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कोरोना का नया वेरिएंट XFG कितना खतरनाक? इम्यूनिटी नहीं पकड़ पा रही, भारत में कई केस मिले

सबसे ज़्यादा केस महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और गुजरात से मिले हैं. आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से भी कुछ मामले सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस का XFG वेरिएंट बहुत तेज़ी से फैलता है. शरीर की इम्यूनिटी भी इसे जल्दी नहीं पकड़ पाती.

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XFG वेरिएंट का कोई नया या अनोखा लक्षण नहीं देखा गया है

पिछले कई दिनों से लगातार कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं. हम लल्लनटॉप पर लगातार आपको इससे जुड़े अपडेट्स दे रहे हैं. अब एक नई ख़बर सामने आई है. भारत में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट मिला है. इसका नाम है XFG. ये भारत में फैल रहा है. अब तक, देश में इसके 163 मामले सामने आ चुके हैं.

सबसे ज़्यादा केस महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और गुजरात से मिले हैं. आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से भी कुछ मामले सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस का XFG वेरिएंट बहुत तेज़ी से फैलता है. शरीर की इम्यूनिटी भी इसे जल्दी नहीं पकड़ पाती.

आज हम डॉक्टर से समझेंगे कोरोनावायरस का नया XFG वेरिएंट क्या है. इसके लक्षण क्या हैं. ये अब तक आए कोरोनावायरस के बाकी वेरिएंट्स और सब-वेरिएंट्स से कैसे अलग है. क्यों शरीर की इम्यूनिटी इसे पकड़ नहीं पा रही. ये कितना खतरनाक है. और, इस XFG वेरिएंट से बचाव कैसे किया जाए. 

कोविड वेरिएंट XFG क्या है?

ये हमें बताया डॉ. सुनीता कपूर ने.

microscope #automatedmachines #moleculardiagnostics #technology… | Sunita  Kapoor
डॉ. सुनीता कपूर, डायरेक्टर एंड लेबोरेटरी हेड, सिटी एक्सरे एंड स्कैन क्लीनिक

- XFG कोरोनावायरस का एक नया वेरिएंट है.

- ये कोरोनावायरस के पुराने वेरिएंट ओमिक्रॉन के मिले-जुले जीन्स से बना है.

- XFG को रिगम्बनेंट वेरिएंट कहा जाता है.

- जब दो या इससे ज़्यादा वेरिएंट मिलते हैं, तो एक नया वेरिएंट बन सकता है.

-वायरस लगातार बदलता रहता है, जिससे उसके नए-नए रूप बनते रहते हैं.

- XFG ऐसा ही एक नया रूप है, जो पुराने वेरिएंट्स के मिलने से बना है.

क्या इसके लक्षण बाकी वेरिएंट्स से अलग हैं?

- XFG वेरिएंट के लक्षण कोरोनावायरस के बाकी वेरिएंट्स से बहुत ज़्यादा अलग नहीं हैं.

- इस नए वेरिएंट के लक्षण भी वही हैं, जैसे पहले देखे गए हैं.

- जैसे बुखार आना.

- गले में खराश होना.

- नाक बहना या बंद होना.

- सूखी या बलगम वाली खांसी आना.

- थकान लगना.

- सिरदर्द होना.

- बदनदर्द होना.

- कुछ मामलों में स्वाद या गंध चली जाती है  .

- गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है.

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 XFG वेरिएंट के लक्षण कोरोनावायरस के बाकी वेरिएंट्स से बहुत ज़्यादा अलग नहीं हैं
ये अभी तक आए कोरोनावायरस के वेरिएंट्स और सब-वेरिएंट्स से कैसे अलग है?

- XFG वेरिएंट कोरोनावायरस के बाकी वेरिएंट्स और सब-वेरिएंट्स से बहुत अलग नहीं है.

- लेकिन, फिर भी इसमें कुछ मुख्य अंतर देखे गए हैं.

- जैसे इसकी उत्पत्ति और जेनेटिक बनावट.

- XFG ओमिक्रॉन परिवार का ही एक सदस्य है.

- इसमें कुछ नए जेनेटिक म्यूटेशन (बदलाव) देखे गए हैं, जो इसे अलग बनाते हैं.

- लेकिन, अब तक इसकी गंभीरता में बहुत अंतर नहीं देखा गया है.

- XFG वेरिएंट का इंफेक्शन तेज़ी से फैल सकता है.

- जैसा इसके मामले बढ़ने से लग भी रहा है.

- हालांकि, ये डेल्टा वेरिएंट जितना खतरनाक नहीं है.

- पर ओमिक्रॉन की तरह ही ये तेज़ी से फैलता है.

- अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लक्षण पहले जैसे ही हैं.

- जैसे बुखार, गले में खराश, खांसी और थकान वगैरह.

- XFG वेरिएंट का कोई नया या अनोखा लक्षण नहीं देखा गया है.

- गंभीरता देखें तो XFG वेरिएंट ज़्यादा गंभीर नहीं है.

- ज़्यादातर मरीज़ों में हल्के या मीडियम लक्षण ही पाए गए हैं.

- लेकिन बुज़ुर्ग, प्रेग्नेंट महिलाओं और पहले से बीमार लोगों को खास सावधानी बरतने की ज़रूरत है.

क्या ये पुराने वेरिएंट्स से ख़तरनाक और जानलेवा है?

- अभी तक XFG से जुड़ी कोई बड़ी चिंता की बात सामने नहीं आई है.

- ये वेरिएंट ओमिक्रॉन की तरह ही हल्का लग रहा है.

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XFG वेरिएंट का कोई नया या अनोखा लक्षण नहीं देखा गया है

- यानी ज़्यादातर लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं.

- लेकिन, कमज़ोर इम्यूनिटी वालों को जोखिम ज़्यादा है.

- जैसे बुज़ुर्ग, हार्ट, शुगर, किडनी के मरीज़ और वो लोग जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है.

- अभी तक XFG के गंभीर मामले बहुत कम आए हैं.

- हालांकि, इंफेक्शन की रफ्तार ज़्यादा है.

- ऐसे में अगर बहुत लोग एक साथ बीमार हो जाएं तो स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है.

ये इम्यूनिटी से बचकर शरीर में कैसे घुस रहा है?

- कोविड वेरिएंट XFG या इसके जैसे कई नए सब-वेरिएंट्स बार-बार अपना रूप बदलते रहते हैं.

- जिससे शरीर की पहले से बनी इम्यूनिटी इन्हें आसानी से पहचान नहीं पाती.

- XFG वेरिएंट ने अपने स्पाइक प्रोटीन में बदलाव कर लिया है.

- स्पाइक प्रोटीन वायरस को शरीर के सेल्स में पहुंचने में मदद करता है.

- जब वायरस की बाहरी बनावट बदल जाती है.

- तब शरीर की पुरानी इम्यूनिटी, जो पहले के वेरिएंट्स से बनी होती है.

- वो नए वेरिएंट को ठीक से पहचान नहीं पाती.

- कुछ मामलों में XFG जैसे वेरिएंट हल्के लक्षण ही पैदा करते हैं, जिससे लोग इसे देर से पहचान पाते हैं.

- इससे वायरस को शरीर में फैलने का ज़्यादा समय मिल जाता है.

- हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि इम्यूनिटी काम नहीं कर रही.

- शरीर की इम्यूनिटी अब भी बहुत काम कर रही है.

- गंभीर इंफेक्शन या जान जाने के रिस्क को ये काफी हद तक रोक रही है.

- वैक्सीन और बूस्टर डोज़ से बनी टी-सेल इम्यूनिटी अब भी अंदरूनी सुरक्षा देती है.

- यानी अगर वायरस घुस भी जाए तो शरीर उसे ज़्यादा फैलने नहीं देगा.

XFG से बचाव कैसे करें?

- बुनियादी सावधानियां जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना, भीड़ से बचना और वैक्सीन अब भी सबसे अच्छा बचाव हैं.

- कोरोनावायरस से जुड़े हल्के लक्षण होने पर टेस्ट कराएं.

- वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज़ ज़रूर लें.

- साथ ही, अपनी इम्यूनिटी मज़बूत रखें.

- बैलेंस्ड डाइट, पर्याप्त नींद, पानी और एक्सरसाइज़ से शरीर की इम्यूनिटी मज़बूत होती है.

- विटामिन C, D और जिंक से भरपूर चीज़ें फायदेमंद हैं.

देखिए, देश में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसलिए भीढ़ में जाने से बचें. मास्क ज़रूर लगाएं. ये बहुत ज़रूरी है. सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें. साथ ही, अगर तबियत बिगड़े तो तुरंत RT-PCR करवाएं. दूसरों से दूरी बना लें. और इलाज लें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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