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घर में फंगस है तो तुरंत सफाई करें, वर्ना ये दिक्कतें जीना मुश्किल कर देंगी

घर की खिड़कियों और कम वेंटिलेशन वाली जगहों पर सबसे ज़्यादा फफूंदी होती है.जहां पानी का ज़्यादा रिसाव होता है, वहां भी फफूंदी होती है. जैसे सिंक के नीचे का एरिया या बाथरूम में शावर के पास.

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आपके घर में तो फफूंदी नहीं है न? (फोटो: Freepik)

मोल्ड यानी फफूंद. कुछ लोग इसे फफूंदी भी कहते हैं. हम में से बहुत सारे लोगों के घरों में ये दिक्कत होती है. खासकर अलमारी, किचन, बाथरूम जैसी जगहों पर. जब तक कपड़े, किताबें या कुछ ख़राब न हो, तब तक हम इस पर ध्यान नहीं देते. लेकिन आपके घर के कोनों में चुपके से पनपने वाली फफूंद, सिर्फ चीज़ों को नुकसान नहीं पहुंचाती. ये आपकी सेहत के लिए भी बहुत ख़तरनाक है.

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अगर आपको घर पर बैठे-बिठाए एलर्जी होती रहती है, तो ज़रा अपने घर के कोने चेक करिए. कहीं आपके घर में फफूंद तो नहीं है.

स्किन एलर्जी, अस्थमा, छींकें, खांसी ये सब फफूंद की वजह से हो सकता है, और आप मौसम को दोष देते रह जाते हैं. बिना जाने कि दुश्मन घर के अंदर ही है. इसलिए डॉक्टर से जानिए कि मोल्ड यानी फफूंदी क्या होती है. ये घर में कहां-कहां सबसे ज़्यादा होती है. फफूंदी के संपर्क में आने से क्या लक्षण दिखते हैं और इसका इलाज क्या है. 

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मोल्ड यानी फफूंदी क्या होती है?

ये हमें बताया डॉ. रोहित शर्मा ने. 

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डॉ. रोहित शर्मा, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर

फफूंद या मोल्ड एक प्रकार का कवक होता है यानी फंगस. ये आमतौर पर घरों, इमारतों में पाई जाती है.

फफूंदी घर में कहां-कहां सबसे ज़्यादा होती है?

फफूंदी घर की खिड़कियों पर सबसे ज़्यादा पाई जाती है. इसके अलावा, जहां पानी का ज़्यादा रिसाव होता है, वहां भी फफूंदी होती है. जैसे सिंक के नीचे का एरिया या बाथरूम में शावर के पास. कम वेंटिलेशन वाली जगहों पर भी फफूंदी होती है, जैसे घर के तहखाने में.

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फफूंदी की वजह से छींके और खांसी आ सकती हैं (फोटो: Freepik) 

फफूंदी के संपर्क में आने से क्या लक्षण दिखते हैं?

फफूंदी के संपर्क में आने से स्किन में जलन हो सकती है. छींके, खांसी आती है. गले में खिच-खिच होती है. जिन लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर होती है, उनमें ये लक्षण ज़्यादा गंभीर हो जाते हैं. अस्थमा के मरीज़ों को सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है. सीने में व्हीज़िंग हो सकती है. यानी सांस लेते वक्त सीटी जैसी आवाज़ आ सकती है.

इलाज

लक्षणों के हिसाब से मरीज़ को एंटी-एलर्जी दवाइयां दी जाती हैं. लेकिन अगर लक्षण गंभीर हो गए हैं तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है. घर में जहां पानी का रिसाव होता है, उस एरिया की सफाई रखें ताकि फफूंदी न लगे. साथ ही, घरों में वेंटिलेशन का खास ख्याल रखें.

फफूंदी की वजह से छींकें-खांसी जैसे हल्के लक्षण भी दिख सकते हैं और गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं. इसलिए अगर घर में कहीं फफूंद लगी है तो उसे इग्नोर न करें. मास्क पहनकर इसकी सफ़ाई करें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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