दो महीने पहले, 49 साल के अमन को पीठ में तेज़ दर्द उठा. साथ में खांसी आने लगी. सीधे लेटते तो सांस लेने में परेशानी होने लगती. उठकर बैठते तो थोड़ी राहत मिलती. अमन को लगा, वो बारिश में भीगे हैं, इस वजह से उनकी तबियत ख़राब हो गई है. खांसी आ रही है. पीठ में दर्द हो रहा है. लेकिन जब कफ सिरप और पेन किलर लेने के बाद भी आराम नहीं मिला, तो अमन अस्पताल गए. वहां उनके टेस्ट हुए.
पीठ में दर्द और खांसी होती है, तुरंत कराएं जांच, हार्ट अटैक का संकेत भी हो सकता है
अगर दिल को खून सप्लाई करने वाली कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज हो, तो इससे हार्ट अटैक आ सकता है. इस दौरान पीठ में दर्द, सांस लेने में तकलीफ़ और खांसी आ सकती है. खांसी में कभी-कभी खून और झाग भी आ सकता है.


पता चला, पीठ में दर्द और खांसी न तो भीगने की वजह से हो रही थी और न इसका फेफड़ों से कोई लेना-देना था. न ही गलत पोस्चर में घंटों कंप्यूटर के सामने बैठने से. अमन को हार्ट अटैक पड़ा था! ये एक कार्डियक इमरजेंसी थी. यानी ऐसा दिल की वजह से हो रहा था. वो तो अच्छा हुआ कि अमन समय रहते डॉक्टर से पास चले गए और ज़्यादा देर नहीं की. अमन के दिल की नसों में ब्लॉकेज था, जिसकी वजह से उनको हार्ट अटैक पड़ा.
अमूमन लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक का दर्द सिर्फ सीने के बाईं तरफ उठता है और बाएं हाथ तक जाता है. हां, ये हार्ट अटैक का लक्षण है. मगर ऐसा सबके साथ नहीं होता. पीठ में दर्द और खांसी भी हार्ट अटैक के कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो ज़्यादातर लोग नहीं जानते. न सिर्फ हार्ट अटैक, दिल से जुड़ी कुछ और इमरजेंसी में भी ऐसा होता है.
इसलिए डॉक्टर से जानिए, क्या पीठ में दर्द और खांसी कार्डियक इमरजेंसी हैं. दिल की किन समस्याओं के चलते पीठ में दर्द और खांसी होती है. ऐसा होने पर कौन से टेस्ट करवाने चाहिए.
क्या पीठ में दर्द और खांसी कार्डियक इमरजेंसी है?
ये हमें बताया डॉक्टर उद्गीथ धीर ने.

पीठ में दर्द और साथ में खांसी एक सीरियस कंडीशन हो सकती है. सबको लगता है हार्ट अटैक का दर्द सीने के बाईं तरफ़ ही होता है और बाएं हाथ तक जाता है. लेकिन ऐसा केवल 30% लोगों में ही होता है. दिल का दर्द नाभि से लेकर कान तक, कहीं भी हो सकता है. इसे रेफर्ड पेन कहते हैं. अगर पीठ में दर्द हो रहा है और साथ में सांस लेने में तकलीफ़ है और खांसी आ रही है, तो दिल की जांच ज़रूर करवाएं.
दिल की किन समस्याओं के चलते पीठ में दर्द, खांसी होती है?
दिल की तीन दिक्कतों के चलते ऐसा हो सकता है. पहली वजह है दिल को खून सप्लाई करने वाली कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज. इससे हार्ट अटैक आ सकता है. इस दौरान पीठ में दर्द, सांस लेने में तकलीफ़ और खांसी आ सकती है. खांसी में कभी-कभी खून और झाग भी आ सकता है.
दूसरा कारण, दिल की मुख्य धमनी एओर्टा में दिक्कत आना है. बहुत लोग अपना बीपी चेक नहीं करवाते और बीपी बढ़ता जाता है. कुछ लोगों में बीपी बढ़ने से एओर्टा की अंदरूनी परत फट जाती है. इसे एओर्टिक डायसेक्शन कहते हैं. उसकी वजह से भी ये लक्षण महसूस होते हैं.
अगर समय पर इलाज मिल जाए तो 90-95% लोगों की जान बचाई जा सकती है. इसलिए इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें. बहुत लोगों को लगता है कि अगर खांसी आ रही है, तो ऐसा फेफड़ों की वजह से हो रहा है. लेकिन अगर पीठ में दर्द है. साथ में खांसी आ रही है. सीधा लेटने पर सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है. पर बैठने पर सांस आने लगती है, तो ये दिल की बीमारी का इशारा है.
तीसरी वजह, दिल के वॉल्व में ख़राबी है. दिल के बाईं तरफ एओर्टिक और माइट्रल वॉल्व होते हैं. अगर इनके अंदर सिकुड़न या लीकेज हो जाए, तो ये लक्षण देखने को मिलते है. पीठ में दर्द हो सकता है, सांस लेने में तकलीफ़ और साथ में खांसी आ सकती है. इस खांसी में किसी भी चीज़ से आराम नहीं मिलता. केवल बैठने और दवा लेने से आराम मिलता है.

कौन से टेस्ट करवाएं?
-ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम
-ECHO यानी इकोकार्डियोग्राम
-सीटी स्कैन
-इन टेस्ट से दिल की बीमारियों का पता लगा सकते हैं
-ये ऐसी बीमारियां है, जिनका समय रहते इलाज हो जाए तो 90-95% लोगों को बचाया जा सकता है
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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