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अमिताभ बच्चन ने बताया बुढ़ापे का कड़वा सच, ये हेल्थ टिप्स हर किसी के लिए जरूरी

अमिताभ ने ये भी बताया कि वो प्राणायाम करते हैं. जिम में हल्की कसरत करते हैं. पर एक दिन की छुट्टी...और दर्द लौट आता है. शरीर की फुर्ती जैसे कहीं दूर टहलने चली जाती है.

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‘ये अचरज की बात है कि जो नॉर्मल काम पहले बड़े आराम से होते थे. अब उन्हें करने से पहले दिमाग को सोचना पड़ता है': अमिताभ बच्चन

‘जवानी जीवन की चुनौतियों से बेखौफ होकर दौड़ती है, और बुढ़ापा अचानक स्पीड ब्रेकर लगाकर कहता है– गाड़ी धीरे चलाओ, वर्ना ज़िंदगी की तेज़ रफ्तार टक्कर देगी.’

ये शब्द हैं सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के. 17-18 अगस्त की दरमियानी रात उन्होंने एक ब्लॉग पोस्ट किया. ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने एजिंग पर बात की. यानी बढ़ती उम्र पर. उन्होंने लिखा,

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‘ये अचरज की बात है कि जो नॉर्मल काम पहले बड़े आराम से होते थे, अब उन्हें करने से पहले दिमाग को सोचना पड़ता है. जैसे एक सिंपल सा काम- पैंट पहनना. डॉक्टर सलाह देते हैं, प्लीज़ मिस्टर बच्चन, बैठकर पैंट पहनिए. खड़े होकर नहीं वर्ना बैलेंस बिगड़ सकता है. आप गिर सकते हैं, और मैं, अविश्वास में मुस्कुराता हूं. लेकिन फिर महसूस करता हूं कि वो सही थे. एक सिंपल काम, जो पहले बिल्कुल स्वाभाविक था, अब एक तय रूटीन और हैंडल बार्स के साथ ही मुमकिन हो पाता है. शरीर को संभालने और स्थिर रखने के लिए हैंडल बार्स हर जगह चाहिए. यहां तक कि मेज़ से उड़कर ज़मीन पर गिरी कागज़ की पर्ची उठाने के लिए भी. 

सच में. अंदर की हिम्मत कहती है, आगे बढ़ो. लेकिन फिर अहसास होता है, हे भगवान! ये तो बड़ा मुश्किल काम है. पहले जो फुर्ती थी, वो अब अनिश्चितता से भरी धीमी चाल बन गई है. इसे पढ़ने वाले हल्की मुस्कान या छिपी हुई हंसी ज़रूर हंसेगे. मेरे प्यारे साथियो, मेरी दुआ है कि आप में से किसी को ये सब न सहना पड़े. पर सच कहूं तो ये होगा. हम सबके साथ होगा. काश ऐसा न हो. लेकिन समय के साथ ये होता है.’

अमिताभ ने ये भी बताया कि वो प्राणायाम करते हैं. जिम में हल्की कसरत करते हैं. पर एक दिन की छुट्टी...और दर्द लौट आता है. शरीर की फुर्ती जैसे कहीं दूर टहलने चली जाती है.

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Amitabh Bachchan's Secret To Good Health Is With Regular Yoga Practice
अमिताभ बच्चन अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखते हैं 

देखिए, अमिताभ बच्चन 82 साल के हैं. और जो उन्होंने लिखा है, वो बुढ़ापे की सच्चाई है. उम्र बढ़ती है, तो चलने-फिरने में दिक्कत आने लगती है. लेटे तो उठा नहीं जाता. और बैठे तो खड़ा नहीं हुआ जाता. कमर झुक जाती है. शरीर कमज़ोर हो जाता है.  इन सबकी वजह है मसल लॉस का घटना. यानी मांसपेशियों का कमज़ोर हो जाना. हड्डियों का पहले जितना मज़बूत न रहना.

एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ के अमेरी-हेल्थ होम हेल्थकेयर में जेरियाट्रिक मेडिसिन के हेड, डॉ. चारुदत्त अरोड़ा कहते हैं कि बुज़ुर्गों में मसल लॉस एक आम समस्या है. उम्र बढ़ने के साथ शरीर की मांसपेशियां कमजोर और छोटी होने लगती हैं.

Dr Charu Dutt Arora – Your Partner in Elder Care
डॉ. चारु दत्त अरोड़ा, हेड, जेरियाट्रिक मेडिसिन, अमेरीहेल्थ, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़

इसके पीछे वजह है कम प्रोटीन खाना. टेस्टोस्टेरॉन और ग्रोथ हॉर्मोन का लेवल घटना. फिज़िकल एक्टिविटी कम करना. डायबिटीज़, गठिया, दिल की बीमारियां और कुछ दवाइयां.

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मांसपेशियां मज़बूत रखने के लिए ज़रूरी है कि बुज़ुर्ग रोज़ थोड़ी देर एक्सरसाइज़ करें. जैसे हर दिन करीब आधा घंटा टहलें. हल्का वज़न उठाएं. बैलेंस एक्सरसाइज़ करें. प्राणायाम और योग करना भी ज़रूरी है. जैसे अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति और ताड़ासन, वृक्षासन वगैरह. हड्डियां मज़बूत बनाने के लिए सीढ़ियां चढ़ना-उतरना या हल्की दौड़ काम आएगी.

साथ ही, बुज़ुर्गों को प्रोटीन से भरपूर चीज़ें खानी चाहिए. जैसे दूध, दही, दालें, सोया, पनीर, अंडा, मछली और चिकन. उनकी डाइट में विटामिन D और कैल्शियम भी होना ज़रूरी है. इससे हड्डियां और मांसपेशियां मज़बूत रहती हैं. विटामिन D के लिए रोज़ थोड़ी देर धूप में बैठें. कैल्शियम के लिए दूध और दूध से बनी चीज़ें और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाएं.

पेट साफ न होना, कब्ज़ रहना भी बुज़ुर्गों की एक आम दिक्कत है. इसलिए खाने में फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज ज़रूर लेने चाहिए. इनमें फाइबर होता है. जिससे पाचन दुरुस्त रहता है. साथ ही, पानी खूब पीना है. ताकि कमज़ोरी न लगे और चक्कर न आएं. खाने में तेल और नमक भी कम हो. वर्ना दिल और बीपी पर बुरा असर पड़ेगा. दिल और दिमाग मज़बूत रखने के लिए ओमेगा-थ्री फैटी एसिड्स से भरपूर चीज़ें खाएं. जैसे अलसी के बीज, अखरोट और मछली. सबसे ज़रूरी बात, मीठे और प्रोसेस्ड चीज़ें खाने से बचें. वर्ना डायबिटीज़ कंट्रोल में नहीं रहेगी.

डॉ. चारु आगे कहते हैं कि अक्सर बुज़ुर्ग बाथरूम में फिसल जाते हैं. जिससे उन्हें फ्रैक्चर का ख़तरा होता है. या पैंट, पजामा पहनते हुए गिर पड़ते हैं. इससे बचने के लिए ज़रूरी है कि पैंट या पजामा हमेशा बैठकर पहनें. खड़े होकर नहीं. पास में दीवार, कुर्सी या हैंडल बार का सहारा ज़रूर लें.  चप्पल या जूता पहनते समय शू-हॉर्न का इस्तेमाल करें. शू-हॉर्न को एड़ी के पीछे रखा जाता है और पैर फिसलाकर जूते में डाला जाता है. इससे जूता पहनते समय पैर आसानी से अंदर चला जाता है. बुज़ुर्गों और जिन लोगों को झुकने में दिक़्क़त होती है, उनके लिए ये बहुत मददगार है.

2,700+ Senior Indian Man Exercising Stock Photos, Pictures & Royalty-Free  Images - iStock
मांसपेशियां मज़बूत रखने के लिए ज़रूरी है कि बुज़ुर्ग रोज़ थोड़ी देर एक्सरसाइज़ करें. 

वहीं बाथरूम के फर्श पर एंटी-स्किड मैट बिछाएं. ये फर्श से चिपकी रहती है. जिससे गिरने का रिस्क घट जाता है. साथ ही, दीवारों पर हैंडल बार लगवाएं. बाथरूम में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए. ताकि बुज़ुर्ग किसी चीज़ से टकराकर गिरें नहीं. अगर बाथरूम में पानी या साबुन का झाग फैला है, तो उसे तुरंत साफ करें. बाथरूम में वेस्टर्न कमोड भी लगवा सकते हैं.

देखिए, उम्र बढ़ेगी तो शरीर की ताकत और फुर्ती कम होगी. लेकिन सही डाइट, रोज़ थोड़ी फिज़िकल एक्टिविटी और कुछ सावधानियां, बुज़ुर्गों को लंबे वक्त तक हेल्दी रख सकती हैं. समझे! 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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