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'3 साल का बच्चा है मेरा...', आतंकी के आगे गिड़गिड़ाए थे भरत, जिंदा बची पत्नी की बातें भावुक कर देंगी

भरत, सुजाता और उनका बच्चा एक तंबू के पीछे थे. वे वहां से देख सकते थे कि क्या हो रहा था. और ये भयानक था. लोगों को खींचा जा रहा था, उनसे पूछताछ की जा रही थी, फिर उन्हें गोली मारी जा रही थी.

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भरत, सुजाता और उनका बच्चा एक तंबू के पीछे दुबके हुए थे. (फोटो- X)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच अशांति का माहौल पैदा कर दिया है. 22 अप्रैल को हुए हमले में आतंकवादियों ने 26 लोगों को मार दिया. मृतकों में बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर भरत भूषण भी शामिल थे. ये घटना उनकी पत्नी रेणुका भूषण और तीन साल के बेटे के सामने हुई. भरत ने आतंकियों से अपने बच्चे का हवाला देकर ‘जान की भीख’ भी मांगी थी, इसके बावजूद आतंकवादियों ने उनके सिर में गोली मार दी.

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अब मृतक की पत्नी सुजाता भूषण ने बताया है कि उन तीनों ने आतंकियों को कम से कम दो अन्य व्यक्तियों को मारते हुए देखा था. वो बैसरन घाटी के मध्य में बने एक टेंट के पीछे छिपे हुए थे. डॉक्टर सुजाता भूषण ने एनडीटीवी से बातचीत में उन भयावह क्षणों के बारे में बताया. वो कहती हैं,

"हम 18 अप्रैल को छुट्टी मनाने गए थे. पहलगाम हमारा आखिरी पड़ाव था. हम उस दिन टट्टू की सवारी करके बैसरन तक गए और जब हम वहां पहुंचे, तो हमने तस्वीरें लीं और अपने बच्चे के साथ खेले. हमने कश्मीरी वेशभूषा भी पहनी. फिर अचानक हमने बहुत सारी गोलियों की आवाज सुनी.”

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सुजाता ने आगे बताया,

"शुरू में फायरिंग की आवाज सुन कर हमने सोचा कि वो बस पक्षियों या जंगली जानवरों को भगा रहे हैं... लेकिन शोर जारी रहा और वे (आतंकी) करीब आते गए. फिर हमें एहसास हुआ कि ये कोई सामान्य बात नहीं है... ये एक हमला है."

भरत की पत्नी बताती हैं कि वहां छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी. सुजाता कहती हैं,

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"आप जानते हैं कि बैसरन कैसा है... ये एक बड़ा मैदान है और हम इसके ठीक बीच में थे. इसलिए हम मैदान के बीच में लगाए गए टेंटों.. कश्मीरी टेंटों के पीछे छिपने लगे."

भरत, सुजाता और उनका बच्चा एक तंबू के पीछे थे. वे वहां से देख सकते थे कि क्या हो रहा था. और ये भयानक था. लोगों को खींचा जा रहा था, उनसे पूछताछ की जा रही थी, फिर उन्हें गोली मारी जा रही थी. सुजाता कहती हैं,

“एक आतंकवादी लगभग 100 फीट दूर एक तंबू में गया... उसने एक आदमी को बाहर निकाला, उससे बात करने लगा, और उसके सिर में गोली मार दी. उसने ऐसा दो बार और किया... मैं सुन नहीं सकी कि वो क्या कह रहा था. लेकिन फिर हमारे तंबू के पास आकर एक आतंकी बोला, "जब हमारे बच्चे पीड़ित हैं तो आप छुट्टियों का आनंद कैसे ले सकते हैं?”"

सुजाता के मुताबिक आतंकी ने एक बुजुर्ग व्यक्ति से कहा, “क्या तुमने खबर नहीं देखी? तुम इस तरह कैसे आनंद ले सकते हो?”, और फिर उसके सिर में भी गोली मार दी.

इसके बाद आतंकवादी भूषण के परिवार के टेंट तक पहुंच गया. उन्होंने बताया,

“वो मेरे पति के पास आया... और उसने कुछ भी नहीं कहा. उसने बस उन्हें गोली मार दी. मेरे पति उससे विनती कर रहे थे, ”मेरा एक बच्चा है... प्लीज मुझे छोड़ दो". लेकिन उसने बस उन्हें गोली मार दी और चला गया..."

बता दें कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में पिछले छह वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला था. फरवरी 2019 में पुलवामा जिले में 40 सैनिकों की हत्या के बाद से ये सबसे बड़ी घटना है.

वीडियो: घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले शख्स ने क्या बताया

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