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लिप फिलर्स डिज़ॉल्व कराने से उर्फी जावेद का चेहरा इस वजह से सूज गया

लिप फिलर एक तरह का कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है. इसमें इंजेक्शन के ज़रिए हायलूरोनिक एसिड होंठों में डाला जाता है. जब कोई व्यक्ति अपने होंठों से फिलर हटवाना चाहता है, तो इसे फिलर डिज़ॉल्व कराना कहते हैं.

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उर्फी जावेद ने लिप फिलर्स से जुड़ा एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर डाला था

उर्फी जावेद अक्सर अपने खास फैशन सेंस और अतरंगी ड्रेसिंग स्टाइल को लेकर चर्चा में रहती हैं. आजकल सोशल मीडिया पर उनके कुछ फोटोज़ और वीडियोज़ काफ़ी वायरल हो रहे हैं. इसमें वो अपने लिप फिलर डिज़ॉल्व करवाती हुई नज़र आ रही हैं. उनके चेहरे पर बहुत सूजन है. नाक, गाल और होंठ एकदम सूज गए हैं.

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उर्फी ने अपने फैंस को बताया कि उन्होंने काफ़ी साल पहले लिप फिलर्स लिए थे. लेकिन हाल-फिलहाल में उन्होंने अपने फिलर्स को डिज़ॉल्व कराने का फैसला लिया यानी उन्हें घुलवाने का. दरअसल फिलर्स अपनी जगह से खिसक गए थे. उर्फ़ी ने ये भी बताया कि फिलर्स को डिज़ॉल्व कराना दर्दनाक होता है.

आजकल कई लोग अपने होंठों को भरा-सा दिखाने के लिए लिप फिलर्स लेते हैं. आपने इंटरनेट पर कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो देखी होंगी, जिसमें लिप फिलर लेने के बाद होंठ एकदम सूजे हुए दिखते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि या तो लिप फिलर ठीक से नहीं दिया गया या बहुत ज़्यादा दे दिया गया है.

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हमने ब्लॉसम कोचर ग्रुप ऑफ कंपनीज़ की चेयरपर्सन और स्किनकेयर एक्सपर्ट, डॉक्टर ब्लॉसम कोचर से इन लिप फिलर्स पर बात की. उनसे जाना ये लिप फिलर्स किस चीज़ के बने होते हैं. किन गलतियों के चलते ये होंठों का शेप ख़राब कर देते हैं. इनको हटवाने के बाद चेहरा इतना सूज क्यों जाता है.

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डॉ. ब्लॉसम कोचर, स्किनकेयर एक्सपर्ट एंड चेयरपर्सन, ब्लॉसम कोचर ग्रुप ऑफ कंपनीज़

डॉक्टर ब्लॉसम बताती हैं कि लिप फिलर एक तरह का कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है. इसे होंठों को भरा हुआ और शेप में दिखाने के लिए कराया जाता है. इसमें इंजेक्शन के ज़रिए हायलूरोनिक एसिड होंठों में डाला जाता है. वैसे तो हायलूरोनिक एसिड शरीर में नेचुरली भी पाया जाता है. पर उम्र बढ़ने के साथ वो कम होने लगता है.

लिप फिलर देने से पहले होंठों को सुन्न किया जाता है. इसके लिए एक क्रीम या दवाई लगाई जाती है ताकि दर्द न हो. सिरिंज में भी पहले से थोड़ा एनेस्थीसिया रहता है. जिससे दर्द बहुत ही कम हो जाता है. फिर होंठों में जहां-जहां ज़रूरत है, वहां-वहां लिप फिलर को इंजेक्ट किया जाता है. पूरा प्रोसेस 15 से 30 मिनट में हो जाता है. ये लिप फिलर कम से कम 6 से 9 महीने के लिए चलते हैं.

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अगर आप लिप फिलर कराने की सोच रहे हैं, तो इसे किसी एक्सपर्ट से ही कराएं. जो प्रोडक्ट डाला जा रहा है, वो भी अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए. अगर पहले से कोई एलर्जी या स्किन की कोई बीमारी है, तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं. इंटरनेट से देखकर खुद ये ट्राई न करें. ये ख़तरनाक हो सकता है.

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जब कोई व्यक्ति अपने होंठों से फिलर हटवाना चाहता है, तो इसे फिलर डिज़ॉल्व कराना कहते हैं (फोटो: Freepik)

जब कोई व्यक्ति अपने होंठों से फिलर हटवाना चाहता है, तो इसे फिलर डिज़ॉल्व कराना कहते हैं. इसके लिए होंठों में हाय-लूरो-निडेस नाम का तत्व डाला जाता है. ये लिप फिलर में मौजूद हायलूरोनिक एसिड को तोड़ देता है. इससे फिलर धीरे-धीरे घुलने लगता है. फिलर डिज़ॉल्व करने में 10 से 15 मिनट का समय लगता है. फिर 24 से 72 घंटों में असर दिखना शुरू हो जाता है. पूरा असर दिखने में करीब 2 हफ्ते लगते हैं.

फिलर डिज़ॉल्व कराने के बाद सूजन, जलन या रेडनेस होना नॉर्मल है क्योंकि होंठ बहुत सेंसेटिव होते हैं. लेकिन अगर सूजन बहुत ज़्यादा है. दर्द बहुत हो रहा है. चेहरा भयंकर लाल पड़ गया है. तो ये शरीर में एलर्जिक रिएक्शन का इशारा हो सकता है. उर्फी के केस में भी यही लग रहा है.

आमतौर पर तो ऐसा नहीं होता, पर कभी-कभी हाय-लूरो-निडेस एलर्जी पैदा कर सकता है. खासकर अगर पहले पैच टेस्ट न किया गया हो. पैच टेस्ट यानी पहले स्किन के छोटे से हिस्से पर चेक करना कि कहीं कोई रिएक्शन तो नहीं हो रहा.

हालांकि उर्फी की ये सूजन परमानेंट नहीं है. वो ठीक हो जाएंगी. आमतौर पर सूजन 1 से 3 दिन में कम हो जाती है. अगर सूजन ज़्यादा है, तो हफ्ताभर भी लग सकता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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