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क्या महिला एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में पीरियड्स आते हैं? अगर आते हैं तो वो क्या करती हैं?

सुनीता विलियम्स कुछ दिनों के लिए ही अंतरिक्ष में गई थीं. लेकिन, फिर वो वहां कई महीनों तक फंसी रहीं. ऐसे में सवाल है कि उन्होंने अपने पीरियड्स कैसे मैनेज किए होंगे?

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क्या अंतरिक्ष की माइक्रोग्रैविटी का पीरियड्स पर असर पड़ता है?

भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) धरती पर लौट आई हैं. वो अपने साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर (Butch Wilmore) के साथ वापस आई हैं. सुनीता और बुच, पिछले 9 महीनों से ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे थे.

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अंतरिक्ष में रहना आसान नहीं है. खाना, पीना, सोना, चलना-फिरना--सब पर प्रभाव पड़ता है. शरीर अलग तरह से रिएक्ट करता है. अंतरिक्ष में न के बराबर ग्रैविटी होती है. इस वजह से एस्ट्रोनॉट्स को बहुत सारी दिक्कतें आती हैं. अब ऐसे में सोचिए, अगर कोई महिला एस्ट्रोनॉट स्पेस में जाए, तो क्या वहां उसे पीरियड्स हो सकते हैं? और ऐसे माहौल में वो पीरियड्स से कैसे डील करती होगी? ये सवाल हमने पूछे डॉक्टर मनन से.

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डॉ. मनन गुप्ता, हेड, गायनेकोलॉजी, एलांटिस हेल्थकेयर, नई दिल्ली

वो कहते हैं कि जैसे धरती पर महिलाओं को पीरियड्स आते हैं. वैसे ही अंतरिक्ष में महिला एस्ट्रोनॉट्स को भी आते हैं. उन्हें भी पीरियड क्रैंप्स होते हैं. यानी पेट में दर्द और ऐंठन. अंतरिक्ष की माइक्रोग्रैविटी का पीरियड्स पर कोई असर नहीं पड़ता.

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पहले वैज्ञानिकों को डर था कि महिला एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन का खतरा हो सकता है. ये एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें पीरियड्स का खून शरीर से बाहर निकलने के बजाय फैलोपियन ट्यूब्स के ज़रिए पेल्विक कैविटी में चला जाता है. फैलोपियन ट्यूब वो नली है, जो अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ती है. वहीं पेल्विक कैविटी, पेल्विस के अंदर एक खाली जगह होती है. जिसमें गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब्स और वजाइना होते हैं. साथ ही, इसमें मूत्राशय यानी यूरिनरी ब्लैडर और मलाशय भी होता है.

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रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन (फ़ोटो:Getty Images)

हालांकि, अब तक की रिसर्च और महिला एस्ट्रोनॉट्स के अनुभव बताते हैं कि अंतरिक्ष में रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन की दिक्कत नहीं होती.

वैसे, अंतरिक्ष में पीरियड्स से निपटना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. इसलिए, कई महिला एस्ट्रोनॉट्स पीरियड्स को टालने का विकल्प चुनती हैं. इसके लिए वो ऐसी दवाइयां खाती हैं. जिससे पीरियड्स टल जाते हैं. पीरियड्स टालने से उनके लिए साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना आसान हो जाता है.

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लेकिन, अगर कोई महिला एस्ट्रोनॉट अपने पीरियड्स न टालना चाहे, तो भी कोई दिक्कत नहीं है. वो पैड्स और टैम्पॉन, दोनों का ही इस्तेमाल कर सकती हैं. अंतरिक्ष के हिसाब से, टैम्पॉन का इस्तेमाल ज़्यादा सुविधाजनक माना जाता है.

क्यों? क्योंकि टैम्पॉन छोटे और हल्के होते हैं. इन्हें स्टोर करना आसान होता है. ये कम जगह घेरते हैं. टैम्पॉन से लीकेज का चांस भी कम होता है. इसलिए, ये सेनेटरी पैड्स और मेंस्ट्रुअल कप की तुलना में ज़्यादा बेहतर माने जाते हैं.

वीडियो: सेहत: मेंस्ट्रुअल कप लगाने का सही तरीका क्या है?

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