Javed Akhtar कई मौकों पर अपने शराब पीने की आदत के बारे में बात कर चुके हैं. एक बार फिर उन्होंने इस पर बात की है. अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, कैसे वो इस लत के शिकार हो गए थे.
"मुझे एक ट्रक ने मार दिया होता...", शराब की लत पर बोले जावेद अख़्तर
जावेद अख्तर रोज़ एक बोतल शराब पी जाया करते थे. एक विचार मन में आया और पीना छोड़ दिया.


‘द अनंत रंग मेंटल हेल्थ कल्चरल फेस्टिवल’ में जावेद अख़्तर से जब उनकी शराब की लत के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,
“काश मैंने किसी बड़ी वजह से शराब पीना छोड़ा होता, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. मैं शराबी नहीं हूं. शराबी वो होता है जिसके एक तय मात्रा में शराब की ज़रूरत होती है, ताकि वो सही से काम कर सके. मेरी वैसी नौबत नहीं आई थी लेकिन मैं एक बहुत ही हेवी ड्रिंकर था."
उन्होंने बताया कि ज़िंदगी के 11 सालों तक उन्होंने ख़ूब शराब पी. वो रोज़ एक बोतल शराब पिया करते थे. क्यों पीते थे, इसकी पीछे कोई खास वजह नहीं थी. उन्होंने कहा,
“मैं एक पूरी बोतल, यानी लगभग 30 से 40 पेग रोज़ पीता था. मैं 40 साल का था, जब मैंने इसकी शुरुआत की. जब मैं 8 साल का था तो मेरी मां का निधन हो गया था. तो ऐसा नहीं है कि मैं ग़म में पी रहा था. ऐसा कोई भी दुनिया का दुख नहीं था,जो शराब पिला रहा था. मैं बस शराब पीना काफी एन्जॉय करता था."
उनकी शराब पीने की आदत छूटी कैसे, इस पर भी जावेद अख्तर ने बात की. उनका कहना है कि इसके पीछे कोई बड़ी वजह नहीं थी. एक दिन उन्होंने खुद से एक सवाल किया कि क्या उन्हें शराब पीकर मरना चाहिए या ना पीकर लंबा जीना चाहिए?
उन्होंने बताया,
“मैंने सोचा जैसे मैं पीता हूं अगर वैसे ही पीता रहा तो 50 की उम्र तक मुझे मर जाना चाहिए. अच्छा, मुझे मरने में कोई दिलचस्पी नहीं है. अगर हो सके तो मुझे सच में कभी नहीं मरना. अगर लाइफ एक किताब है तो हम लोग उसके प्रीफेस के पहले पैराग्राफ पर हैं. अभी तो बहुत कुछ देखने को बाकी है. अब बताइए अगर मुझे एक ट्रक ने मार दिया होता 80 के शुरुआत में, तो मैंने OTT भी नहीं देखा होता. मोबाइल फोन, इंटरनेट नहीं देखा होता. बहुत कुछ है देखने को, मैं सब देखना चाहता हूं.
पिछले इंटरव्यूज़ में जावेद ने बताया कि ज़िंदगी के इतने साल बर्बाद करने के बाद उन्होंने 31 जुलाई, 1991 को शराब पीना छोड़ दिया था. उसके बाद से उन्होंने आज तक कभी शराब को हाथ नहीं लगाया.
जावेद अख़्तर ने पिछले साल आई फिल्म ‘सुपरबॉयज़ ऑफ़ मालेगांव’ में गानों के लिरिक्स लिखे थे.फिल्म में आदर्श गौरव, विनीत कुमार सिंह और शशांक अरोड़ा लीड रोल्स में थे.
ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रही श्रुति ने लिखी है.
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