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'ये बिहार की सबसे भ्रष्ट सरकार', प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार के लिए क्या कहा?

लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में पीके कभी नीतीश कुमार पर हमलावर हुए तो कभी उनका बचाव करते दिखे. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार का हाल वैसा है जैसा UPA-2 सरकार में मनमोहन सिंह का था.

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प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार. (फाइल फोटो-India Today)

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार की मौजूदा सरकार में लालू यादव के दौर से भी ज्यादा भ्रष्टाचार है. हालांकि, PK ने नीतीश कुमार को क्लीन चीट दी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ना तो कल भ्रष्टाचारी थे, ना आज हैं. लेकिन द लल्लनटॉप के साथ बातचीत में उन्होंने मुखर होकर बिहार में भ्रष्टाचार का दावा किया.

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प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी याददाश्त में बिहार की यह सबसे भ्रष्ट सरकार है. लेकिन नीतीश कुमार का हाल वैसा है जैसा UPA-2 सरकार में मनमोहन सिंह का था. पीके ने कहा,

लालू यादव के जमाने में इससे बहुत ज्यादा अपराध था, अपहरण होते थे, हत्याएं होती थीं, लेकिन सरकारी तंत्र में जितना भ्रष्टाचार अब है, उतना उस दौर में भी नहीं था. नीतीश कुमार इस कालखंड की सरकार भ्रष्ट सरकार के मुखिया हैं.

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हालांकि, इस दावे के बावजूद पीके नीतीश कुमार को एक बार फिर बचाते नज़र आए. उन्होंने कहा,

अगर नीचे इतना भ्रष्टाचार है तो ऊपर कोई तो सरगना बैठा है. वह व्यक्ति नीतीश कुमार तो हैं नहीं. तो पैसा कौन ले रहा है. ये पैसा ले रहे हैं, उनके इर्द-गिर्द के लोग.

पूरी बातचीत के दौरान पीके कभी नीतीश कुमार पर हमलावर हुए तो कभी उनका बचाव करते दिखे. उन्होंने नीतीश से जुड़ा वह मुद्दा भी उठा दिया जिस पर तेजस्वी लगातार हमलावर रहते हैं. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं हैं और वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को पद छोड़ देना चाहिए था. ऐसा नहीं किया इसीलिए जो लेगेसी नीतीश कुमार ने बनाई थी, वह सब उन्होंने गंवा दी.

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इस हमले के बाद पीके कहते हैं कि नीतीश कुमार ने पिछले 15-20 सालों से पैसे नहीं, इज्जत कमाई है. लेकिन अस्वस्थ होने के दौरान भी पद ना छोड़ने की वजह से उन्होंने वह लेगेसी खो दी.

अशोक चौधरी पर क्या बोले?

पिछले हफ्ते प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार में मंत्री और नीतीश के करीबी अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी ने दो साल में 200 करोड़ की जमीन अपने परिवार के नाम करवा ली. इस पर चौधरी ने प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेज सीधे 100 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा ठोक दिया.

इस पर जब प्रशांत किशोर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बेतकल्लुफ अंदाज में कहा कि अशोक चौधरी को एक और नोटिस तैयार कर लेना चाहिए, क्योंकि दो दिन के अंदर वो एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा करने वाले हैं. उन्होंने कहा वह लीगल नोटिस से नहीं डरते. चौधरी के वकील ने नोटिस भेजा है तो उनका वकील जवाब भेज देगा.

पीके ने कहा कि अशोक चौधरी को लीगल नोटिस की जगह जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर चौधरी उन्हें जवाब नहीं देना चाहते तो बिहार की जनता को जवाब दें. और अगर बिहार की जनता को भी जवाब नहीं देना चाहते तो जो उनकी खुद की पार्टी में सवाल पूछ रहे हैं, उन्हें तो जवाब दे दें.

पीके ने कहा कि उन्हें इन कथित भ्रष्टाचारों की यह जानकारी आम लोगों से लेकर बिहार की ब्यूरोक्रेसी तक मुहैया करा रही है. उन्होंने कहा कि पहले भी नेताओं को ऐसी जानकारियां दी जाती थीं, लेकिन वह कभी सामने नहीं आते थे, पैसे लेकर चुप हो जाते थे. पीके ने कहा कि उन्हें कोई 'मैनेज' नहीं कर सकता इसलिए लोगों को भरोसा है.

रैलियों में भाड़े पर लोग आते हैं?

लल्लनटॉप के पॉलिटिकल एडिटर पंकज झा ने प्रशांत किशोर से सवाल किया कि उनके विरोधी कहते हैं कि उनकी रैलियों में भाड़े पर लोग लाए जाते हैं. इस पर पीके ने कहा कि कोई भी यह बता दे कि उनकी रैलियों में कितना पैसा खर्च होता है, वह उतना पैसा देने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उतनी ही भीड़ जुटानी पड़ेगी.

प्रशांत किशोर ने कहा कि पहले उनके विरोधी कहते थे कि उनकी यात्रा में भीड़ नहीं आएगी, तब भी आई. पीके के मुताबिक फिर लोगों ने कहा कि राजनीति करेंगे तब भीड़ नहीं आएगी, तब भी आई. अब लोगों का कहना कि रैलियों में भीड़ भले आ रही हो, लेकिन यह भीड़ वोट में नहीं बदलेगी. पीके ने कहा कि इस बात का फैसला भी नवंबर में हो जाएगा.

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