आजकल मौसम गिरगिट की तरह रंग बदल रहा है. मई के महीने में आंधी-तूफ़ान आ रहे हैं. जितना भी बच लो, घर में धूल-मिट्टी कहीं न कहीं से घुस रही है. इसलिए इस मौसम में कई लोगों को गले में ख़राश, ज़ुकाम और छींकें आ रही हैं. कान में खुजली हो रही है. कुल-मिलाकर, इस मौसम में धूल-मिट्टी से नाक-कान-गले तीनों का ही हाल बेहाल है.
धूल मिट्टी उड़ने से गले में ख़राश, नाक जाम और कान में खुजली क्यों होती है?
जिन मरीज़ों का गला, नाक और कान सेंसेटिव होते हैं. उन्हें एलर्जी की ज़्यादा शिकायत होती है.
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अब मौसम पर तो हमारा बस नहीं है. मगर इस दिक्कत से कैसे बचें, ये ज़रूर हम आपको बता सकते हैं.
धूल-मिट्टी उड़ने से गले में ख़राश क्यों होती है?
ये हमें बताया डॉक्टर रविंदर सिंह चौहान ने.

गला साफ़ हवा में सांस लेने के लिए बना है. नाक में फिल्टर होते हैं जो हवा को साफ करते हैं, लेकिन ऐसे फ़िल्टर गले में नहीं होते. कुछ लोगों का गला ज़्यादा सेंसेटिव होता है. ऐसे में धूल-मिट्टी के कण उनके गले में जाकर एलर्जी पैदा करते हैं. इससे गले में ख़राश महसूस होती है.
नाक और कान में खुजली की समस्या क्यों होती है?
नाक और कान में खुजली का कारण भी एलर्जी है. जिन मरीज़ों की नाक और कान सेंसेटिव होते हैं. उनमें जैसे ही धूल-मिट्टी के कण नाक के अंदर पहुंचते हैं. शरीर छींकें मारता है, नाक बहती है या बंद हो जाती है ताकि एलर्जी से बचा जा सके. नाक और कान अंदर से एक ट्यूब के ज़रिए जुड़े होते हैं. इसलिए, जिन्हें नाक में एलर्जी होती है, उन्हें कान में भी खुजली हो सकती है.

इससे बचा जैसे जाए?
- नाक और कान की खुजली से बचने के लिए धूल-मिट्टी से दूर रहें.
- अगर धूल-मिट्टी है तो मास्क पहन लें.
- घर की साफ-सफाई के लिए झाड़ू की जगह वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें.
- नाक और कान में खुजली से बचने के लिए एयर प्योरिफायर का इस्तेमाल करें.
- जिन मरीज़ों को नाक और कान में एलर्जी ज़्यादा होती है.
- उन्हें घर में एयर प्योरिफायर लगाने की सलाह दी जाती है.
- इससे नाक और कान की खुजली काफी हद तक कंट्रोल की जा सकती है.
इलाज
ज़्यादातर मामलों में ये परेशानी हल्की होती है. अगर किसी मरीज़ को ये दिक्कत बहुत ज़्यादा हो रही है या लंबे समय से है तो डॉक्टर उनके एक-दो टेस्ट करते हैं. फिर टेबलेट या स्प्रे के रूप में दवाइयां देकर इलाज करते हैं. अगर आप घर से बाहर हैं और आंधी तूफ़ान आ जाए तो मास्क लगाएं या गीला रूमाल मुंह पर रखें. डॉक्टर साहब ने जो टिप्स बताई हैं, उनका ध्यान रखिए. आराम मिलेगा
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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