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आमिर ने रात ढाई बजे अंग्रेज़ी में मैसेज भेजा और गिप्पी ने 7-8 लोगों की नींद खराब कर दी

इस घटना के बाद दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त बन गए.

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आमिर ने गिप्पी की फ़िल्म 'अरदास' की बहुत तारीफ़ की थी

गिप्पी ग्रेवाल ऐसे कलाकार हैं कि बॉलीवुड वाले भी उनके फ़ैन हैं. उनकी बॉलीवुड के बड़े स्टार्स से दोस्ती भी है. सलमान से उनकी मुलाक़ात का किस्सा आप पहले पढ़ ही चुके हैं. ना पढ़ा हो तो क्लिक करके पढ़ लीजिए. लल्लनटॉप इंटरव्यू में उन्होंने आमिर खान से भी अपनी मुलाक़ात का बहुत मज़ेदार किस्सा सुनाया. कैसे आमिर ने उनसे इन्टरव्यू लेने को कहा, अंग्रेजी मैसेज और भी बहुत कुछ. किस्सा सुनने से पहले ये जान लीजिए कि सवाल क्या पूछा गया?

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- दंगल के समय आमिर से मिले. उन्होंने अरदास की तारीफ़ की थी. इधर लाल सिंह चड्ढा में भी मदद की आपने उनकी. आप लोग मिलते भी रहते हैं. क्या कोई प्रोजेक्ट डिस्कस नहीं हुआ, साथ में करने के लिए?

इसके जवाब में गिप्पी का कहना था कि आमिर के साथ काम करने का कोई प्लान नहीं है. लोगों ने तो ये भी बात उछाल दी कि मैं भी 'लाल सिंह चड्ढा में काम कर रहा हूं. वैसे ही दोस्त हैं. मिले भी बाई चांस ही थे. पर उसे बाई चांस नहीं कहेंगे. जब 'धूम-3' आ रही थी. हम उसके पहले के दोस्त हैं. फ़िल्म रिलीज़ होने वाली थी, उसी समय आमिर ने गिप्पी को बुलाया था.

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गिप्पी को आमिर की ये बात बड़ी पसंद है कि उन्हें कोई भी मौक़ा मिलता है, जिनके बारे में भी उन्हें कुछ पता चलता है. यानी कुछ अच्छा या नया, वो उसकी बहुत इज़्ज़त करते हैं.

बहरहाल, आमिर ने 'धूम-3' के समय गिप्पी को कॉल किया. बोले: मैं चाहता हूं तुम मेरा इंटरव्यू करो. गिप्पी ने लगभग मना करते हुए कहा: मुझे तो आता नहीं है, मैंने ऐसे कुछ इससे पहले किया नहीं है. आमिर तपाक से बोल उठे: कोई दिक्कत नहीं है, पंजाबी में बातें करनी है. तुम ना सही, आओ मैं तुम्हारा इंटरव्यू कर लूंगा.

गिप्पी मना नहीं कर पाए. पहुंच गए मुंबई. फ्लाइट लेट थी. इसलिए सीधे यशराज स्टूडियो पहुंचे. मेकअप ही करवा रहे थे कि वहीं आमिर आ गए. बातचीत हुई. हालचाल पूछा गया. इंटरव्यू हुआ. आमिर ने डिनर के लिए पूछा. गिप्पी ने हां कर दी. डिनर हुआ. दोनों अपने-अपने रास्ते हो लिए. उसी रात आमिर ने गिप्पी को एक लंबा मैसेज भेजा. मने साधारण सा था जैसे कोई किसी से मिलने के बाद भेजता है. मिलकर अच्छा लगा टाइप. दिक्कत ये थी कि मैसेज अंग्रेजी में था. गिप्पी समझ तो गए, पर जवाब कैसे लिखें? चंडीगढ़ अपने मैनेजर को फोन किया. पंजाबी में उसे बताया क्या लिखना है. उसने लिखकर भेजा. गिप्पी ने आमिर को फॉरवर्ड किया. ये चैप्टर बीता ही था कि रात ढाई बजे आमिर का फिर मैसेज आ गया. अब समस्या ये थी कि मैनेजर सो गया था. गिप्पी ने फिर सात-आठ लोगों को जगाया. किसी से मैसेज टाइप करवाया और भेजा. उनका मानना था: आमिर खान का मैसेज है, रिप्लाई तो रात ढाई बजे ही देंगे. ये पूरी बात उन्होंने आमिर को बाद में दो साल बाद बताई. इस वाकए के बाद दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त बन गए. अब गिप्पी सीधे वॉयस नोट ही भेजते हैं. लिखने के झमेले में नहीं पड़ते. 

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