हमारी हड्डियां. ये हर वक्त शरीर का साथ देती हैं. चाहें हम चल रहे हों. दौड़ रहे हों. बैठे हों या फिर आराम कर रहे हों. हड्डियां लगातार काम करती हैं. पर इनके इतने ज़रूरी होने के बावजूद, हम इनका ख्याल नहीं रखते. इससे हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं. उनमें दर्द होने लगता है. चलने-फिरने में तकलीफ होती है. बहुत जल्दी चोट लगने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. मगर इन सारी दिक्कतों से बचा जा सकता है. बस आपको ये समझना है कि आखिर हड्डियां कमज़ोर क्यों हो रही हैं.
आपकी इन गलतियों से कमज़ोर होती हैं हड्डियां, ऐसे कराएं इलाज
हड्डियां कमज़ोर होना एक बहुत ही आम समस्या है. जब हमारी डाइट सही नहीं होती, या हम कुछ खास गलतियां करते हैं. तब हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं.
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किन वजहों से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं?
ये हमें बताया डॉक्टर मयंक दरल ने.

हड्डियां कमज़ोर होने की सबसे बड़ी वजह कैल्शियम और विटामिन D की कमी है. महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ कुछ हॉर्मोनल बदलाव होते हैं. इससे ऑस्टियोपोरोसिस नाम की बीमारी हो सकती है. इस बीमारी में हड्डी बनाने वाले सेल्स ऑस्टियोब्लास्ट कम काम करने लगते हैं. वहीं, हड्डी को तोड़ने वाले सेल्स ऑस्टियोक्लास्ट बढ़ जाते हैं, जिससे हड्डियां कमज़ोर हो जाती है.
अब बात एक्सरसाइज़ की. भारत में बहुत-से लोग एक्सरसाइज़ करना पसंद नहीं करते. इससे शरीर में कैल्शियम और विटामिन D का मेटाबॉलिज़्म ठीक से नहीं हो पाता. जिससे शरीर को इन पोषक तत्वों का पूरा फायदा नहीं मिलता और हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं.
हड्डियों के कमज़ोर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
जब हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, तो शरीर कुछ संकेत देता है. लोग अक्सर इन्हें मामूली दर्द समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. जैसे घुटनों में दर्द होना. कमर में दर्द होना. कंधे में दर्द होना. ये सभी इशारा करते हैं कि हड्डियां कमजोर हो रही हैं.
दूसरा, मांसपेशियों में स्पाज़्म (ऐंठन) आना. शरीर का सारा भार हड्डियां उठाती हैं. जब हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, तो मांसपेशियों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है. इस वजह से स्पाज़्म यानी मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है.
तीसरा, हल्की-सी चोट लगने पर भी हड्डी टूट जाना. ये सभी हड्डियां कमज़ोर होने के लक्षण हैं.

कमज़ोर हड्डियों का इलाज कैसे किया जाए?
अगर हड्डियां कमज़ोर हैं तो घबराइए मत, इसका इलाज मुमकिन है. सबसे पहले ये देखें कि आपकी उम्र कितनी है. अगर आपकी उम्र 45 साल से कम है. तब पहले ये पता लगाएं कि दर्द हड्डियां कमजोर होने की वजह से है. या कहीं और, जैसे घुटने की चोट (मिनिसकस या ACL टियर) या कमर की डिस्क की समस्या की वजह से. इसके लिए डॉक्टर से मिलकर सही जांच कराएं ताकि गलत ट्रीटमेंट न हो.
अगर हड्डियों के कमजोर होने का पता हो जाए, तो कैल्शियम और विटामिन D के टेस्ट कराएं. फिर शरीर में कैल्शियम और विटामिन D की कमी पूरी करें.
साथ ही, रोज़ एक्सरसाइज़ करें. ऐसा करने से आपकी हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद मिलेगी. अगर आपकी उम्र 45 या 50 साल से ऊपर है, तो लक्षणों के आधार पर BMD टेस्ट (DEXA स्कैन) करवाएं. इससे हड्डियों की ताकत और कमज़ोरी का सही पता लग जाएगा. फिर टेस्ट के नतीजों के हिसाब से ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डी से जुड़ी दूसरी बीमारी का इलाज शुरू होगा.
हड्डियां कमज़ोर न हों, इसके लिए क्या करें?
अगर आप युवा हैं तो रोज़ एक्सरसाइज़ ज़रूर करें. शरीर में कैल्शियम और विटामिन D का लेवल बनाए रखना ज़रूरी है. इसके लिए रोज़ सुबह जल्दी 10-15 मिनट धूप में बैठें. युवा कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट कम से कम लें. साथ ही, हाई प्रोटीन वाली डाइट भी लें.
खाने की बुरी आदतों से भी बचना ज़रूरी है. रोज़-रोज़ ज़्यादा चाय पीने से बचें. ज़्यादा कॉफी पीने से भी कैल्शियम के एब्ज़ॉर्प्शन (अवशोषण) पर असर पड़ता है.
जैसा डॉक्टर साहब ने बताया. हाई प्रोटीन डाइट लेना बहुत ज़रूरी है. इसके लिए आप दूध, दही, पनीर ले सकते हैं. ये कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स हैं. इसके साथ ही अंडे, टोफू, सोया चंक्स, चना, राजमा, बादाम, अखरोट, मछली और चिकन खा सकते हैं. वहीं विटामिन D के लिए रोज़ थोड़ी देर धूप में रहें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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