एशिया कप (Asia Cup) में भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के बीच दो मैच होकर खत्म भी हो गए, लेकिन दोनों टीमों के खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने की चर्चा खत्म नहीं हो रही है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गुरुवार, 25 सितंबर को कहा कि भारतीय टीम को पाकिस्तान के साथ खेलना ही नहीं चाहिए था. लेकिन अगर खेल लिया था तो पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार नहीं करना चाहिए. थरूर का कहना है कि स्पोर्ट्स स्पिरिट यानी खेल भावना देशों और उसकी सेनाओं की स्थितियों से अलग होती है.
नो हैंडशेक: शशि थरूर बोले, 'हमें हाथ मिलाना चाहिए था', कारगिल युद्ध याद दिलाया, BJP भड़की
शशि थरूर की इस ‘भावना’ पर भारतीय जनता पार्टी भड़क गई है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह देव का कहना है कि भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने हाथ न मिलाकर ‘बिल्कुल ठीक किया’ लेकिन कांग्रेस के लोग कभी ‘पाकिस्तान के मोह’ से उबर नहीं पाते हैं.
.webp?width=360)

हालांकि, शशि थरूर की इस ‘भावना’ पर भारतीय जनता पार्टी भड़क गई है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह देव का कहना है कि भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने हाथ न मिलाकर ‘बिल्कुल ठीक किया’ लेकिन कांग्रेस के लोग कभी ‘पाकिस्तान के मोह’ से उबर नहीं पाते हैं.
क्या मामला है?ये पूरा मामला भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में भिड़ंत को लेकर है. इस क्रिकेट टूर्नामेंट में पाकिस्तान के साथ भारतीय टीम के मैच खेलने का विरोध किया गया था. फिर भी मैच हुआ लेकिन मैच के बाद पारंपरिक तौर पर दोनों टीमों के खिलाड़ी जो एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं, वो नहीं हुआ. भारतीय टीम ने ऐसा करने के इनकार कर दिया, जिस पर पाकिस्तानी टीम ने भी काफी ‘तमाशा’ किया.
इस घटना को लेकर देश-दुनिया में ‘खेल भावना’ को लेकर बहस होने लगी. इसी पर बात करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा,
मेरी व्यक्तिगत राय है कि अगर हमें पाकिस्तान को लेकर इतनी ही आपत्ति है तो हमें खेलना ही नहीं चाहिए था. लेकिन अगर हम खेलने जा रहे हैं तो खेल की भावना के साथ खेलना चाहिए था और उनके खिलाड़ियों से हाथ मिलाना चाहिए था.
थरूर ने बताया कि हमने ऐसा पहले भी किया है. साल 1999 में जब कारगिल युद्ध चल रहा था और हमारे सैनिक देश के लिए शहीद हो रहे थे. तब भी हम इंग्लैंड में पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच खेल रहे थे. तब भी हम पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिला रहे थे, क्योंकि खेल की भावना अलग होती है. वह देशों और सेनाओं के बीच चल रही स्थितियों से अलग होती है.
थरूर ने आगे कहा,
मेरी नजर में अगर पाकिस्तान की टीम ने पहली बार अपमानित महसूस किया और उन्होंने दूसरी बार हमें अपमानित करने की कोशिश तो ये बताता है कि खेल की भावना दोनों तरफ से गायब है.
उधर भाजपा ने कांग्रेस सांसद का बयान लपक लिया. पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने इसे कांग्रेस का ‘पाकिस्तान प्रेम’ बता दिया और कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का भारतीय टीम का फैसला बिल्कुल सही था. प्रतुल शाह देव ने कहा,
कांग्रेसियों के डीएनए में जो पाकिस्तान प्रेम है, वो कहीं न कहीं निकलकर सामने आ जाता है. ये वही कांग्रेस है न जिसने सिर्फ इसलिए देश का बंटवारा करा दिया था ताकि नेहरू जी सत्ता में आ सकें.
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि देश में जिस समय घमासान मचा था और मारकाट हो रही थी, तब नेहरू जी माउंटबेटन के परिवार और जिन्ना के साथ शिमला में छुट्टियां मना रहे थे. प्रतुल शाह ने कहा,
हमें आईसीसी के नॉर्म्स के चलते पाकिस्तान से मैच खेलना पड़ा. बीसीसीआई आईसीसी के नियमों से बंधी हुई है. नहीं तो ब्लैकलिस्टेड हो सकते थे, जो करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ा आघात होता.
उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ने जिस तरीके से पाकिस्तान को दुबई में हराया है, उससे देशवासियों का सिर गर्व से चौड़ा हो गया लेकिन कांग्रेसी पाकिस्तान के मोह से उबर नहीं पाते हैं. ये तो गनीमत है कि सिर्फ हाथ मिलाने की बात है. अगर चप्पल मारने की इजाजत होती तो शायद पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारतीय खिलाड़ियों के हाथ से चप्पल भी पड़ता.
वीडियो: भाजपा का आरोप, लद्दाख में प्रोटेस्ट्स के पीछे कांग्रेस के पार्षद का हाथ