फैटी लिवर. भारत में ये एक बड़ी ही आम दिक्कत बनती जा रही है. साल 2022 में Journal Of Clinical And Experimental Hepatology में एक स्टडी छपी. इसके मुताबिक, भारत में 38% एडल्ट्स को नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) है. यानी जो लोग शराब नहीं पीते, उनको भी फैटी लिवर है. यही नहीं, हर 100 में से 35 बच्चों को भी ये दिक्कत होती है. शराब पीने वालों में फैटी लिवर और भी ज़्यादा आम है.
नींबू-पानी पीने से फैटी लिवर घट जाता है? सोशल मीडिया के दावे का सच पता चल गया
देश में फैटी लिवर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसलिए इसे ठीक करने के रोज़ नए दावे निकलकर सामने आते हैं.
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इन दिनों सोशल मीडिया पर फैटी लिवर के इलाज से जुड़ी एक टिप खूब वायरल हो रही है. कहा जा रहा है कि नींबू-पानी पीने से फैटी लिवर ठीक हो जाता है. अब इस दावे में कितनी सच्चाई है, यही जानेंगे आज. डॉक्टर से समझेंगे कि फैटी लिवर क्या है. ये क्यों हो जाता है. फैटी लिवर का पता कैसे चलता है. और फैटी लिवर को ठीक करने के लिए क्या कर सकते हैं.
फैटी लिवर क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर अभिषेक दीपक ने.

जब लिवर में ज़रूरत से ज़्यादा चर्बी जमा हो जाती है, तो इसे फैटी लिवर कहते हैं. ऐसा कई वजहों से हो सकता है. जब शराब न पीने वालों के लिवर में चर्बी जमा हो, तो इसे नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) कहते हैं. बहुत ज़्यादा शराब पीने से भी लिवर में फैट इकट्ठा हो सकता है, इसे एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ कहते हैं.
फैटी लिवर होने का कारणफैटी लिवर होने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे बहुत ज़्यादा शराब पीना. मोटापा होना. डायबिटीज़ होना. अगर किसी व्यक्ति के वज़न में तेज़ी से बदलाव होता है, तो उससे भी फैटी लिवर हो सकता है. कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट से भी फैटी लिवर हो सकता है.
कैसे पता चलता है फैटी लिवर है?अक्सर फैटी लिवर का पता रुटीन टेस्ट या अल्ट्रासाउंड से चलता है. तब डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाते हैं, जिनसे फैटी लिवर का पता लगाया जा सकता है. जैसे ब्लड टेस्ट LFT, जिसमें SGPT जैसे एंजाइम बढ़े हुए मिल सकते हैं. अल्ट्रासाउंड, जिसमें लिवर में फैट जमा हुआ दिख सकता है. फाइब्रोस्कैन, जिससे लिवर की फाइब्रोसिस (कठोरता) और उसमें मौजूद फैट का पता चलता है. कुछ मामलों में लिवर बायोप्सी की भी ज़रूरत पड़ सकती है.

नींबू-पानी विटामिन C का अच्छा सोर्स है. ये शरीर को हाइड्रेट रखता है यानी पानी की कमी नहीं होने देता. ये पाचन में मदद करता है. कुछ स्टडीज़ के मुताबिक, ये लिवर से फैट हटाने में भी थोड़ी मदद कर सकता है. लेकिन इसका असर बहुत हल्का होता है. सिर्फ नींबू-पानी पीने से लिवर पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता. इसके लिए आपको दूसरी चीज़ों पर भी ध्यान देना पड़ेगा.
फैटी लिवर को ठीक करने के लिए क्या करें?चीनी और प्रोसेस्ड फूड न खाएं. रोज़ एक्सरसाइज़ करें. हाइट के हिसाब से अपना वज़न मेंटेन करें. शराब न पिएं. डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराते रहें. साथ ही, LFT, अल्ट्रासाउंड और फाइब्रोस्कैन कराएं.
नींबू-पानी पीना सेहत के लिए अच्छा है. लेकिन अगर आप इसे लिवर से चर्बी गलाने के लिए पी रहे हैं, तो ये एक बड़ी गलती है. सिर्फ नींबू-पानी फैटी लिवर को ठीक नहीं कर सकता. आपको अपने खानपान, लाइफस्टाइल सबमें सुधार करना होगा.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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