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तिरुमाला तिरुपति मंदिर के कई संत भूख हड़ताल पर, मुमताज होटल से जुड़ा ये विवाद क्या है?

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने बताया कि मंदिर के पास मुमताज होटल की योजना आपत्तिजनक है. उन्होंने मांग की कि भूमि मंदिर बोर्ड को वापस कर दी जाए.

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What is Mumtaz Hotel that Tirumala seers are up in arms against
प्रोजेक्ट के लिए आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने होटल कंपनी के साथ ये समझौता किया था. (फोटो- X/इंडिया टुडे)
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प्रशांत सिंह
12 फ़रवरी 2025 (Updated: 12 फ़रवरी 2025, 06:51 PM IST) कॉमेंट्स
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तिरुमाला तिरुपति मंदिर के कई संत मुमताज होटल के खिलाफ भूख हड़ताल पर चले गए हैं. संतों का कहना है कि ये लग्जरी प्रोजेक्ट सात पवित्र पहाड़ियों की पवित्रता का उल्लंघन करेगा. इसको लेकर संतों ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को पत्र लिख जवाब मांगा है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक संतों ने 12 फरवरी को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड कार्यालय में अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी. दरअसल, TTD बोर्ड ने नवंबर 2024 में एक प्रस्ताव पारित किया था. इसमें आंध्र प्रदेश सरकार से मंदिर से सटे अलीपीरी इलाके में मुमताज होटल को दी गई 20 एकड़ जमीन का आवंटन रद्द करने को कहा गया था. योजना के तहत 2026 तक 20 एकड़ के प्लॉट पर 100 कमरों वाला 5 स्टार होटल बनाया जाएगा. इसमें बाद में 'ट्राइडेंट' ब्रांड के तहत 25 कमरे जोड़े जाने का भी प्लान है. ये प्रोजेक्ट 250 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. होटल को मार्च 2027 तक चालू करने की योजना है.

हिंदुओं की भावनाएं आहत होने का दावा

TTD के अध्यक्ष बीआर नायडू ने बताया कि मंदिर के पास मुमताज होटल की योजना आपत्तिजनक है. उन्होंने मांग की कि ये जमीन मंदिर बोर्ड को वापस कर दी जाए.

रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 'देवलोकम' नामक एक प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते थे. सरकारी जमीन 2021-22 में देवलोकम परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश पर्यटन विभाग को दी गई थी. इसके बाद जगन मोहन रेड्डी की YSRCP सरकार ने बालाजी मंदिर की तलहटी में मुमताज होटल के निर्माण के लिए जमीन दे दी. इस प्रोजेक्ट के लिए आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने होटल कंपनी के साथ समझौता किया था.

बीआर नायडू ने बताया कि डॉक्यूमेंट्स जैसे दूसरे हाथों में गए, तो पता चला कि मुमताज नाम से एक 5 स्टार होटल बनाने की योजना है. उन्होंने कहा कि मुद्दा ये है कि मंदिर के रास्ते में मुमताज नामक होटल के कारण हिंदुओं की भावनाएं आहत हो सकती हैं. नायडू ने कहा,

"ये मंदिर के निकट है. इसलिए ये हिंदुओं के लिए अत्यधिक आपत्तिजनक है."

बता दें कि TTD भारत का सबसे अमीर मंदिर बोर्ड है. ये 12 मंदिरों और कुछ छोटे मंदिरों का रखरखाव करता है. इसमें करीब 14,000 लोग काम करते हैं.

मुमताज होटल के लैंड डॉक्यूमेंट्स में क्या है?

मुमताज होटल लिमिटेड की 2024 डायरेक्टर रिपोर्ट के अनुसार भूमि के पट्टे के लिए 2021-22 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. ये समझौता 94 सालों के लिए वैध है. इसमें होटल के निर्माण की चार साल की अवधि भी शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, 

"कंपनी ट्राइडेंट ब्रांड के तहत 2026 तक पहले फेज़ में 100 कमरों का होटल बनाएगी और 2030 तक दूसरे फेज़ में 25 कमरों का होटल बनाएगी और संचालित करेगी."

रिपोर्ट के अनुसार ये होटल मार्च 2027 तक चालू हो जाएगा. ट्राइडेंट तिरुपति के प्रबंधन और संचालन के लिए मुमताज होटल लिमिटेड और EIH लिमिटेड के बीच एक मैनेजमेंट और टेक्निकल सर्विस एग्रीमेंट किया गया है.  EIH लिमिटेड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी ओबेरॉय ग्रुप की एक कंपनी है. मुमताज होटल लिमिटेड, EIH लिमिटेड और GB ग्रुप के बीच एक जॉइंट वेंचर है.

वीडियो: तिरुपति मंदिर में मची भगदड़ का जिम्मेदार कौन है?

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