The Lallantop

आपको लगी कोविड वैक्सीन कोरोना के JN.1 वेरिएंट से बचा पाएगी?

Ministry Of Health And Family Welfare के मुताबिक, फिलहाल देश में कोरोनावायरस के 1,009 एक्टिव मामले हैं. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलग-अलग राज्यों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

post-main-image
ज़्यादातर लोगों को कोविड की दो डोज़ लग चुकी हैं (फोटो: Freepik)

एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में भी. Ministry Of Health And Family Welfare के मुताबिक, फिलहाल देश में कोरोनावायरस के 1,009 एक्टिव मामले हैं. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. अस्पतालों को बेड, ऑक्सीज़न, दवाइयां और वैक्सीन्स तैयार रखने के लिए कहा गया है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके.

इस बीच सवाल ये है कि जो कोविड वैक्सीन लग चुकी हैं, क्या वो अब भी असरदार हैं? जो दो डोज़ पहले लग चुके हैं, क्या वो आपको अभी फैल रहे JN.1 वेरिएंट से बचा पाएंगे? एक्सपर्ट से समझते हैं. 

क्या कोविड वैक्सीन अब भी असरदार है?

ये हमें बताया डॉक्टर नेहा रस्तोगी पांडा ने. 

1747916509787-nameit-2025-05-22t175136.webp (1200×675)
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, सीनियर कंसल्टेंट, संक्रामक रोग विभाग, फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम

अब तक ज़्यादातर लोगों को कोविड-19 की दो वैक्सीन लग चुकी हैं. कुछ लोगों ने तीसरी डोज़ (बूस्टर) भी लगवाई है. चूंकि JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक रूप है. इसलिए, कोविड की वैक्सीन इस वायरस के खिलाफ अच्छी इम्यूनिटी देती है. हालांकि, जिन लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर हो चुकी है. जो बड़े-बुज़ुर्ग कोविड-19 के ज़्यादा रिस्क पर हैं. उन्हें सलाह है कि वो कोविड-19 वैक्सीन का बूस्टर डोज़ ज़रूर लगवाएं.

किन्हें लगवाना चाहिए बूस्टर डोज़?

कोविड-19 की वैक्सीन और बूस्टर डोज़ कोरोनावायरस से बचाते हैं. जिन लोगों को दो वैक्सीन लगवाए दो साल से ज़्यादा समय हो गया है या जिन लोगों की इम्यूनिटी किसी कारण से कम है. उन्हें तीसरा यानी बूस्टर डोज़ लगवा लेना चाहिए. हेल्थकेयर वर्कर्स (जैसे डॉक्टर्स, नर्स) भी तीसरा डोज़ लगवा सकते हैं.

कोरोनावायरस के JN.1 वेरिएंट के लक्षण

कोरोनावायरस के JN.1 वेरिएंट के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. लेकिन, इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है. पहले भी कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरिएंट और स्ट्रेन आए हैं. ये उन्हीं का एक और म्यूटेटेड वेरिएंट है (म्यूटेशन यानी वायरस के जीन में बदलाव). इस वजह से ये वायरस बहुत तेज़ी से फैलकर लोगों को संक्रमित कर रहा है. मगर इसकी गंभीरता काफी कम है. मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत भी न के बराबर पड़ रही है.

इसके लक्षणों में शामिल है- सर्दी, खांसी, ज़ुकाम, तेज़ बुखार. कुछ लोगों की सांस फूल सकती है. छाती में दर्द भी हो सकता है.

covid 19 mask
कोविड-19 से बचने के लिए मास्क लगाएं (फोटो: Freepik)
कोविड-19 न हो, इसके लिए क्या किया जाए?

- कोविड-19 से बचने के लिए शारीरिक दूरी बनाएं.

- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाएं तो मास्क लगाएं.

- अगर आपके आसपास कोई खांस या छींक रहा है, ऑफिस में कोई बीमार है तो भी आप मास्क लगाएं.

- सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें.

- घर आकर हाथ धोएं.

इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप खुद को बचा सकते है. आपको कोरोनावायरस के JN.1 वेरिएंट से डरने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की ज़रूरत है. अगर आपको कोविड-19 से जुड़े लक्षण हैं, या फ्लू जैसे लक्षण महसूस हों, तो दूसरों से दूरी बना लें, मास्क लगाइए और डॉक्टर से मिलिए. अगर आप कोविड पॉज़िटिव निकलते हैं, तो ज़रूरी इलाज कराइए.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: कोविड-19 से बचाने में वैक्सीन कितनी असरदार?