शरीर को हेल्दी रखने के लिए आप क्या-क्या करते हैं? जिम जाते हैं. डाइटिंग करते हैं. हेल्दी खाते हैं. लेकिन दिमाग का क्या? स्ट्रेस, नींद की कमी और बढ़ती उम्र, इन सबका आपके दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए शरीर के साथ-साथ दिमाग को हेल्दी रखना भी ज़रूरी है. इसमें आपकी मदद करेंगे तीन नट्स.
दिमाग तेज़ करना है, याद्दाश्त बढ़ानी है? ये तीन चीज़ें अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें
स्ट्रेस, नींद की कमी और बढ़ती उम्र, इन सबका आपके दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए शरीर के साथ-साथ दिमाग को हेल्दी रखना भी ज़रूरी है.


इनके बारे में हमें बताया आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में डायटेटिक्स डिपार्टमेंट की हेड, डॉक्टर शबाना परवीन ने.

डॉक्टर शबाना बताती हैं कि ब्रेन हेल्थ सुधारने और याद्दाश्त तेज़ करने के लिए आप अखरोट खा सकते हैं. इसका तो शेप भी ब्रेन जैसा होता है. अखरोट में ओमेगा-थ्री फैटी एसिड्स पाए जाते हैं. ये दिमाग के सेल्स को नुकसान से बचाते हैं. उन्हें मज़बूत बनाते हैं. न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन सुधारते हैं. न्यूरॉन्स वो सेल्स हैं, जो दिमाग के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक सिग्नल लेकर जाते हैं. अखरोट खाने से सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है. याद्दाश्त और मूड भी बेहतर होता है.

आप एक दिन में 4 से 5 अखरोट खा सकते हैं. अखरोट को रात में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं.
हालांकि जिन्हें पेट से जुड़ी कोई दिक्कत है. खून पतला करने वाली या थायरॉइड की दवाइयां खा रहे हैं. या यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है. उन्हें डॉक्टर से पूछकर ही अखरोट खाने चाहिए.
दिमाग को तंदुरुस्त रखने के लिए आप बादाम भी खा सकते हैं. बादाम में भरपूर मात्रा में विटामिन E पाया जाता है. ये एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है. एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के सेल्स को नुकसान से बचाते हैं. इसमें दिमाग के सेल्स भी शामिल हैं. सेल शरीर का बेसिक यूनिट हैं. शरीर का हर हिस्सा सेल से बना है. जब सेल्स मज़बूत होते हैं, तो बीमारियों का रिस्क घटता है. बादाम अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है. अल्ज़ाइमर भूलने की बीमारी है.
आपने सुना भी होगा, जिनकी याद्दाश्त कमज़ोर होती है, उन्हें बादाम खाने को कहा जाता है.

बादाम में मैग्नीशियम और ज़िंक जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं. ये न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन सुधारते हैं. साथ ही, मूड को भी अच्छा रखते हैं. बादाम में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स होते हैं. जिनसे दिमाग को एनर्जी मिलती है. आप दिन में 5 से 6 भीगे हुए बादाम खा सकते हैं.
हालांकि जिन्हें किडनी स्टोन है या पहले कभी हुआ है. या जो शुगर की दवाइयां लेते हैं. उन्हें डॉक्टर से पूछकर ही बादाम खाने चाहिए.
दिमाग को एनर्जेटिक और हेल्दी रखने के लिए आप पिस्ता भी खा सकते हैं. ये दिमाग में खून का फ्लो सुधारता है और मानसिक थकान कम करता है. पिस्ते में विटामिन B6 होता है. ये डोपामीन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर्स का प्रोडक्शन बढ़ाता है. न्यूरोट्रांसमीटर्स केमिकल मैसेंजर्स हैं, जो एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक सिग्नल पहुंचाते हैं. डोपामीन और सेरोटोनिन इंसान का मूड सुधारते हैं. उन्हें अच्छा महसूस करवाते हैं.
पिस्ता में थायमिन और कॉपर भी होता है. ये दोनों ही दिमाग के सेल्स को एनर्जी देते हैं. पिस्ता एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है. इससे ब्रेन एजिंग धीमी होती है.
आप रोज़ 10 से 15 पिस्ते खा सकते हैं, लेकिन बिना नमक वाले. इन्हें आप ओट्स या स्मूदी में भी डाल सकते हैं.
पिस्ता में कैलोरी ज़्यादा होती है. इसलिए जिन्हें अपना वज़न घटाना है. उन्हें पिसते कम ही खाने चाहिए.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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