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पतला होने के लिए ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर स्किप करते हैं, जानें शरीर के साथ क्या हो रहा है

जब हम लंच या डिनर नहीं करते हैं, तो शरीर स्ट्रेस में चला जाता है. इससे खून में शुगर का लेवल कम हो जाता है. सिरदर्द होने लगता है.

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कहीं आप भी तो वज़न घटाने के लिए मील स्किप नहीं कर रहे? (फोटो: Freepik)

‘नाश्ता और डिनर नहीं करूंगा. देर तक भूखा रहूंगा. देखता हूं, ये वज़न कैसे कम नहीं होता.’ 

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भई, जिन्हें वज़न घटाना है. उनके मन में ये ख्याल ज़रूर आता है. कई लोग तो इस ख्याल को हकीकत में तब्दील भी कर देते हैं. घंटों भूखे रहते हैं. कभी सुबह का नाश्ता नहीं करते. कभी लंच नहीं करते, तो कभी डिनर स्किप कर देते हैं. अगर आपको लगता है, खाना स्किप करने से वज़न घटाने में मदद मिलती है, तो आप गलत हैं. खाना स्किप करने से कोई फायदा नहीं होता. उल्टा नुकसान होता है. 

डॉक्टर से जानिए कि अगर आप खाना स्किप करते हैं, सुबह का नाश्ता, लंच या डिनर नहीं करते, तो शरीर में क्या होता है. लंबे समय तक भूखा रहने के क्या नुकसान हैं. ख़ासतौर पर सुबह का नाश्ता क्यों स्किप नहीं करना चाहिए. और कितनी-कितनी देर में खाना चाहिए.

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खाना स्किप करने से शरीर में क्या होता है?

ये हमें बताया डाइटिशियन वंदना वर्मा ने. 

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वंदना वर्मा, प्रिंसिपल डाइटिशियन, सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली

खाना स्किप करने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है. हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिसे ईंधन की ज़रूरत होती है. जब हम लंच या डिनर नहीं करते हैं, तो शरीर स्ट्रेस में चला जाता है. इससे खून में शुगर का लेवल कम हो जाता है. सिरदर्द होने लगता है. थकान महसूस होती है. मूड स्विंग्स होने लगते हैं. एनर्जी भी कम हो जाती है.

लंबे समय तक भूखा रहने के क्या नुकसान हैं?

लोगों को लगता है कि खाना स्किप करने से उनका वज़न कम हो जाएगा. लेकिन ये सही नहीं है. इससे मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है. शरीर एनर्जी बचाने के लिए स्टारवेशन मोड में चला जाता है. यानी कम कैलोरी खर्च करता है. इससे वज़न घटाना और मुश्किल हो जाता है. 

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रिसर्च बताती है कि जब हम खाना छोड़ते हैं, तो हमें कम एनर्जी मिलती है. हमारी डाइट की क्वालिटी ख़राब हो जाती है. सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. देर तक खाना न खाने से अचानक बहुत कमज़ोरी लगने लगती है. ध्यान लगाने में दिक्कत आती है. ब्लड शुगर लेवल गड़बड़ा जाता है. एसिडिटी, ब्लोटिंग (पेट फूलना) और बिंज ईटिंग (ज़्यादा खाना) भी कर सकते हैं.

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दोपहर 1 बजे तक लंच और रात 8 बजे तक डिनर कर लेना चाहिए (फोटो: Freepik)

हर कितनी देर में खाना चाहिए?

हमें हमेशा बैलेंस्ड डाइट लेनी चाहिए. इसमें तीन बड़े मील और दो स्नैक्स शामिल हैं. इससे शरीर को सारे ज़रूरी पोषक तत्व मिलते हैं. अपने खाने का टाइम ठीक रखना बहुत ज़रूरी है. जैसे सुबह 7-8 बजे तक नाश्ता कर लें. 10-11 बजे के करीब फल खा सकते हैं. नारियल पानी, सत्तू का घोल या जूस भी ले सकते हैं. इससे एनर्जी बनी रहती है और ध्यान लगाने में भी मदद मिलती है. दोपहर 1 बजे के करीब लंच कर लें. रात 8 बजे तक डिनर कर लें. सोने से पहले दूध पी सकते हैं. अगर किसी को इन्फेक्शन है या सर्जरी हुई है, तो दूध में कच्ची हल्दी डालकर पीना बहुत फायदेमंद होता है.

सुबह का नाश्ता स्किप करने के नुकसान

सबसे ज़रूरी सुबह का नाश्ता होता है. ब्रेकफास्ट का मतलब ही है- ब्रेक द फास्ट (यानी रातभर के उपवास को तोड़ना). इसलिए हमें रोज़ ब्रेकफास्ट ज़रूर करना चाहिए. अगर हम नाश्ता नहीं करते, तो दिनभर थकान रहती है. चिड़चिड़ापन रहता है और ध्यान लगाना मुश्किल होता है. कई मरीज़ एसिडिटी की शिकायत करते हैं क्योंकि वो नाश्ता नहीं करते. खाली पेट रहने से एसिड रिफ्लक्स हो जाता है यानी सीने में जलन. इसलिए, सुबह एक बैलेंस्ड डाइट लेनी चाहिए. रिसर्च में भी पाया गया है कि जो लोग नाश्ता नहीं करते. उन्हें मोटापा, डायबिटीज़ और हाई बीपी जैसी बीमारियों का ख़तरा ज़्यादा होता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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