कई लोग, जिनकी स्किन किसी वजह से जली है, उस जले के निशान से छुटकारा पाना चाहते हैं. इन निशानों को बर्न स्कार्स (Burn Scars) कहा जाता है. मगर, क्या इन्हें मिटाया जा सकता है? ये हमें बताया डॉक्टर शिल्पी ने.
क्या जलने के निशान को पूरी तरह मिटाया जा सकता है?
जलने के निशान को पूरी तरह मिटाना मुश्किल है. हालांकि इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके लिए कई तरह के ट्रीटमेंट किए जाते हैं.


डॉक्टर शिल्पी कहती हैं कि अगर आपके शरीर का कोई अंग थोड़ा-सा जल जाए, तो सबसे पहले उस पर नॉर्मल टेम्परेचर वाला पानी डालें. बहुत ज़्यादा ठंडा पानी या बर्फ इस्तेमाल न करें. इससे जलन बढ़ सकती है. जली हुई जगह को 5 मिनट के लिए बहते हुए पानी के नीचे रखें ताकि स्किन के टिशूज़ को ज़्यादा नुकसान न पहुंचे.
अगर स्किन हल्की जली है तो एलोवेरा जेल (Aloe vera Gel) लगा सकते हैं. इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री और हाइड्रेटिंग गुण होते हैं. ये जली हुई स्किन को ठंडक देता है. उसे तेज़ी से ठीक करता है. जब घाव हल्का सूखने लगे तो आप नारियल का तेल लगा सकते हैं. ये स्किन की मरम्मत करने में मदद करता है. आप सिलिकॉन बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. दरअसल, धूप में जाने से घाव देर में ठीक होता है और साथ ही दाग भी पड़ सकते हैं. इसलिए, सनस्क्रीन लगाना और धूप से बचना ज़रूरी है.
अगर कोई व्यक्ति बहुत ज़्यादा जल गया है. यानी स्किन गहराई तक जली है. ऐसे केस में स्किन खुद से ठीक नहीं हो पाती. तब स्किन ग्राफ्टिंग (Skin Grafting) की जा सकती है. ये एक सर्जरी है. इसमें शरीर के एक हिस्से से हेल्दी स्किन ली जाती है. जैसे जांघ, पीठ या पेट से. फिर उसे जले हुए हिस्से पर लगाया जाता है. ये स्किन धीरे-धीरे नई जगह से जुड़ जाती है और वहां खून का बहाव शुरू हो जाता है.
अगर जलने का निशान स्किन पर रह गया है. तो उसे हल्का करने के लिए CO₂ लेज़र थेरेपी (CO2 Laser) की जा सकती है. ये पुराने और डैमेज्ड स्किन सेल्स को हटाती है और नई स्किन बनाने में मदद करती है. स्किन में कोलेजन बढ़ने से नई स्किन मुलायम, लचीली और ज़्यादा नेचुरल दिखती है. जलने का निशान भी काफी हल्का हो जाता है. हालांकि निशान पूरी तरह से गायब नहीं होता.

बेहतर नतीजों के लिए माइक्रोनीडलिंग (Microneedling) की जा सकती है. माइक्रोनीडलिंग मशीन में बहुत पतली सुइयां लगी होती हैं. जब इसे स्किन पर घुमाया जाता है. तो ये सुइयां स्किन की ऊपरी परत में छोटे-छोटे छेद करती हैं. ये छेद स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाते. बल्कि शरीर इन घावों को भरने के लिए कोलेजन और इलास्टिन नाम के प्रोटीन का प्रोडक्शन बढ़ा देता है. जिससे स्किन की मरम्मत होती है. और, निशान धीरे-धीरे कम हो जाते हैं.
अगर जलने के बाद स्किन पर उभरे हुए निशान बन रहे हैं. जिन्हें हाइपरट्रॉफिक और केलॉइड स्कार्स कहा जाता है. तो इन्हें ठीक करने के लिए कंप्रेशन थेरेपी (Compression therapy) की जा सकती है. इस थेरेपी में कंप्रेशन गारमेंट या सिलिकॉन शीट्स का इस्तेमाल किया जाता है. जो स्किन पर हल्का लेकिन लगातार दबाव डालते हैं. ये दबाव स्कार टिशू को अनियंत्रित रूप से बढ़ने से रोकता है. स्किन में खून के बहाव को कंट्रोल करता है. सूजन घटाता है. धीरे-धीरे स्कार का रंग हल्का होने लगता है और स्किन के टेक्सचर में भी सुधार आने लगता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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