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8 साल के बेटे का मेकअप किया, लड़की के कपड़े पहनाए, फिर पूरे परिवार ने कर ली आत्महत्या

मृतक शिवलाल प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मिलने वाले पैसे से अलग मकान बनाना चाहता था, लेकिन उसकी मां और भाई ने उसे ऐसा नहीं करने दिया. 2 जून को चारों का शव पानी की टंकी से निकाला गया.

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घर के नजदीक एक वाटर टैंक में मिले चारों के शव. (India Today)
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दिनेश बोहरा

राजस्थान के बाड़मेर में कविता नाम की एक महिला ने अपने 8 साल के बेटे रामदेव को लड़की के कपड़े पहनाए. उसके सिर पर दुपट्टा रखा, आंखों में काजल लगाया और अपने गहने पहनाए. मेकअप और लड़की के कपड़ों में सजे-संवरे रामदेव के फोटो भी खींचे गए. लेकिन इसके बाद पूरे परिवार ने सुसाइड कर लिया.

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मरने वालों में 35 साल के शिवलाल, उनकी पत्नी कविता (उम्र 32 साल), बेटा बजरंग (उम्र 9 साल) और छोटा बेटा रामदेव (उम्र 8 साल) शामिल हैं. इन चारों के शव घर से करीब 20 मीटर दूर बनी पानी की टंकी से बरामद किए गए हैं. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, सुसाइड से पहले कविता ने अपने बेटे का मेकअप किया था और उसे लड़की के कपड़े पहनाए थे.

पुलिस ने बताया कि मंगलवार, 1 जून की शाम को यह घटना हुई. बुधवार, 2 जून की सुबह परिजनों की मौजूदगी में चारों के शव टंकी से निकाले गए. शिवलाल ने 29 जून को सुसाइड नोट भी लिखा था. इंडिया टुडे से जुड़े दिनेश की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें तीन लोगों को परिवार की मौत का जिम्मेदार बताया गया है, जिनमें उसकी मां, छोटा भाई मांगीलाल और उसकी पत्नी संगीता शामिल हैं. नोट में लिखा है कि परिवार में लंबे समय से झगड़ा चल रहा था, खासकर जमीन और मकान को लेकर.

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घटना का खुलासा तब हुआ जब मंगलवार को शिवलाल के छोटे भाई मांगीलाल ने उसे कई बार फोन किया, लेकिन जवाब नहीं मिला. इसके बाद मांगीलाल ने एक मजदूर को शिवलाल के घर भेजा. वो वहां पहुंचा तो उसे घर में कोई दिखाई नहीं दिया. फिर मजदूर लौट गया. मांगीलाल ने फिर मजदूर को कॉल करके घर अच्छे से तलाश करने को कहा.

जब मजदूर दोबारा घर पहुंचा तो घर के बाहर खेत में बनी पानी की टंकी में शिवलाल, उसकी पत्नी और बच्चों के शव देखकर घबरा गया. मजदूर वहां से भागकर पड़ोसियों के पास गया और फिर पड़ोसियों ने रात 8 बजे घटना की सूचना पुलिस को दी.

मामले को लेकर बाड़मेर एडिशनल एसपी (ASP) जसाराम बोस ने बताया,

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"कल दिनांक 1 जून को पानी की टंकी में बॉडी मिलने की सूचना मिली थी... एक सुसाइड नोट मिला है... शिवलाल का लिखा हुआ सुसाइड नोट है. आसपास पूछताछ करने पर यह ज्ञात हुआ कि मृतक शिवलाल, उसकी पत्नी कविता और दो बच्चे रामदेव और एक बजरंग, तीनों की बॉडी टांके (पानी की टंकी) में थीं... सुसाइड नोट में लिखा हुआ था कि उसके भाई मांगीलाल और उसकी पत्नी संगीता और उसकी माता के ऊपर परेशान करने का आरोप था. जिस पर शिवलाल के ससुर पक्ष को भी बुलाया गया है."

उन्होंने आगे कहा,

"इनके ससुराल पक्ष की तरफ से एक रिपोर्ट दी गई जिस पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है... (शवों का) पोस्टमार्टम किया गया है. पोस्टमार्टम में मौत का कारण पानी में डूबने से बताया गया है. अब दाह संस्कार करवाएंगे."

अधिकारी ने यह भी बताया कि सुसाइड नोट में लिखा है कि मृतक का अंतिम संस्कार इसी जमीन पर हो.

शिवलाल प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मिलने वाले पैसे से अलग मकान बनाना चाहता था, लेकिन उसकी मां और भाई ने कथित तौर पर उसे ऐसा नहीं करने दिया. आरोप है कि इसी वजह से उसने पूरे परिवार के साथ जान दे दी.

कविता के चाचा ने बताया कि सुसाइड नोट में शिवलाल ने लिखा है कि उनका अंतिम संस्कार उनके घर पर ही किया जाए. उन्होंने कहा,

"उसने यह लिखा है कि मेरा अंतिम संस्कार इस घर के इस आंगन के अंदर ही किया जाए, क्योंकि यही मेरे विवाद की जगह थी."

घटना के दिन परिवार के बाकी लोग घर पर नहीं थे. शिवलाल की मां उसके भाई के पास बाड़मेर गई थीं और पिता ज्योतिष कार्य के लिए बाहर गए थे.

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