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सिर के इस एक हिस्से में अक्सर दर्द रहता है, तो हाई बीपी हो सकता है, बचें कैसे?

High Blood Pressure: जब ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ता है, तो दिमाग में जो खून की नलियां हैं, उन पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ने लगता है. इससे सिर में दर्द शुरू हो जाता है.

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हर बार सिरदर्द की एक ही वजह नहीं होती

हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) साइलेंट किलर है. माने ये बड़े ही चुपके से वार करता है. इसके शुरुआती लक्षण बिल्कुल दिखाई नहीं देते. लेकिन, जब बीपी बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है, तो सिरदर्द शुरू हो जाता है. ये सिरदर्द इशारा करता है कि बीपी खतरे के निशान को पार कर चुका है और आपको तुरंत इलाज की ज़रूरत है.

मगर हाई बीपी का सिरदर्द से कनेक्शन क्या है? देखिए, जब ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ता है, तो दिमाग में जो खून की नलियां हैं, उन पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ने लगता है. इससे सिर में दर्द शुरू हो जाता है. ये दर्द बढ़ता ही जाता है. लेकिन, ये पता कैसे चलेगा कि आपको जो सिरदर्द हो रहा है, उसकी वजह हाई बीपी है.

हाई ब्लड प्रेशर से सिरदर्द कब होने लगता है?

ये हमें बताया डॉक्टर प्रतीक चौधरी ने. 

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डॉ. प्रतीक चौधरी, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल

अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ जाए, तो इसे हाइपरटेंसिव क्राइसिस (Hypertensive crisis) कहा जाता है. इसमें ऊपर वाला बीपी (सिस्टोलिक) 180 mmHg से ज़्यादा और नीचे वाला बीपी (डायस्टोलिक) 120 mmHg से ज़्यादा होता है. ऐसे हाई ब्लड प्रेशर की वजह से सिरदर्द हो सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर से होने वाला सिरदर्द किस तरह का होता है?

हाई ब्लड प्रेशर से होने वाला सिरदर्द पल्सेटाइल होता है, यानी धड़कने जैसा महसूस होता है. ज़्यादातर मामलों में ये सिरदर्द दिमाग के पिछले हिस्से (Occipital lobe) को प्रभावित करता है. इसके साथ उबकाई या उल्टी की शिकायत हो सकती है. घबराहट हो सकती है. सांस फूलने लगती है. डबल विज़न (एक चीज़ का दो दिखना) या धुंधला दिखने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. कई गंभीर मामलों में व्यक्ति अजीब-सी बातें करने लगता है. इस स्थिति को हाइपरटेंसिव एन्सेफैलोपैथी (Hypertensive Encephalopathy) कहा जाता है. बहुत ज़्यादा बढ़ा हुआ बीपी सिरदर्द दे सकता है.

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हर 6 महीने-सालभर में एक बार बीपी चेक कराना ज़रूरी है

क्या हाई बीपी से होने वाला सिरदर्द अपने आप ठीक हो जाता है?

आम पेनकिलर दवाएं थोड़ी-बहुत राहत दे सकती हैं. मगर हाई बीपी से होने वाला सिरदर्द पूरी तरह तभी ठीक होता है, जब बीपी कंट्रोल करने वाली दवाएं ली जाएं. ज़्यादातर मामलों में सिरदर्द स्ट्रेस, नींद की कमी, बहुत ज़्यादा स्क्रीन टाइम और पानी की कमी से होता है. सिरदर्द से निपटने के लिए इन पर ध्यान देना भी ज़रूरी है.

हाई बीपी से सिरदर्द न हो, इसके लिए क्या करें?

हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है, यानी बिना लक्षण के भी ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए हर 6 महीने-सालभर में एक बार बीपी चेक कराना ज़रूरी है. अगर आपका बीपी पहले से ही बढ़ा हुआ है, तो रोज़ दवाइयां लेते रहें. साथ ही, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव भी ज़रूरी है. अपने खाने में फलों की मात्रा बढ़ा दें. नमक और प्रोसेस्ड फूड कम से कम खाएं. प्रोसेस्ड फूड यानी पैकेट में आने वाले स्नैक्स, चिप्स वगैरह. रोज़ एक्सरसाइज़ करें, ध्यान लगाएं. खुद को स्ट्रेस से दूर रखें. पूरी नींद लें. इन बातों का ध्यान रखकर आप खुद को हाई बीपी से बचा सकते हैं.

हर सिरदर्द हाई बीपी की वजह से नहीं होता. लेकिन, अगर आपको बीपी की शिकायत है और आपका सिर बहुत तेज़ दर्द कर रहा है. तो हो सकता है कि आपका बीपी बहुत ज़्यादा बढ़ गया हो. इसे गंभीरता से लें और डॉक्टर को दिखाएं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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