आंध्र प्रदेश सरकार ने मुमताज होटल को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की जमीन पर प्रस्तावित ओबेरॉय ग्रुप के मुमताज होटल को तिरुमाला से तिरुपति ग्रामीण क्षेत्र में रीलोकेट किया जाएगा. ये फैसला सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. इसका उद्देश्य तिरुमाला की ‘धार्मिक पवित्रता और पर्यावरण के संरक्षण को सुनिश्चित’ करना है. तिरुमाला, भगवान वेंकटेश्वर का पवित्र तीर्थस्थल और लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है.
तिरुपति मंदिर की जमीन पर अब नहीं बनेगा मुमताज होटल, सरकार ने दूसरी जगह भेजा प्रोजेक्ट
ओबेरॉय ग्रुप को पिछली YSRCP सरकार की टूरिज्म पॉलिसी के तहत 2021 में 20 एकड़ जमीन दी गई थी. अब ग्रुप को तिरुपति ग्रामीण मंडल के पेरुरु गांव में 38 एकड़ वैकल्पिक जमीन मिलेगी.

इंडिया टुडे से जुड़ीं अपूर्वा जयचंद्रन की रिपोर्ट के मुताबिक ओबेरॉय ग्रुप को पिछली YSRCP सरकार की टूरिज्म पॉलिसी के तहत 2021 में 20 एकड़ जमीन दी गई थी. अब ग्रुप को तिरुपति ग्रामीण मंडल के पेरुरु गांव में 38 एकड़ वैकल्पिक जमीन मिलेगी. पेरुरु में 38 एकड़ जमीन 2012 में वैष्णवी इंफ्रा वेंचर्स एंड रिसॉर्ट्स लिमिटेड को Temples of India थीम पार्क के लिए आवंटित की गई थी. इसमें से 30.32 एकड़ जमीन उन्हें सौंप दी गई थी. 2021 में, उसमें से 20 एकड़ जमीन ओबेरॉय ग्रुप के रिसॉर्ट प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित की गई थी.
फरवरी 2025 में तिरुमाला तिरुपति मंदिर के कई संत मुमताज होटल के खिलाफ भूख हड़ताल पर चले गए थे. इन संतों का कहना था कि ये लग्जरी प्रोजेक्ट सात पवित्र पहाड़ियों की पवित्रता का उल्लंघन करेगा. इसको लेकर संतों ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को पत्र लिख जवाब भी मांगा था.
मार्च में, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने निर्णायक प्रतिक्रिया देते हुए मुमताज होटल से संबंधित सभी टेंडर्स को रद्द करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था,
“तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की किसी भी जमीन का प्राइवेटाइजेशन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.”
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पिछली सरकार की आलोचना करते हुए नायडू ने कहा था,
"आपने पिछली सरकार को देखा है, जब उन्होंने मुमताज होटल, देवलोक परियोजना आदि के निर्माण की अनुमति दी थी. उन्होंने नाम बदल दिया, लेकिन हमने उनसे कहा कि हम इसके लिए अनुमति नहीं दे सकते."
बता दें कि ओबेरॉय समूह ने कथित तौर पर इस क्षेत्र की आध्यात्मिक प्रकृति को ध्यान में रखते हुए रिजॉर्ट में केवल शाकाहारी भोजन परोसने की पेशकश की थी, लेकिन सरकार अड़ी रही. नायडू ने कहा,
"इस पवित्र स्थान पर किसी भी निजी संस्था को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी."
बाद में उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार कंपनी को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करेगी.
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