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यूपी: 16 साल से कर रहे थे इंतजार, जब हत्या का दोषी गांव लौटा, पूरे परिवार ने मिलकर मार दिया

Hardoi mob lynching: यूपी के हरदोई जिले के बेनीगंज थाने में 37 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है. इनमें 12 नामजद लोगों और 25 अज्ञात लोगों के नाम शामिल हैं, इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं. आरोप है कि इन सभी ने 2009 में हुई एक हत्या का बदला लेने के लिए एक व्यक्ति को मिलकर मार दिया. क्या है ये पूरा मामला?

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12 नामजद लोगों और 25 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है. (प्रतीकात्मक फ़ोटो - PTI)

उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में एक 48 साल के व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई (Hardoi Lynching). मामले में पुलिस ने सात महिलाओं समेत 18 लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस को शक है कि ये घटना 2009 में हुई एक हत्या का बदला लेने के लिए की गई है.

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इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, बहनगांव गांव की ये घटना है. बेनीगंज थाने में 37 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है. इनमें 12 नामजद लोगों और 25 अज्ञात लोगों के नाम शामिल हैं.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़, मृतक का नाम सरपंच महावत था और वो एक दिहाड़ी मजदूर था. वो स्थानीय निवासी रामपाल की हत्या का दोषी था, जिसकी अगस्त 2009 में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इसी केस में सरपंच महावत का भाई बबलू भी दोषी है.

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पुलिस ने बताया कि रामपाल की मौत के बाद महावत का परिवार पड़ोसी लखीमपुर खीरी ज़िले में चला गया और फिर कभी गांव नहीं लौटा. महावत को 13 साल की सज़ा काटने के बाद कोविड-19 के समय जेल से रिहा किया गया था. बेनीगंज के SHO केबी सिंह ने बताया कि 2009 के उस हत्या के केस के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इस संबंध में अदालती रिकॉर्ड्स देखे जा रहे हैं.

अब अचानक लिया बदला?

7 अप्रैल को पुलिस को ख़बर मिली की बहनगांव में एक बड़ा ग्रुप लाठियों से एक व्यक्ति को पीट रहा है. इसके तुरंत बाद टीम गांव पहुंची. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित को बचाया गया और अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पुलिस ने बताया कि जब महावत 2009 के बाद पहली बार 7 अप्रैल को बहनगांव पहुंचा, तो गांव के किसी व्यक्ति ने उसे पहचान लिया और रामपाल के परिवार को इसकी ख़बर दे दी. ख़तरे को भांपते हुए महावत ने एक घर के अंदर छिपने की कोशिश की. लेकिन ग्रुप में आए लोगों ने उसे ‘बाहर खींच लिया’ और उसके साथ ‘मारपीट की’. जब पुलिसकर्मियों ने महावत को बचाने की कोशिश की. तो भी भीड़ ने उस पर ‘हमला’ जारी रखा.

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पुलिस ने बताया कि महावत के परिवार के सदस्यों को उसकी मौत की ख़बर दे दी गई है. पोस्टमॉर्टम के बाद उसका शव परिवार को सौंप भी दिया गया है. पोस्टमॉर्टम में पता चला कि उसके शरीर पर किसी धारदार हथियार से चोटें पहुंची हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि FIR में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, उनमें रामपाल के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार भी शामिल हैं. सर्किल ऑफिसर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बाक़ी आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है.

हरदोई के एडिशनल SP मार्तंड प्रकाश सिंह ने कहा कि CCTV फ़ुटेज के ज़रिए संदिग्धों की पहचान की जा रही है. घटना में उनकी भूमिका के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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