प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी कल्याणकारी योजनाएं सरकार ने बेघर लोगों को छत देने के लिए शुरू की थी. लेकिन अपने देश में कुछ भ्रष्ट अधिकारी इन योजनाओं को जमीन पर सही से लागू होने नहीं देते. ऐसी योजनाएं अक्सर भ्रष्टाचार का शिकार हो जाती हैं. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के अजमेर से सामने आया है. यहां एक महिला ग्राम विकास अधिकारी को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है.
ग्राम विकास अधिकारी सोनाक्षी यादव 1000 रुपये की घूस लेते गिरफ्तार, PMAY के लाभार्थी दी थी धमकी
ग्राम विकास अधिकारी सोनाक्षी यादव ने उनसे PMAY के तहत मकान की राशि जारी करने के बदले 2500 रुपये की रिश्वत मांगी थी. जिसके बाद उन्होंने पहले तो 1000 रुपये की पेमेंट कर दी. लेकिन सोनाक्षी यहीं नहीं रुकीं. अधिकारी ने बाकी 1500 रुपये और मांगे.


आजतक से जुड़े चंद्र शेखर के इनपुट के मुताबिक ये मामला तब प्रकाश में आया जब एक शिकायतकर्ता ने ACB, अजमेर में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने शिकायत में दावा किया कि ग्राम विकास अधिकारी सोनाक्षी यादव ने उनसे PMAY के तहत मकान की राशि जारी करने के बदले 2500 रुपये की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद उन्होंने पहले तो 1000 रुपये की पेमेंट कर दी, लेकिन सोनाक्षी यहीं नहीं रुकीं. अधिकारी ने कथित तौर पर बाकी 1500 रुपये और मांगे.
शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपी अधिकारी ने आवास योजना का लाभ लेने वाले शख्स को धमकी भी दी. कथित तौर पर कहा कि जब तक पूरी राशि नहीं मिलेगी, मकान की राशि स्वीकृत नहीं होगी. अधिकारी के इस रवैये से तंग आकर लाभार्थी ने ACB से संपर्क किया.
ACB की महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने मामले की जांच के लिए तुरंत टीम का गठन किया गया. उप महानिरीक्षक पुलिस अनिल कयाल के सुपरविजन और निरीक्षक पुलिस कंचन भाटी के नेतृत्व में अजमेर ACB की टीम ने तुरंत कार्रवाई की. टीम ने एक प्लान तैयार किया. जिसके तहत टीम ने सोनाक्षी यादव को शख्स से 1000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
गिरफ्तारी के बाद ACB की टीम सोनाक्षी यादव से पूछताछ कर रही है. उसने अधिकारी के ऊपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज कर लिया है. आगे की जांच में इस बात का खुलासा होने की उम्मीद है कि क्या ये भ्रष्टाचार का इकलौता मामला था या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है.
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