भारत में इस समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बोल-बाला है.बड़े शहरों में तो आराम से ईवी स्कूटर या गाड़ी दौड़ते हुए नजर आ जाती हैं. कार कंपनियां भी इस बात को समझ रही हैं इसलिए हर कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां बना रही है. सब कुछ बढ़िया है. लेकिन कुछ अगर बढ़िया नहीं है, तो वो है EV की रेंज. एक तरफ रेंज कम है तो दूसरी तरफ चार्जिंग स्टेशन भी पर्याप्त नहीं. जो हैं भी उनका हाल कुछ अच्छा नहीं. ज्यादातर समय तो बंद ही मिलते हैं. अगर चालू भी है तो पता चला आपकी कार को सपोर्ट नहीं करते. करें तो क्या करें. जाएं तो जाएं कहां. कहीं मत जाइए बल्कि अपनी गाड़ी की रेंज बढ़ाने पर फोकस कीजिए. हम बताते कैसे.
इलेक्ट्रिक कार की रेंज कम मिल रही है? ये तरीका अपना लीजिए फिर मौजां ही मौजां
Increase EV Range Tips: अगर आपके पास एक इलेक्ट्रिक गाड़ी है, तो हो सकता है कि उसकी रेंज आपको परेशान करती हो. मतलब, आपको कहा गया था कि गाड़ी 300 किलोमीटर की दूरी सिंगल चार्ज में तय कर लेगी. लेकिन ये तो सिर्फ 170km की ही रेंज दे रही है. चिंता नहीं करना, आप कुछ तरीकों से अपनी EV की रेंज बढ़ा सकते हैं.


कार कंपनी जो दावा करे उसके 30 फीसदी को पहले ही उड़ा दीजिए. कंपनी कहे 400km तो समझिए 280-300 किलोमीटर का ही जुगाड़ है. कंपनी जो रेंज बता रही वो आइडियल कंडीशन की बात है. सड़क पर गाड़ी को गर्मी, ठंडी, बरसात, ट्रेफिक से जूझना होता है. इसलिए अपनी यात्रा 300 किलोमीटर रेंज के हिसाब से प्लान कीजिए.
अब फोकस कीजिए गाड़ी के ब्रेकिंग सिस्टम पर. इलेक्ट्रिक कारों में कई रीजेन लेवल (रीजनेरेटिव ब्रेकिंग) होते हैं. जैसे कि हाई, लो और मीडियम. रीजेन का मोटिव होता है कि ब्रेक लगाते समय निकली काइनेटिक एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदलना, जिससे बैटरी चार्ज होती है. अलग-अलग रीजेन लेवल ये कंट्रोल करते हैं कि एक्सेलरेटर छोड़ने पर गाड़ी कितनी तेजी से एनर्जी लेती है और कितनी धीमी गति से चलती है. इसलिए हाईवे पर कम रीजेन लेवल का इस्तेमाल (एक्सीलरेटर छोड़ने पर कार की स्पीड धीरे-धीरे कम होना) करने की सलाह दी जाती है.

फास्ट चार्जिंग कार को जल्दी-जल्दी चार्ज तो कर देता है. लेकिन एक समय बाद ये गाड़ी की रेंज को भी प्रभावित कर सकता है. दरअसल, कई स्टडी में पाया गया है कि फास्ट चार्जर के इस्तेमाल से लॉन्ग टर्म में बैटरी क्षमता और गाड़ी की रेंज पर प्रभाव पड़ता है. फिर वो कम ही क्यों न हो. ऐसे में आप चाहें तो इमरजेंसी में फास्ट चार्जर का यूज कर सकते हैं. बाकी दिन नॉर्मल.
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टायर का भी ध्यानलो-रेजिस्टेंस टायरों में खास थ्रेड पैटर्न होते हैं. जिन्हें टायर के घर्षण और रोलिंग ड्रैग से होने वाली एनर्जी की बर्बादी कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. कुछ रिपोर्ट्स में माना गया है, कम प्रतिरोध वाले टायर इलेक्ट्रिक गाड़ी की रेंज को 4-7 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं. हालांकि, इनका प्राइस सामान्य टायरों के मुकाबले ज्यादा होता है.
शहर की तुलना में इलेक्ट्रिक गाड़ियां हाईवे पर कम रेंज देती है. दरअसल, हाईवे पर तेज स्पीड में हवा का प्रतिरोध बढ़ जाता है. EV का मोटर इस प्रतिरोध को कंट्रोल करने के लिए ज्यादा बिजली (बैटरी एनर्जी) खर्च करता है. इससे EV मोटर का एफिशिएंसी हाई स्पीड पर कम हो जाता है. इसलिए कोशिश करें कि हाईवे पर स्पीड ज्यादा न हो. बाकी, शहर में गाड़ी चलाते बार-बार ब्रेक लगाने से बैटरी चार्ज होती रहती है, तो वहां इलेक्ट्रिक व्हीकल ठीक दूरी तय कर लेता है.
अब लंबी दूरी पर ईवी के साथ जाना हो तो आप आराम से जा सकते हैं. क्योंकि इनकी रेंज को थोड़ा-बहुत बढ़ाने का तरीका आपको पता लग ही गया है.
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