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सनस्क्रीन लगाने से घटा विटामिन D, करवट लेने से ही महिला की हड्डी टूटी, जानें ऐसा क्यों होता है?

मामला चीन का है. यहां एक महिला टैनिंग के डर से धूप में नहीं निकलती थी. अगर निकलना पड़े तो खूब सनस्क्रीन लगाती थी. फिर हुआ ये कि महिला को पर्याप्त विटामिन D नहीं मिला, जिससे उसकी हड्डियां कमज़ोर हो गईं.

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आपकी सनस्क्रीन का SPF कितना है?

चीन में एक 48 साल की महिला बिस्तर पर लेटी थी. सोते-सोते उसने करवट ली. हड्डी पर ज़ोर पड़ा और हड्डी चट्ट से टूट गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके शरीर में विटामिन D का लेवल बहुत कम था. विटामिन D डी का मुख्य सोर्स धूप है. लेकिन, इस महिला को धूप कतई पसंद नहीं थी. वो हमेशा से ही धूप में निकलने से बचती थी कि कहीं स्किन टैन न हो जाए. अगर कभी निकलना पड़ा भी, तो पूरी बांह के कपड़े पहनकर निकलती थी. पूरे शरीर में भर-भरकर सनस्क्रीन लगाती थी कि कहीं टैनिंग न हो. विटामिन D की कमी से महिला को गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस हो गया. यानी उसकी हड्डियां खोखली हो गईं. एकदम कमज़ोर हो गई. इतनी कि करवट भर लेने से टूट गई.

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ये किस्सा डराने वाला तो है. अब एक बड़ा सवाल खड़ा होता है. क्या सनस्क्रीन लगाने से शरीर धूप से मिलने वाला विटामिन D नहीं सोख पाता? ये हमने पूछा मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद में ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर अनुराग अग्रवाल से.

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डॉक्टर अनुराग अग्रवाल, हेड, ऑर्थोपेडिक्स, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद

डॉक्टर अनुराग कहते हैं कि विटामिन D का मुख्य सोर्स सूरज की किरणें हैं. यानी शरीर को सबसे ज़्यादा विटामिन D धूप से मिलता है. खासकर अल्ट्रावॉयलेट-B यानी UVB किरणों से. जब स्किन पर सूरज की अल्ट्रावॉयलेट-B किरणें पड़ती हैं, तब शरीर विटामिन D बनाता है.

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जब आप सनस्क्रीन लगाते हैं, तो उसमें मौजूद तत्व सूरज की इन अल्ट्रावॉयलेट किरणों को ब्लॉक कर देते हैं. कितनी अल्ट्रावॉयलेट-B किरणें ब्लॉक होंगी, ये सनस्क्रीन के SPF पर निर्भर करता है. SPF यानी Sun Protection Factor. अगर आपकी सनस्क्रीन का SPF 15 है, तो वो करीब 93% किरणों को रोकता है. SPF 30 है तो वो लगभग 97% किरणों को रोकता है. SPF 50 है तो वो करीब 98% UVB किरणों को रोकता है.

जो लोग रोज़ बहुत ज़्यादा सनस्क्रीन लगाते हैं. बिल्कुल धूप में नहीं बैठते. उन्हें नेचुरल तरीके से विटामिन D नहीं मिल पाता है. उस पर, अगर वो विटामिन D से भरपूर चीज़ें भी नहीं खा रहे हैं, तो उनके शरीर में विटामिन D की भारी कमी हो जाती है.  विटामिन D हमारे लिए बहुत ज़रूरी है. इससे हड्डियां मज़बूत होती हैं. इम्यूनिटी मज़बूत होती है. यहां तक कि शरीर कैल्शियम भी तभी सोख पाता है, जब उसे विटामिन D का साथ मिलता है. ये दोनों पक्के दोस्त हैं. अगर विटामिन D की कमी होगी, तो कैल्शियम भी कम होगा. अगर आप दूध रोज़ पी रहे हैं और ये सोच रहे हैं कि शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होगी तो आप ग़लत है. आपके शरीर में पर्याप्त विटामिन-डी नहीं है, इसलिए शरीर दूध से मिलने वाला कैल्शियम सोख नहीं पा रहा.

विटामिन D और कैल्शियम की कमी से होता है ऑस्टियोपोरोसिस. ऐसा होने पर हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं. फ्रैक्चर का ख़तरा होता है. जैसा उस महिला के साथ हुआ.

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विटामिन D से भरपूर चीज़ें खाना ज़रूरी है 

लिहाज़ा ज़रूरी है कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन D हो. इसके लिए रोज़ 15-20 मिनट धूप में बैठें. बगैर सनस्क्रीन लगाए. अगर चेहरे को टैनिंग से बचाना है तो सबसे कम SPF की सनस्क्रीन लगाएं, वो भी केवल चेहरे पर.  बांह और पैर खुले हों तो और भी बढ़िया है. वरना हल्के तंग के पतले कपड़े पहनें. सुबह-सुबह की धूप लेना ज़्यादा बेहतर है. लेकिन हां, घंटों भी धूप में न बैठे रहें, वरना धूप से स्किन जल सकती है.

इसके अलावा, अपने खाने में विटामिन D से भरपूर चीज़ें शामिल करें. जैसे दूध, दही, पनीर, छेना, चीज़, मशरूम, रागी, मछली और अंडे की ज़र्दी. अगर आपके शरीर में विटामिन D का लेवल बहुत ही कम है, तो डॉक्टर की सलाह पर आप इसके सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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