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'सुधार का मौका मिलना चाहिए', वडोदरा सड़क हादसे के बाद 'एक और राउंड' चिल्लाने वाले युवक को मिली जमानत

Vadodara Car Accident: गुजरात हाई कोर्ट ने आरोपी Rakshit Chaurasiya को 1 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी. साथ ही इसके लिए कुछ शर्तें भी रखीं. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि हादसे के वक्त आरोपी नशे की हालत में था. उसके शरीर में THC और कोडीन मिलने की पुष्टि हुई थी. इसके अलावा कार की स्पीड 140 किमी प्रति घंटा थी.

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हाई कोर्ट ने आरोपी की सशर्त जमानत दे दी. (Photo: ITG)

गुजरात के वडोदरा में मार्च 2025 में हुए चर्चित कार हादसे में हाई कोर्ट ने आरोपी स्टूडेंट को जमानत दे दी है. गुजरात हाई कोर्ट ने माना कि आरोपी का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह एक स्टूडेंट है. इसलिए उसकी याचिका पर विचार करने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी पहले ही नौ महीने जेल में बिता चुका है.

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मालूम हो कि 13 मार्च 2025 को वडोदरा के करेलीबाग इलाके में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बाहर एक तेज रफ्तार कार ने कई बाइकों को टक्कर मार दी थी. हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 7 लोग घायल हो गए थे. कथित तौर पर कार रक्षित चौरसिया नाम का युवक चला रहा था, जो कि एक लॉ स्टूडेंट है. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसमें रक्षित एक्सीडेंट के बाद कार के बाहर निकलकर सड़क पर जोर से चिल्लाता है- 'एक और राउंड'. तब इस घटना और आरोपी की हरकत की सोशल मीडिया में तीखी आलोचना हुई थी.

नशे की हालत में था आरोपी: पुलिस

पुलिस ने मामले में दाखिल अपनी चार्जशीट में बताया है कि आरोपी उस समय नशे की हालत में था. पुलिस के मुताबिक FSL रिपोर्ट में उसके शरीर में THC और कोडीन पाए जाने की पुष्टि हुई थी. इसके अलावा कार कंपनी से मिले डाटा के हवाले से बताया था कि एक्सीडेंट के समय कार की स्पीड 140 किमी प्रति घंटे थी. सोमवार को गुजरात हाई कोर्ट में रक्षित की जमानत याचिका पर सुनवाई थी.

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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक रक्षित के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उसका हादसे वाली जगह से भागने का कोई इरादा नहीं था. साथ ही उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है. वकील ने बताया कि जबकि प्रांशू चौहान नाम का दूसरा युवक, जो कि कार मालिक का बेटा भी है, वहां से भाग गया था. रक्षित के वकील के मुताबिक प्रांशू को वडोदरा की निचली अदालत ने पहले ही जमानत दे दी थी, यह मानते हुए कि उसकी गिरफ्तारी अवैध थी.

कोर्ट ने क्या कहा?

वहीं राज्य की ओर से पेश हुए असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने रक्षित की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि हादसे के बाद उसका व्यवहार चीखने-चिल्लाने वाला था. वह 'एक और राउंड' चिल्ला रहा था, जो दिखाता है कि उसे हादसे का कोई पछतावा नहीं था. हालांकि कोर्ट ने माना कि आरोपी एक युवा है, उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह 9 महीने से जेल में है. इसलिए उसकी जमानत पर विचार करने की आवश्यकता है और उसे सुधार का मौका मिलना चाहिए, क्योंकि यही कानून का मकसद है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा,

आवेदक (रक्षित) एक युवा व्यक्ति लगता है. उसकी उम्र लगभग 23 साल है. अपराध गंभीर है. आरोप है कि उसने तीन वाहनों से टक्कर मारी, जिससे आठ लोगों को चोट लगी और एक व्यक्ति की मौत हो गई. फिर भी, इस कोर्ट को लगता है कि वर्तमान आवेदक 14 मार्च, 2025 से हिरासत में है और जून 2025 में चार्जशीट दायर की गई है. उसका कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं है. इसलिए रिहाई के लिए इस आवेदन पर विचार करने की आवश्यकता है.

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इन शर्तों के साथ मिली जमानत

इसके बाद हाई कोर्ट ने रक्षित को 1 लाख रुपये के बॉन्ड के साथ जमानत दे दी. कोर्ट ने जमानत के लिए कुछ शर्तें भी रखीं, जिनके मुताबिक उसे पहले छह महीनों तक वडोदरा शहर के संबंधित पुलिस स्टेशन में हर 15 दिन में हाज़िरी लगाना होगा. इसके बाद हर महीने हाजिरी लगाना होगा. साथ ही उसे निर्देश दिया गया है कि वह गुजरात छोड़कर न जाए और अपने पते में किसी भी बदलाव के बारे में इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर को सूचित करे.

वीडियो: वडोदरा एक्सीडेंट में कार चलाने वाला आरोपी 'अनदर राउंड' क्यों चिल्लाया? वजह पता चल गई!

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