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दिल्ली में मिलावटी कुट्टू का आटा खाने से 200 बीमार, ऐसे करें असली-नकली की पहचान

असली कुट्टू का आटा हल्का भूरा या हल्के ग्रे रंग का होता है. ये छूने में हल्का दानेदार, हल्का चिपचिपा और मुलायम महसूस होता है.

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व्रत में कुट्टू का आटा खूब खाया जाता है (फोटो: Freepik)

दिल्ली में कुट्टू का आटा खाने के बाद 150 से 200 लोग बीमार पड़ गए. 23 सितंबर की सुबह जहांगीरपुरी, समयपुर बादली, स्वरूप नगर, भलस्वा डेयरी, महेंद्र पार्क, लाल बाग और स्वरूप नगर के कई लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. उन सभी में फूड पॉइज़निंग के लक्षण थे. जैसे पेट दर्द, उल्टी, दस्त और चक्कर वगैरह. पीड़ितों में ज़्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग शामिल थे. राहत की बात ये है कि सभी की हालत अब स्थिर है.  

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. एक विशेष टीम भी बनाई गई है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, टीम घर-घर जाकर सैंपल इकट्ठा कर रही है. कई दुकानों से भी सैंपल लिए गए हैं. 

कुट्टू के आटे में मिलावट की खबरें हर साल सामने आती हैं. फिलहाल नवरात्र चल रहे हैं. इस वक्त कुट्टू का आटा काफ़ी खाया जा सकता है. इसलिए ज़रूरी है कि इसे खरीदते समय सावधानी बरती जाए. ये चेक किया जाए कि कहीं उसमें कोई मिलावट तो नहीं है.

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कुट्टू के आटे में मिलावट का पता कैसे चलेगा? ये हमने पूछा नोएडा में दिल्ली डाइट्स की फाउंडर और डाइटिशियन अमृता मिश्रा से.

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अमृता मिश्रा, डाइटिशियन एंड फाउंडर, दिल्ली डाइट्स, नोएडा

डाइटिशियन अमृता बताती हैं कि असली कुट्टू का आटा हल्का भूरा या हल्के ग्रे रंग का होता है. ये छूने में हल्का दानेदार, हल्का चिपचिपा और मुलायम महसूस होता है. इसमें से मिट्टी जैसी खुशबू आती है. लेकिन नकली कुट्टू का आटा सफेद या चमकीला-सा दिखाई देता है. इसे छूने पर ये बहुत चिकना या रेत जैसा लगता है. इसमें से अजीब-सी गंध आती है.

अगर एक कटोरी पानी में थोड़ा-सा कुट्टू का आटा मिलाया जाए, तो असली आटा धीरे-धीरे कटोरी की तली में बैठ जाता है. वहीं नकली या मिलावटी आटा पानी में जल्दी घुल जाता है. या सफेद परत छोड़ सकता है.

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अगर असली कुट्टू के आटे को तेल के साथ मिक्स किया जाए, तो उसमें लंप्स नहीं बनते. लंप्स यानी थक्के. लेकिन मिलावटी कुट्टू का आटा तेल के साथ मिलकर थक्के बना देता है.

इसी तरह, अगर असली कुट्टे के आटे में आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डाली जाएं, तो उसका रंग नहीं बदलता. लेकिन अगर इस आटे में गेहूं या स्टार्च की मिलावट है, तो आयोडीन टिंचर डालने पर उसका रंग नीला हो जाता है.

अगर आपको किसी दुकान पर कुट्टू का आटा बहुत सस्ता मिल रहा है, तो उसे न खरीदें. हो सकता है, उसमें किसी तरह की मिलावट की गई हो. हमेशा भरोसे की दुकान और ब्रांड से ही इसे खरीदें. सीलबंद कुट्टू का आटा ही लें. साथ ही, पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक करें. ऐसी सावधानियां बरतकर ही आप मिलावटी चीज़ों से बच सकते हैं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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