Yash Raj Films ने जब YRF Spy Universe की घोषणा की थी, तब उनका इरादा इसे Marvel और DC यूनिवर्स की तर्ज पर डेवलप करने का था. उनकी तरह यहां भी Shah Rukh Khan, Salman Khan और Hrithik Roshan जैसे इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों को साथ लाया गया. इससे यूनिवर्स की ज़्यादातर फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली. मगर ट्रेड एक्सपर्ट्स की मानें, तो यही चीज़ इस यूनिवर्स को नुकसान पहुंचा सकती है. उन्होंने इसका एक बड़ा कारण शाहरुख-सलमान की बढ़ती उम्र को भी बताया.
सलमान-शाहरुख की वजह से YRF स्पाय यूनिवर्स का भविष्य खतरे में?
जबकि YRF स्पाय यूनिवर्स का भविष्य अगले कई सालों तक सलमान-शाहरुख पर ही टिका है.


फिल्म ट्रेड अनेलिस्ट अतुल मोहन ने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए बताया कि स्पाय यूनिवर्स की कहानी अब रिपिट सी हो रही है. स्पाय फिल्म होने के बावजूद इसके एजेंट हमेशा लार्जर दैन लाइफ दुश्मनों से लड़ते रहते हैं. और जब ऐसा नहीं होता, तो वो अलग-अलग वजहों से आपस में ही भिड़ जाते हैं. फिल्म का स्केल और स्टार पावर तो बरकरार है. मगर इसकी कहानी लोगों को सरप्राइज नहीं कर पा रही. कहीं-न-कहीं 'वॉर 2' को भी इसका नुकसान झेलना पड़ा है.
फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी ने मार्वल-DC का उदाहरण देते हुए कहा कि फिल्म का शेड्यूल रेगुलर नहीं है. यहां दो फिल्मों की रिलीज के बीच दो-दो साल का अंतर तक आ जाता है. ऐसे में लोगों के बीच एक बारगी फिल्म को लेकर एक्साइटमेंट तो हो सकती है. मगर इसके यूनिवर्स को लेकर नहीं. यूनिवर्स बनाने के लिए आपको साल में 2-3 फिल्में या सीरीज रिलीज करना ज़रूरी है. ठीक उसी तरह जैसे मार्वल और DC वाले करते हैं. लेकिन YRF अपने फैंस को काफी इंतजार करवाती है. ऐसे में लोगों का 'स्पायवर्स' के कॉन्सेप्ट में विश्वास बनाए रखना मुश्किल हो जाता है.
एक और बड़ी दिक्कत, जिसके कारण स्पायवर्स पर खतरा मंडरा रहा है, वो है इसकी स्टारकास्ट. इसमें दो राय नहीं कि शाहरुख, सलमान, ऋतिक रोशन और जॉन अब्राहम जैसे स्टार्स के कारण फिल्म को मार्केट करना आसान हो जाता है. लेकिन ये मौजूदा दौर के सितारे हैं. अगर YRF को इस यूनिवर्स का भविष्य सुरक्षित रखना है, तो उन्हें नए एक्टर्स को मौका देना होगा. सिर्फ स्टार पावर के भरोसे फिल्म एक तय समय तक चल सकती हैं. उसके बाद आपको अच्छी कहानी की ज़रूरत पड़ती है. जहां स्पाय यूनिवर्स बार-बार मार खा रही है.
टाइगर श्रॉफ बेशक इस कड़ी में अच्छा उदाहरण बने. ‘वॉर 2’ में उनका पसंद किया गया. मगर YRF ने उन्हें केवल वन टाइम वंडर की तरह ही इस्तेमाल किया है. आलिया भट्ट और शरवरी का 'अल्फा' में साथ आना जरूर बेहतर संकेत है. लेकिन स्पायवर्स अब भी, और बहुत हद तक अगले कई सालों तक, शाहरुख-सलमान के भरोसे ही टिका है. मेकर्स को इसे एक सही दिशा में ले जाने के लिए मार्वल-DC की तरह अभी से ही अगले 5-10 सालों के लिए प्लान करके चलना होगा. यूनिवर्स के अगले एजेंट्स कौन होंगे, उन्हें अभी से परिचित करवाना शुरू करना होगा. मगर YRF इस विभाग में कोई ठोस काम नहीं कर रही है.
ये बात समय के साथ YRF के लिए दिक्कत बनने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगले 10 सालों में शाहरुख-सलमान 70 साल के हो जाएंगे. ऋतिक भी 60 से अधिक के हो चुके होंगे. ऐसे में नई ऑडियंस को टार्गेट करने के लिए नई पौध को पानी देना ज़रूरी है. साथ ही मेकर्स को स्पाय की कहानी में उनकी जासूसी वाली स्किल्स पर अधिक ध्यान देना होगा. इस मामले में 'एक था टाइगर' एक मिसाल है. उससे YRF को सीख लेनी चाहिए.
‘एक था टाइगर’ 13 साल पहले आई थी. सलमान थे तो इसमें भी लार्जर दैन लाइफ रोल में. बावजूद इसके टाइगर और उसकी कहानी जमीन से जुड़ी हुई लगती है. उसका स्पाय, हीरो की तरह दुश्मनों के बीच जाता है. लेकिन यूनिवर्स के बाकी एजेंट्स की तरह 'सुपरहीरो' बनने की कोशिश नहीं करता. फिल्म में सलमान जैसे सुपरस्टार ज़रूर हैं. लेकिन उन्हें ठीक तरह इस्तेमाल करने का काम इसकी कहानी और कबीर खान के प्रेजेंटेशन ने किया. इसलिए अब जब आदित्य चोपड़ा ने YRF स्पाय यूनिवर्स को रीडिजाइन करने का ठान ही लिया है, तो उन्हें सबसे बड़ी सीख स्पायवर्स की सबसे पहली फिल्म से ही लेनी चाहिए.
वीडियो: ‘वॉर 2’ से YRF को 60 करोड़ का नुकसान, स्पाय यूनिवर्स पर छाया संकट.