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राजस्थान में कांग्रेस नेता और पंजाब में AAP विधायक के यहां ED की रेड, किस घोटाले का है आरोप?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास और पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक कुलवंत सिंह के परिसरों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी 48,000 करोड़ रुपये के कथित PACL पोंजी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है.

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कथित PACL पोंजी घोटाले से जुड़े मामले में ये छापेमारियां हुई हैं. (फ़ोटो - इंस्टाग्राम)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक कुलवंत सिंह और राजस्थान के कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के परिसरों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी 48,000 करोड़ रुपये के कथित PACL पोंजी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है.

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ख़बरों के मुताबिक़, ED ने मोहाली में कुलवंत सिंह के आवास, पटियाला में पर्ल ग्रुप द्वारा स्थापित ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जयपुर में खाचरियावास के घर समेत क़रीब 15 परिसरों की तलाशी ली.

Kulwant Singh के यहां ED Raid

63 साल के कुलवंत सिंह रियल एस्टेट फर्म जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड (JLPL) के प्रमोटर हैं. वो 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति के साथ पंजाब के सबसे अमीर विधायक बताए जाते हैं. दिल्ली से पहुंची ED की टीमों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उनके आवास पर तलाशी की. हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, कुलवंत सिंह घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई.

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Khachariyawas क्या बोले?

अपने यहां छापेमारी पर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के ख़िलाफ़ PACL से संबंधित ऐसा कोई मामला नहीं था. उन्होंने कहा कि उन्हें सुबह-सुबह एक नोटिस दिया गया था. जिसमें उनके आवास पर तलाशी का ज़िक्र था. लेकिन इसमें कोई कारण नहीं बताया गया था.

अगस्त 2020 में खाचरियावास ED के सामने पेश हुए थे. तब उनसे PACL मामले और संबंधित ‘भूमि लेनदेन’ में उनके परिवार की कथित संलिप्तता को लेकर कई घंटों तक पूछताछ की गई थी.

बता दें, प्रताप सिंह खाचरियावास अशोक गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं. वो पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं.

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PACL case क्या है?

ताज़ा छापेमारियां कथित पर्ल एग्रो कॉरपोरेशन लिमिटेड (PACL) घोटाले से जुड़ी हैं. बताया जाता है कि इस मामले में 2011 में मूल FIR दर्ज की गई थी. FIR में PACL इंडिया लिमिटेड, PJF लिमिटेड, PACL के प्रमोटर दिवंगत निर्मल सिंह भंगू और अन्य के ख़िलाफ़ मामले दर्ज हैं. तब से देश भर में कंपनी के ख़िलाफ़ कई मामले दर्ज किए गए हैं.

आरोप है कि रियल एस्टेट निवेश की आड़ में निवेशकों से भारी रकम इकट्ठी की गई. फिर इसमें घोटाला किया और पैसे वापस नहीं किये गए. आरोप है कि PACL के डायरेक्टर्स ने निवेशकों के पैसे कई जगहों पर शेल कंपनियों में ट्रांसफ़र करके हड़प लिए.

ED को शक है कि इन नेताओं का PACL योजना से अप्रत्यक्ष संबंध हो सकता है और उन्हें इससे लाभ हो सकता है.

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