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मूंगफली या बादाम, ज़्यादा प्रोटीन किसमें होता है?

मूंगफली और बादाम दोनों में ही खूब प्रोटीन होता है, लेकिन ज्यादा किसमें होता है?

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सर्दियों में मूंगफली और बादाम दोनों खाए जा सकते हैं

मूंगफली और बादाम के अपने-अपने फ़ायदे हैं. लेकिन, अगर आपका मकसद ज़्यादा से ज़्यादा प्रोटीन पाना है. तब आपके लिए क्या बेहतर है, ये हमने पूछा डाइटिशियन श्रेया कत्याल से.

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श्रेया कत्याल, डाइटिशियन, डाइट्स एंड मोर, नई दिल्ली

डाइटिशियन श्रेया बताती हैं कि हमारे लिए प्रोटीन बहुत ज़रूरी है. इसे शरीर का बिल्डिंग ब्लॉक कहा जाता है. दरअसल, शरीर में जितने भी सेल्स हैं, उनमें प्रोटीन होता है. सेल यानी शरीर का सबसे बेसिक यूनिट. हमारे बाल, नाखून और मांसपेशियां, ये सब प्रोटीन से बने हैं.

जहां तक बात मूंगफली और बादाम की है. तो दोनों ही प्रोटीन से भरपूर होते हैं. लेकिन, मूंगफली में थोड़ा ज़्यादा प्रोटीन होता है. 100 ग्राम मूंगफली में करीब 26 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. वहीं 100 ग्राम बादाम में करीब 21 ग्राम प्रोटीन होता है. यानी बादाम में प्रोटीन कम होता है. उस पर, इसमें कैलोरी ज़्यादा होती है. 100 ग्राम बादाम में लगभग 576 कैलोरी होती हैं. वहीं 100 ग्राम मूंगफली में 567 कैलोरी होती हैं. हालांकि ये फर्क बहुत ज़्यादा नहीं है. फिर भी मूंगफली में कैलोरी कम होती हैं और प्रोटीन ज़्यादा.  

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मूंगफली में फाइबर भी होता है

मूंगफली फाइबर का भी अच्छा सोर्स है. यानी इसे खाने से हाज़मा सुधरता है. पेट भी देर तक भरा रहता है. हम ओवरईटिंग नहीं करते. इसलिए वज़न घटाने में मदद मिलती है. मूंगफली में गुड फैट्स होते हैं. जिन्हें दिल के लिए अच्छा माना जाता है. सिर्फ यही नहीं, मूंगफली खाने से शरीर में सेरोटोनिन यानी हैप्पी हॉर्मोन का लेवल भी बढ़ता है. दरअसल, मूंगफली में ट्रिप्टोफैन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है. इसका इस्तेमाल शरीर सेरोटोनिन हॉर्मोन बनाने में करता है.

अब सेरोटोनिन ठहरा हैप्पी हॉर्मोन. जैसे ही शरीर में इसका लेवल बढ़ता है, हमारा मूड सुधरने लगता है. नींद और हाज़मा बेहतर हो जाता है. भूख भी कंट्रोल होने लगती है. यानी सर्दियों में मूंगफली खाना एक अच्छा ऑप्शन है. लेकिन, बहुत बार लोग एक गलती करते हैं. वो मूंगफली खाने बैठते हैं तो बस खाते ही रहते हैं. आपको ये नहीं करना है. एक दिन में 20-25 ग्राम या मुट्ठी भर से ज़्यादा मूंगफली न खाएं.

अब बात बादाम की. मूंगफली की ही तरह, इसमें भी गुड फैट और फाइबर होता है. यानी बादाम खाने से दिल की सेहत ठीक होती है. कोलेस्ट्रॉल कम होता है. हाज़मा भी सुधरता है. बादाम में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन E होता है. यानी इसे खाने से हड्डियां और मांसपेशियां मज़बूत बनती है.

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बादाम खाने से याद्दाश्त बढ़ती है

बादाम में राइबोफ्लेविन और एल-कार्निटाइन नाम के पोषक तत्व भी होते हैं. राइबोफ्लेविन एक तरह का बी-विटामिन है और एल-कार्निटाइन एक एमिनो एसिड है. ये दोनों ही दिमाग को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं और हमारी याद्दाश्त बढ़ाते हैं.

कुल मिलाकर, प्रोटीन के लिए आप बादाम और मूंगफली दोनों ही खा सकते हैं. बस इन्हें सीमित मात्रा में खाएं ताकि शरीर को फायदा हो, नुकसान नहीं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: एक दिन में कितना प्रोटीन खाना ज़रूरी? ज़्यादा प्रोटीन खाएंगे तो क्या होगा?