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युवाओं में फैल रहा Prostate Cancer, ना होने के लिए क्या करें, हो जाए तो क्या करें?

शरीर में कोई भी कैंसर होने का कारण DNA में होने वाला बदलाव है. ये बदलाव कैंसर की फैमिली हिस्ट्री या लाइफस्टाइल की वजह से हो सकता है.

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प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं

कैंसर. बीमारी ऐसी कि नाम सुनकर ही आदमी घबरा जाए. कभी बुज़ुर्गों को होता था, अब कम उम्र में ही होने लगा है. हम बात कर रहे हैं Prostate Cancer की. प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को होता है. कुछ साल पहले तक, प्रोस्टेट कैंसर उम्रदराज़ लोगों को होने वाली बीमारी थी. लेकिन अब युवाओं में भी प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.

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World Health Organization की एक एजेंसी है. International Agency for Research on Cancer.  इस एजेंसी के मुताबिक, साल 2022 में हमारे देश में 14 लाख से ज़्यादा कैंसर के नए मामले आए थे. इनमें से 37,948 मामले प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े हुए थे और ये एक बहुत बड़ी संख्या है. इसलिए, आज डॉक्टर से जानिए कि प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है. इसके लक्षण क्या हैं. प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए किस तरह के टेस्ट करवाने चाहिए. और सबसे ज़रूरी बात, ये बीमारी युवाओं को क्यों हो रही है.

प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर सैयद मो. ग़ौस ने.

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डॉ. सैयद मो. ग़ौस, सीनियर कंसल्टेंट, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी, हैदराबाद

शरीर में कोई भी कैंसर होने का कारण Genetic Mutation यानी DNA में होने वाला बदलाव है. ये जेनेटिक म्यूटेशन फैमिली हिस्ट्री, परिवार में कैंसर या लाइफस्टाइल की वजह से हो सकता है. अगर परिवार में किसी व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है तो अगली पीढ़ी को प्रोस्टेट कैंसर होने का चांस ज़्यादा है. इसे हेरेडिटरी प्रोस्टेट कैंसर (Hereditary prostate cancer) कहते हैं. 

कुछ लाइफस्टाइल फैक्टर्स भी ज़िम्मेदार होते हैं. जैसे वज़न ज़्यादा होना. मेटाबॉलिक सिंड्रोम होना जैसे Hypercholesterolemia या Blood Pressure की दिक्कत. पोषण से भरपूर डाइट न मिलना. रोज़ एक्सरसाइज़ न करना. इन सारे कारणों से प्रोस्टेट कैंसर होने का चांस बढ़ जाता है. 

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण

वैसे तो प्रोस्ट्रेट कैंसर के कोई खास शुरुआती लक्षण नहीं होते. लेकिन अगर किसी को पेशाब करने में दिक्कत हो रही है. पेशाब रुक-रुक हो रहा है. रात में काफी बार पेशाब जाने की ज़रूरत पड़ रही है. पेशाब में खून आ रहा है. पेशाब रोका नहीं जा रहा तो ऐसे लोग यूरोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी जांच कराएं.

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प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए PSA टेस्ट किया जाता है

प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए किस तरह के टेस्ट करवाने चाहिए?

प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है. इसे PSA टेस्ट यानी Prostate-Specific Antigen Test कहते हैं. हालांकि सिर्फ प्रोस्टेट कैंसर की वजह से ही खून में PSA की मात्रा नहीं बढ़ती. PSA प्रोटीन कुछ दूसरी वजहों से भी बढ़ सकता है. जैसे पेशाब का इंफेक्शन होना. प्रोस्टेट का इंफेक्शन होना. पेशाब पूरी तरह से रुक जाना. पेशाब की नली लगना. हाल-फ़िलहाल में की गई सेक्शुअल एक्टिविटी. अगर किसी को प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण महसूस होते हैं या उन्हें पेशाब करने में दिक्कत होती है तो वो तुरंत अपने यूरोलॉजिस्ट से मिलें ताकि PSA टेस्ट के साथ-साथ दूसरी ज़रूरी जांचें भी हो सकें.

बुज़ुर्गों को होने वाला प्रोस्टेट कैंसर अब युवाओं को क्यों हो रहा?

प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ने के कई कारण हैं. अब लोग ज़्यादा जागरूक हैं. PSA ब्लड टेस्ट से अब आसानी से प्रोस्टेट कैंसर का पता लग जाता है. लाइफस्टाइल में बदलावों के कारण भी युवाओं में प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. जैसे सुस्त जीवनशैली. ज़्यादा खेलकूद न करना. रोज़ एक्सरसाइज़ न करना. सिगरेट और शराब पीना. वज़न ज़्यादा होना. ज़्यादा स्ट्रेस होना. इन सारी वजहों से भी प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. अगर किसी के परिवार में कोई प्रोस्टेट कैंसर का मरीज़ है तो ऐसे लोग भी 45-50 साल की उम्र में अपनी जांच करा लें. ऐसे लोगों को प्रोस्टेट कैंसर होने का रिस्क, बाकी लोगों से 3-4 गुना ज़्यादा होता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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