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एक्शन में रेखा सरकार, आतिशी के निजी स्टाफ की सेवाएं खत्म, मोहल्ला क्लीनिकों की जांच शुरू

सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस उनके मूल विभाग में रिपोर्ट करने को कहा गया है. AAP सरकार द्वारा शुरू किए गए 'मोहल्ला क्लीनिक' की भी जांच शुरू की गई है.

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सीएम बनते ही रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को आदेश जारी किया है (PHOTO-India Today/PTI)

शपथ ग्रहण के बाद दिल्ली की बीजेपी सरकार एक्शन में दिख रही है. रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और उनके मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं खत्म कर दी हैं. साथ ही अन्य विभागों मे भेजे गए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस उनके मूल विभाग में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है. इन अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर किसी दूसरे विभाग, बोर्ड या कॉर्पोरेशन में भेजा गया था. इसके अलावा सरकार ने स्वास्थ्य और परिवहन विभाग में भी बड़े एक्शन लिए हैं.

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मांगी गई थी लिस्ट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हफ्ते भर (15-16 फरवरी) पहले दिल्ली के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) ने सभी विभागों से एक लिस्ट मांगी थी. GAD ने सभी विभागों के हेड ऑफ डिपार्टमेंट्स, स्वायत्त संस्थाओं और सरकार से संबंधित किसी भी विभाग में अस्थायी या कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम रहे कर्मचारियों के नाम मांगे थे. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि कुछ महीने पहले भी ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट मांगी गई थी जो किसी भी विभाग में ‘अस्थायी’ तौर पर काम कर रहे हैं. सरकार का प्लान था कि इन पदों पर अस्थायी की जगह ‘परमानेंट’ कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए. एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल दिल्ली में 20 हजार से अधिक पदों पर अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं.

(यह भी पढ़ें: दिल्ली कैबिनेट की पहली बैठक में आयुष्मान योजना और CAG रिपोर्ट्स को मंजूरी, लेकिन महिला सम्मान पर फंसी गरारी?) 

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इसके अलावा नई बीजेपी सरकार द्वार जारी आदेश में दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी और बाकी मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं. ये वो कर्मचारी थे जो किसी सरकारी विभाग में स्थायी तौर पर नियुक्त नहीं थे. ये मुख्यमंत्री या मंत्रियों के लिए काम करते हैं इसलिए इन्हें ‘पर्सनल स्टाफ’ कहा जाता है. इन्हें ‘नॉन ऑफिशियल स्टाफ’ भी कहा जाता है. ये किसी सरकारी विभाग का हिस्सा नहीं होते पर सरकार को सलाह देने और कभी-कभी निर्णय लेने में भी इनकी भूमिका अहम होती है. पर्सनल स्टाफ को आमतौर पर किसी सलाहकार समिति या बोर्ड में जगह दी जाती है. अपने चुनावी घोषणापत्र में बीजेपी ने दिल्ली के 50 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही है. सरकार के अस्थायी कर्मचारियों को हटाने के कदम को इसी घोषणापत्र से जोड़कर देखा जा रहा है.

मोहल्ला क्लीनिकों की जांच

दिल्ली सरकार के परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने भी अपने विभाग की बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की हालत बहुत खराब है. मंत्री पंकज कुमार सिंह ने बताया कि सभी मोहल्ला क्लीनिकों, उनमें दवाओं की कमी और डॉक्टर्स द्वारा जारी किए गए प्रिस्क्रिप्शंस की जांच होगी. कैबिनेट की पहली बैठक में आयुष्मान भारत योजना को भी लागू किया गया है. इसके तहत 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया जाएगा. इसमें 5 लाख रुपये दिल्ली सरकार और 5 लाख रुपये का योगदान केंद्र सरकार देगी. साथ ही परिवहन विभाग में भी डीटीसी बसों का आंकलन किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि अभी 40 फीसदी बसें डिपो में ही खड़ी हैं. नई बसें भी नहीं खरीदी गई हैं. इसकी भी जांच होगी. गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

वीडियो: सीएम बनते ही रेखा गुप्ता को आतिशी ने क्या याद दिला दिया?

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