1) इम्तियाज़ की लिखी इस फिल्म की कहानी ऐतिहासिक लैला मजनू की लव स्टोरी पर बेस्ड है. लैला-मजनू की जो असली कहानी है, वो सातवीं सदी की है. एक शायर या कवि और एक लड़की के प्रेम की. किसी अरब देश का एक कवि था. नाम था, कैस-इब्न-अलमुलव्वाह. बचपन में उसे लैला-अल-आमिरिया नाम की एक लड़की से प्रेम हो जाता है. समय के साथ वो प्रेम और गहरा हो गया. लेकिन लैला के पिता ने उन दोनों को अलग कर दिया. इसके बाद कैस दीवाना होने लगा. अजीब हरकतें करता. उसके हर ज़िक्र में लैला शामिल होती. उसने दुनिया से तौबा कर ली. बिरादरी के लोगों ने उसे अपनी भाषा में पागल करार दिया. 'मजनू' एक अरेबिक शब्द है, जिसका मतलब होता है, पागल. अंग्रेज़ी में जिसे 'क्रेज़ी' कहते हैं. इसके बाद मजनू ने सब कुछ छोड़ दिया. बंजारा बन गया. शायरी और कविताएं लिखने लगा. बिरादरी ने उसे भूला दिया. लेकिन ज़माना आज भी याद करता है.
इस घटना की खबर कई ईरानी अखबारों में छपी. इसके तकरीबन पांच सौ साल बाद एक पर्शियन कवि हुए निज़ामी गंजवी. उन्हें इस कहानी ने बहुत प्रभावित किया. इसके ऊपर उन्होंने एक कविता लिखी जिसका नाम था 'लैला मजनू'. आगे चलकर इसी कहानी पर उन्होंने चार और कविताएं लिखीं. तब से लैला-मजनू के नाम साथ लिए जाते हैं.

2.) इस फिल्म की कहानी भी एक लड़के और लड़की की है. जो प्रेम में पड़ते हैं लेकिन दुनिया-समाज के फेर में कभी एक नहीं हो पाते. और ये सब कुछ घटता है कश्मीर में. आज के समय में कश्मीर के यूथ की समस्याओं का भी ज़िक्र होगा इसमें. फिल्म के मेकर्स का कहना है कि इस कहानी में आपको लॉजिक नहीं मिलेगा. मिलेगा तो सिर्फ जुनून अपने प्यार के लिए. उनकी कही ये बात फिल्म के ट्रेलर में भी सुनाई देती है-
प्यार का प्रॉब्लम क्या है न कि जब तक उसमें पागलपन न हो, वो प्यार ही नहीं है.3.) फिल्म के लीड एक्टर्स को काफी दिनों तक छुपाकर रखा गया था. फिल्म के सभी पोस्टरों पर उनके चेहरे छिपे हुए थे. फिल्म के टीज़र तक में उन्हें दुनिया के सामने नहीं आने दिया गया. इस बारे में इम्तियाज़ का कहना था कि वो लोग चाहते थे कि जिस किसी को भी फिल्म में कास्ट किया जाए, उन्हें लोग पहले लैला-मजनू के नाम से जाने. बाद में उनके ओरिजनल नाम से. इसलिए फिल्म में दो नए एक्टर्स को लिया गया है. हालांकि ट्रेलर के ठीक पहले आने वाले पोस्टरों में उनकी शक्ल दिख रही थी. ये एक्टर्स हैं अविनाश तिवारी और त्रिप्ति डीमरी.

फिल्म 'लैला मजनू' के दो अलग-अलग दृश्यों में त्रिप्ति और अविनाश.
4.) जब फिल्म की कहानी पूरी हुई, तब 'लैला मजनू' के अलावा कोई और नाम इसे सूट ही नहीं कर रहा था. दिक्कत ये थी कि इस टाइटल का कॉपीराइट प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के पास था. उन्हें इस टाइटल का महत्व पता था. वो इसका इस्तेमाल कभी भी कर सकते थे. क्योंकि ये एक एजलेस लव स्टोरी है. बावजूद इसके रमेश ने बिना कोई ना-नुकर किए ये टाइटल इस फिल्म की टीम को सौंप दिया. और बदले में कुछ लिया भी नहीं. रमेश तौरानी 'रेस' सीरीज़ की फिल्में प्रोड्यूस कर चुके हैं.
5.) अविनाश इससे पहले 2016 में आई मिलिंद धाइमाड़े की फिल्म 'तू है मेरा संडे' में वरुण सोबती के साथ दिखाई दिए थे. वो अमिताभ बच्चन के टीवी शो 'युद्ध' का भी हिस्सा रहे थे. जबकि त्रिप्ति 2017 में आई श्रेयस तलपड़े डायरेक्टेड फिल्म 'पोस्टर बॉयज़' में सनी और बॉबी देओल के साथ नज़र आई थीं. लीड रोल में ये दोनों की पहली फिल्म होगी.

'लैला मजनू' के एक दृश्य में अविनाश और त्रिप्ती.
6.) 'लैला मजनू' को डायरेक्ट किया है साजिद अली ने. साजिद की भी ये रिलीज़ होने वाली पहली फिल्म होगी. इससे पहले वो जॉन अब्राहम के प्रोडक्शन हाऊस के लिए 'बनाना' नाम की फिल्म डायरेक्ट कर चुके हैं. लेकिन वो कभी रिलीज़ नहीं हो पाई. मगर ये वाली होगी. तारीख है- 7 सितंबर, 2018.
फिल्म का ट्रेलर यहां देखें:
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