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पाकिस्तान को चीन से मिली Hangor सबमरीन में कितना दम है?

पाकिस्तान नेवी को मिलने वाली ये नई वाली हांगोर-क्लास सबमरीन चीन की टाइप-039B का अपग्रेडेड वर्जन है. जिसे पाकिस्तान के लिए स्पेशल बनाया गया है.

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पहली सबमरीन PNS Hangor 2026-27 तक कमीशन हो जाएगी. (फोटो- X)

चीन ने पाकिस्तान के लिए आठ Hangor क्लास डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन की डिलीवरी फाइनल कर दी है. दोनों देशों के बीच साल 2015 में लगभग 45 हजार करोड़ में ये सौदा हुआ था. इधर भारतीय नौसेना ने कहा है कि वो इस डेवलपमेंट पर पूरी नजर रख रही है. नौसेना के वाइस चीफ, वाइस एडमिरल संजय वात्सयायन ने कहा कि नेवी किसी भी तरह की सिचुएशन से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वाइस एडमिरल संजय वात्सयायन ने कहा,

“हम जानते हैं कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बी और जहाज सप्लाई कर रहा है. हम हर चीज पर करीबी निगरानी रख रहे हैं और भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार है.”

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इस डील के तहत चार पनडुब्बियां चीन में बनी हैं और चार पाकिस्तान में असेंबल की जाएंगी. पहली पनडुब्बी अप्रैल 2024 में लॉन्च हुई थी. इस साल दो और लॉन्च हो चुकी हैं. सभी आठ पनडुब्बियों की डिलीवरी 2028 तक पूरी होनी है. पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ के मुताबिक 2026 तक सबमरीन्स की डिलीवरी शेड्यूल पर है. उन्होंने ये भी कहा कि दूसरी-तीसरी पनडुब्बियों का लॉन्च चीन-पाकिस्तान नौसेना के सहयोग में एक बड़ा मील का पत्थर है.

Hangor क्लास डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन

पाकिस्तान नेवी को मिली ये नई हांगोर-क्लास सबमरीन चीन की टाइप-039B सबमरीन का अपग्रेडेड वर्जन है. इसे खास तौर पर पाकिस्तान के लिए बनाया गया है. सौदे के तहत कुल 8 सबमरीन पाकिस्तानी नौसेना के बेड़े में शामिल होनी हैं. इनमें से 4 चीन में बनी हैं. बाकी 4 कराची शिपयार्ड में पाकिस्तान खुद बना रहा है.

इस सबमरीन में AIP सिस्टम (Air Independent Propulsion) है. मतलब पानी के अंदर हफ्तों बिना स्नॉर्कलिंग के घूम सकती है. ये साइलेंट किलर साबित हो सकती है. इसका वजन 2800 टन है. यानी भारत की कलवरी क्लास की पंडुब्बियों से बड़ी. इस सबमरीन में 6 टॉरपीडो ट्यूब्स, Yu-6 हैवी टॉरपीडो, YJ-18 एंटी-शिप/लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (300-500 किमी रेंज) जैसे हथियार लगाए जा सकते हैं.

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हांगोर क्लास सबमरीन की स्पीड सरफेस पर 17 नॉट्स (31+ किलोमीटर प्रति घंटा) और डूबने पर 20+ नॉट्स (37 से ज्यादा किलोमीटर प्रति घंटा) तक है. इसकी रेंज 18,000 किलोमीटर तक की है. माने, एक बार में अरब सागर से प्रशांत महासागर तक पहुंच सकती है. पहली सबमरीन PNS Hangor (2024 में लॉन्च हुई थी) 2026-27 तक कमीशन हो जाएगी. 2028-29 तक पूरी फ्लीट आने की उम्मीद है.

भारत के लिए चिंता की बात?

थोड़ी हो सकती है. भारतीय नौसेना के पास इस समय 6 कलवरी पंडुब्बियां हैं. इसके अलावा 3 और आ रही हैं (प्रोजेक्ट 75I में 6 और प्लान हैं). लेकिन पाकिस्तान 8 AIP वाली सबमरीन एक साथ ला रहा है. नंबर के मामले में पाकिस्तान आगे हो सकता है, लेकिन हमारी कलवरी के सेंसर, सोनार और हथियार अभी भी ज्यादा एडवांस्ड माने जाते हैं.

वीडियो: आसान भाषा में: चीन ने पाकिस्तान को कौन सी पनडुब्बी दी है?

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