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पतला होने के लिए डायबिटीज की दवा ले रहे लोगों की आंखों की रोशनी जाने का ख़तरा

जिन मरीज़ों ने डायबिटीज़ और वज़न कंट्रोल करने वाली दवाएं लीं, उन्हें NAION नाम की कंडीशन होने का भी ख़तरा है.

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डायबिटीज़ की ये दवाएं ध्यान से लें

ओज़ेम्पिक. नाम तो सुना ही होगा. ये डायबिटीज़ की दवा है. लेकिन, दुनियाभर में लोग इसे वज़न घटाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. ओज़ेम्पिक जैसी और भी कई दवाएं बाज़ार में बिकती हैं, जो डायबिटीज़ के साथ-साथ ओबेसिटी यानी मोटापा भी घटाती हैं. लेकिन, अब पता चला है कि ऐसी दवाएं आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

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11 अगस्त को जामा नेटवर्क ओपन नाम के जर्नल में एक स्टडी छपी- ‘सेमाग्लूटाइड या टिर्प्जेप्टाइड एंड ऑप्टिक नर्व एंड विजुअल पाथवे डिसऑर्डर्स इन टाइप 2 डायबिटीज.’

ये स्टडी का टाइटल है. थोड़ा कठिन है. लोड नहीं लेना है. हम आसान शब्दों में समझा देते हैं इसका सार. ये दवाएं टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों की आंखों को किस तरह और क्यों नुकसान पहुंचा रहीं हैं, ये इस स्टडी में बताया गया है.

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डायबिटीज़ की कौन सी दवाएं आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, ये हमने जाना सेंटर फॉर साइट के मेडिकल डायरेक्टर और चेयरमैन, डॉक्टर प्रोफेसर महिपाल सचदेव से. इस स्टडी में क्या कहा गया है, ये भी समझा.

Eye of the doctor: How Mahipal Sachdev built a specialised chain -  Hindustan Times
डॉ. (प्रो.) महिपाल सचदेव, चेयरमैन एंड मेडिकल डायरेक्टर, सेंटर फॉर साइट

डॉक्टर महिपाल बताते हैं कि स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने 15 लाख से ज़्यादा लोगों के डेटा को पढ़ा. इन सभी को टाइप-2 डायबिटीज़ थी. पता चला कि इनमें से जिन लोगों ने सेमाग्लूटाइड या टिरज़ेपटाइड जैसी दवाएं ली थीं उन्हें ऑप्टिक नर्व्स डिसऑर्डर्स का ज़्यादा ख़तरा था.

देखिए, ऑप्टिक नर्व यानी नज़र की नस. ये आंख से दिमाग तक रोशनी का सिग्नल लेकर जाती है. इस नस से जुड़ी समस्याओं को ऑप्टिक नर्व डिसऑर्डर्स कहा जाता है. जैसे ऑप्टिक न्यूरिटिस, ऑप्टिक नर्व हाइपो-प्लेसिया, इस्केमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी वगैरा-वगैरा. ऑप्टिक नर्व डिसऑर्डर्स को ऑप्टिक न्यूरोपैथी भी कहते हैं. अगर इस नस में किसी भी तरह की दिक्कत आ जाए तो आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है.

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स्टडी में पता चला, जिन मरीज़ों ने डायबिटीज़ और वज़न कंट्रोल करने वाली दवाएं लीं, उन्हें NAION नाम की कंडीशन होने का भी ख़तरा था. NAION यानी नॉन-आर्टेरिटिक इंटीरियर इस्केमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी. ये भी एक तरह का ऑप्टिक नर्व डिसऑर्डर ही है. ये स्टडी दो साल चली. पता चला सेमाग्लूटाइड और टिरजे़पटाइड लेने वाले 35 मरीज़ों को NAION हुआ.

अब कुल मरीज़ों के हिसाब से ये आंकड़ा बहुत कम लगता है. पर इस कंडीशन को भी बहुत रेयर माना जाता है. 35 मरीज़ों में इसका होना भी बड़ी बात है.

Insulin Treatment in Type 2 Diabetes - The Johns Hopkins Patient Guide to  Diabetes
अगर कोई व्यक्ति इन दवाओं को ले रहा है,  तो वो हर कुछ वक्त में अपनी आंखों की जांच ज़रूर कराए.

NAION तब होता है, जब ऑप्टिक नर्व में खून की सप्लाई अचानक कम हो जाती है या रुक जाती है. इससे नस के आगे वाले हिस्से पर असर पड़ता है. नतीजा? मरीज़ को धुंधला दिखने लगता है. या धब्बे नज़र आते हैं. ये ज़्यादातर एक ही आंख में होता है, पर कभी-कभी समय के साथ दूसरी आंख पर भी असर पड़ सकता है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस कंडीशन का कोई परमानेंट इलाज नहीं है. बस इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जाता है.

इसलिए अगर कोई व्यक्ति इन दवाओं को ले रहा है. तो वो हर कुछ वक्त में अपनी आंखों की जांच ज़रूर कराए. ताकि अगर आंख से जुड़ी कोई दिक्कत हो रही हो, तो उसे कंट्रोल किया जा सके. साथ ही, ज़रूरी है कि इन दवाओं को लिमिट में इस्तेमाल किया जाए. सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही. एक बीमारी को ठीक करने के लिए दूसरी बीमारी को दावत न दें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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