महाराष्ट्र की चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से इस्तीफा देने की मांग कर डाली है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे के अंदर अजित पवार इस्तीफा नहीं देते, तो वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगी. अंजलि दमानिया ने कहा कि अमित शाह से मिलकर वो उस जमीन घोटाले का कच्चा-चिट्ठा खोल देंगी, जिसमें अजित के बेटे पार्थ पवार का नाम सामने आया था.
"अजित पवार 24 घंटे में इस्तीफा दें, वर्ना अमित शाह से मिलकर पूरा सच बता दूंगी"
मामला पार्थ पवार की कंपनी अमेडिया द्वारा खरीदी गई 40 एकड़ जमीन से जुड़ा है. अंजलि दमानिया ने कहा कि इस मुद्दे पर वो अमित शाह से मिलने के लिए उनके ऑफिस को ई-मेल कर समय मांग चुकी हैं. अगर समय नहीं मिला तो दिल्ली में गृह मंत्री के घर के बाहर धरना देने तक जा सकती हैं.


अंजलि दमानिया ने कहा कि इस मुद्दे पर वो अमित शाह से मिलने के लिए उनके ऑफिस को ई-मेल कर समय मांग चुकी हैं. साथ ही ये भी कहा कि अगर समय नहीं मिला तो दिल्ली में गृह मंत्री के घर के बाहर धरना देने तक जा सकती हैं.
मामला पार्थ पवार की कंपनी अमेडिया द्वारा खरीदी गई 40 एकड़ जमीन से जुड़ा है. इंडिया टुडे के अभिजीत करांडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के मुंधवा इलाके की ये सरकारी जमीन पहले ‘महार वतन’ के पास थी. बाद में ये जमीन महाराष्ट्र सरकार के पास चली गई. फिलहाल, ये जमीन इंडियन बॉटनिकल सोसायटी को लीज पर दी गई है. इसकी 7/12 मालकी सरकार के पास है. कलेक्टर इसके कस्टोडियन हैं.
आरोप है कि अमेडिया डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस जमीन पर ‘अवैध कब्जा’ करने की कोशिश की. कंपनी में पार्थ पवार के पास 99% शेयर हैं. और 1% शेयर उनके रिश्तेदार दिग्विजय पाटिल के पास हैं. कंपनी ने शीतल तेजवानी के साथ मिलकर ये जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी थी. शीतल के पास पुराने महार वतनदार परिवारों से मिली पावर ऑफ अटॉर्नी थी.
आरोप है कि इस जमीन की असल कीमत पर स्टांप ड्यूटी 21 करोड़ बनती थी. लेकिन IT पार्क बनाने का हवाला देकर महज 500 रुपये में ही रजिस्ट्रेशन करा लिया गया. जून 2024 में कथित तौर पर बाउंसरों के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश भी की गई थी.
पुणे के कलेक्टर जितेंद्र डुडी ही इस जमीन के कस्टोडियन हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने न तो खरीद-फरोख्त के समय कोई एक्शन लिया, न ही इंडियन बॉटनिकल सोसायटी की शिकायत पर कोई कार्रवाई की गई.
अजित पवार ने बाद में क्या किया?
घोटाला सामने आने के बाद अजित पवार ने एकतरफा लेन-देन रद्द करने की घोषणा कर दी. लेकिन कानूनी प्रक्रिया के बिना ऐसा नहीं हो सकता. आरोप है कि एग्रीमेंट रद्द करने पर भी दोबारा जो स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है, वो भी नहीं दी गई. जमीन अभी भी बॉटनिकल सोसायटी के पास ही है.
मामला सामने आने के बाद कंपनी के 99% शेयरधारक पार्थ पवार पर अब तक कोई FIR नहीं की गई है. लेकिन 1% हिस्सेदारी रखने वाले दिग्विजय पाटिल और शीतल तेजवानी पर FIR दर्ज हुई है.
SIT जांच पर भी सवाल
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कथित घोटाले की जांच के लिए अतिरिक्त राजस्व सचिव विकास खारगे की अगुआई में SIT बनाई थी. लेकिन अंजलि दमानिया का कहना है कि SIT में पुणे के ही 5 अधिकारी हैं. वो कह रही हैं कि निष्पक्ष जांच तभी होगी जब रिटायर्ड जज और IPS अधिकारी की अगुआई में जांच हो.
अंजलि दमानिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि 24 घंटे में अजित पवार इस्तीफा नहीं देते तो वो अमित शाह से मिलकर सारे डॉक्यूमेंट्स सौंप देंगी. जरूरत पड़ी तो उनके घर के बाहर धरना भी देंगी.
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