प्रशिक्षक और टेस्ट पायलट हैं जिनके पास 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है. उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर और एएन-32 सहित कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं.

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