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यूपी के बहराइच में चल रहे अवैध मदरसे पहुंचे अधिकारी, टॉयलेट में 40 लड़कियां मिलने से खलबली

24 सितंबर को जब अधिकारी निरीक्षण के लिए बिल्डिंग में गए, तो मदरसा संचालकों ने उन्हें ऊपर जाने से रोकने की कोशिश की. बाद में टॉयलेट से 40 लड़कियां निकलीं.

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टॉयलेट में नौ से 14 साल की उम्र की 40 लड़कियां पाई गईं. जिन्हें एक-एक करके बाहर निकाला गया. (फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक मदरसे के निरीक्षण के दौरान वहां के टॉयलेट में 40 लड़कियां पाई गईं. ये सभी लड़कियां नाबालिग हैं जिनकी उम्र नौ से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है. SDM अश्विनी कुमार पांडे के नेतृत्व में हुए इस निरीक्षण में पता चला कि ये मदरसा बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा है. प्रशासन को इस अवैध मदरसे के बारे में कई शिकायतें मिली थीं. जिसके बाद अधिकारियों ने यहां छापेमारी की.

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मदरसे के टॉयलेट में मिलीं 40 लड़कियां

आजतक से जुड़े राम बरन चौधरी की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला बहराइच जिले के पयागपुर तहसील के पहलवारा गांव का है. यहां तीन मंजिला इमारत के अंदर अवैध मदरसा चलाया जा रहा था. इसके संचालन के बारे में प्रशासन को बार-बार शिकायतें मिल रही थीं. पयागपुर के SDM अश्विनी कुमार पांडे ने बताया,

“24 सितंबर को जब हम निरीक्षण के लिए बिल्डिंग में गए, तो मदरसा संचालकों ने पहले तो हमें ऊपर जाने से रोकने की कोशिश की. पुलिस की मौजूदगी में जब हम बिल्डिंग के अंदर दाखिल हुए तो छत पर बने टॉयलेट पर ताला लगा हुआ था.”

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इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया गया और टॉयलेट का दरवाजा खोला गया. बताया गया कि टॉयलेट में नौ से 14 साल की उम्र की 40 लड़कियां पाई गईं. उन्हें एक-एक करके बाहर निकाला गया. अधिकारी ने बताया कि सभी लड़कियां डरी हुई लग रही थीं और कुछ भी साफ-साफ बता नहीं पा रही थीं.

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने क्या बताया?

मामला सामने आने के बाद SDM ने इसकी जानकारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद को दी. खालिद को SDM ने संस्था के रजिस्ट्रेशन की जांच के आदेश दिए हैं. खालिद ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि मदरसा बिना रजिस्ट्रेशन के लगभग तीन साल से चल रहा था. उन्होंने कहा,

"मदरसे में काम रहे स्टाफ और वहां के लोग इसकी वैधता से संबंधित कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं दिखा पाए. 2023 में हुए सर्वे के दौरान, बहराइच में 495 मदरसों की पहचान हुई थी जो रजिस्टर नहीं थे. ऐसा प्रतीत होता है कि ये सर्वे के दौरान किसी तरह से बच गया होगा."

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खालिद ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने अभी तक ऐसे अवैध मदरसों के बारे में कोई स्पष्ट नीति जारी नहीं की है. उन्होंने बताया कि पिछले साल कुछ मदरसों को सील तो किया गया था, लेकिन उनके मैनेजमेंट ने हाईकोर्ट से स्टे का आदेश हासिल कर लिया था. उन्होंने कहा,

"पूछताछ के दौरान हमने पूछा कि मदरसे में आठ कमरे होने के बावजूद लड़कियां टॉयलेट के अंदर क्यों छिपी थीं. इस पर एक टीचर तकसीम फातिमा ने जवाब दिया कि लड़कियों ने घबराहट में खुद को अंदर बंद कर लिया था."

मदरसे को बंद करने आदेश

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक खालिद ने बताया कि मदरसे के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और उसे बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा,

“मैनेजमेंट को निर्देश दिए गए हैं कि वो लड़कियों को सुरक्षित उनके घर भेज दें. और ऐसा लगता है कि सभी अब अपने घर पहुंच गई हैं."

वहीं ASP रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि अभी तक मामले को लेकर कोई FIR दर्ज नहीं की गई है. लड़कियों के माता-पिता, SDM या अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अभी तक मामला दर्ज कराने के लिए संपर्क नहीं किया है. अगर कोई शिकायत मिलती है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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