साल 2000 में एक फिल्म आई थी 'कहो ना प्यार है'. इस फिल्म ने कई रिकॉर्ड बनाए और कई तोड़े. इस फिल्म से एक स्टारकिड ने डेब्यू किया था. एक्टर-डायरेक्टर राकेश रोशन के बेटे ऋतिक रोशन ने. इस फिल्म से ऋतिक रातों-रात स्टार बन गए. 2001 में वो नेपोटिज़्म के खेवनहार करण जौहर की फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में दिखाई दिए और वो भी हिट रही. ये ऋतिक के शुरुआती दौर की वो फिल्में हैं, जो सफल रहीं. लेकिन इसके अलावा ऋतिक जो फिल्म कर रहे थे वो पिट जा रही थीं. इनमें 'फिज़ा', 'ना तुम जानो ना हम', 'यादें', 'आप मुझे अच्छे लगने लगे' और 'मुझसे दोस्ती करोगे' जैसी फिल्में शामिल थीं.
ऋतिक रोशन की वो फिल्म, जो सत्यजीत रे की चोरी हुई स्क्रिप्ट पर बनी थी
आज एक्टर का हैप्पी बर्थडे है.

जब ऐसा लगने लगा कि ऋतिक भी वन नाइट वंडर टाइप स्टारकिड बनकर रह जाएंगे. तब ऋतिक के रेस्क्यू को आए उनके पहले डायरेक्टर और पापा राकेश रोशन. राकेश ने ऋतिक के लिए एक साइंस-फिक्शन फिल्म प्लान की. ये एक ऐसा लड़के की कहानी थी जिसका दिमाग एक बच्चे जितना ही होता है. और एक एलियन. फिल्म का नाम था 'कोई मिल गया'. 8 अगस्त, 2003 को ये फिल्म रिलीज़ हुई और ब्लॉकबस्टर रही. इसे बच्चों-बूढ़ों से लेकर समीक्षकों तक ने पसंद किया. ये फिल्म ऋतिक के लड़खड़ाते करियर को वापस पटरी पर लेकर आई. इस फिल्म में ऋतिक रोशन के साथ रेखा और प्रीति ज़िंटा भी दिखाई दी थीं. पढ़िए इस फिल्म से जुड़े कुछ मजेदार और रोचक किस्से -
1.) 'कोई मिल गया' के लिए राकेश रोशन पर इल्जाम लगा कि ये हॉलीवुड फिल्म 'ईटी: दी एक्सट्रा टेरेस्टियल' की कॉपी है. स्टीवन स्पीलबर्ग डायरेक्टेड इस फिल्म को सत्यजीत रे की फिल्म (जो कभी बन नहीं पाई) 'एलियन' की नकल माना जाता है. हुआ ये था कि साल 1962 में बंगाल में छपने वाली बच्चों की मैग्ज़ीन 'संदेश' में सत्यजीत रे ने एक शॉर्ट स्टोरी लिखी थी. इसका नाम था 'बांकूबाबूर बंधू'. ये एक छोटे बच्चे और एलियन की कहानी थी. 1967 में रे इस कहानी पर एक हॉलीवुड फिल्म बनाना चाहते थे. 'द एलियन' नाम से. इसमें उनकी मदद की 1968 में आई स्टैनली कूब्रिक की फिल्म '2001: अ स्पेस ऑडिसी' के राइटर आर्थर.सी. क्लार्क ने. क्लार्क ने रे को एक एजेंट से मिलवाया जिसने उनकी कहानी का कॉपीराइट वगैरह करवाया था. उसने इसके राइटर्स में पहला नाम अपना और दूसरा रे का दर्ज करवाया. जबकि स्क्रिप्ट पूरी रे की थी. उसने बिना किसी को बताए खुद को एसोसिएट प्रोड्यूसर बना दिया. कोलंबिया से पैसा ले लिया जिसकी झलक भी राय को नहीं दिखाई. इस धोखेबाज़ी से राय बहुत दुखी हो गए और भारत लौट आए. इसके बाद साल 1982 में 'ईटी' रिलीज़ हुई और विवाद गहरा गया. क्योंकि रे की 'द एलियन' और 'ईटी' में बहुत समानताए थीं. लेकिन रे ने खुद को पूरे सम्मान के साथ इस विवाद से बाहर निकाल लिया.
अब कहा जाने लगा कि राकेश रोशन की 'कोई मिल गया' स्पीलबर्ग की 'ई.टी.' यानी सत्यजीत रे की 'द एलियन' से प्रेरित है. लेकिन राकेश ने कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया.

फिल्म 'ई.टी' के एक सीन में बच्चा और एलियन.
2.) 'कोई मिल गया' में ऋतिक को मानसिक रूप से असंतुलित बच्चे का किरदार निभाने के लिए कम उम्र का दिखना था. लेकिन दिक्कत ये थी कि वो इसके साथ और फिल्में भी शूट कर रहे थे, इसलिए वजन कम करना उनके लिए संभव नहीं था. इसका एक तोड़ निकाला गया कि ऋतिक को पूरी फिल्म में ढीले कपड़े पहनाए जाएं. और हेयरस्टाइल ऐसा रखा गया जिससे उनका चेहरा भी पतला और कम उम्र के बच्चे का लगे. ये सब होने के बाद ऋतिक को स्कूल जाने वाला बच्चा दिखाने के लिए चश्मा पहनाने की बात आई. चश्मे चुनने शुरू हुए. कई चश्मे ट्राय करने के बाद ऋतिक को एक पसंद आया. फिर वहां से एक ट्रिविया चल पड़ा कि ये वही ग्लास हैं, जो ऋतिक ने 'कहो ना प्यार है' के दूसरे हिस्से में राज के किरदार में स्टाइल में पहनी थी.

'कहो ना प्यार है' वाला राज और 'कोई मिल गया' वाला रोहित. सेम चश्मे में.
3.) इस फिल्म के बारे में सबकुछ बहुत पॉपुलर हो गया. सिर्फ एक आदमी को छोड़कर. इंद्रवदन पुरोहित. यानी वो आदमी, जिसने फिल्म में दूसरे ग्रह से आए एलियन 'जादू' का रोल किया था. 'कोई मिल गया' के बारे में कहा जाता है कि फिल्म के डायरेक्टर और रितिक के पापा राकेश रोशन अपने इस किरदार को पब्लिक से छुपाकर रखना चाहते थे. इंद्रवदन हिन्दी-गुजराती-मराठी समेत कुल 30 फिल्मों में काम कर चुके हैं. वो 2001 में आई हॉलीवुड फिल्म 'लॉर्ड ऑफ द रिंग्स- द फेलोशिप ऑफ द रिंग' में भी दिखाई दिए थे. इसमें उन्होंने एक कैरेक्टर के लिए बॉडी डबल प्ले किया था. हालांकि 28 सितंबर, 2014 को उनकी डेथ हो गई. आखिरी बार उन्हें सब टीवी पर आने वाले बच्चों के शो 'बालवीर' में 'डूबा डूबा' नाम का किरदार निभाते देखा गया था. अब उस एलियन की स्पिन ऑफ कहानी (जो फिल्म में दिखाया जा चुका है, उसके पहले की कहानी) निकलोडियन नाम के चैनल पर टीवी शो के रूप में आती है. शो का नाम है 'जे बोले तो जादू'.

फिल्म की शूटिंग के दौरान कॉस्ट्यूम के साथ इंद्रवदन.
4.) भारत में 'कोई मिल गया' वाला कॉन्सेप्ट बहुत कॉमन नहीं था. इसलिए राकेश रोशन इस फिल्म को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं थे. लेकिन फिल्म डूबे नहीं, इसका इंतजाम उन्होंने पहले ही कर लिया था. उन्होंने 'कोई मिल गया' के दो क्लाइमैक्स शूट किए थे. पहला, जो फिल्म में दिखाया गया कि जादू जाते-जाते रोहित को कुछ खास शक्तियां देकर जाता है. दूसरा, जिसमें जादू बिना शक्ति दिए वापस चला जाता है और रोहित निशा के साथ खड़े होकर उसे बाय करता है. राकेश को लगा पब्लिक ज़्यादा हैप्पी एंडिंग वाले पहले क्लामैक्स को पसंद करेगी, इसीलिए उन्होंने दूसरे वाले को रहने दिया, फिल्म में नहीं लिया.

जादू की शक्तियां पाने के बाद रोहित का किरदार. असल में ऋतिक की फिज़ीक पूरी फिल्म में ऐसी ही थी.
5.) ये फिल्म ऋतिक के लिए बहुत लकी रही. जितनी ये फिल्म सराही गई, ऋतिक की एक्टिंग भी उतनी ही पसंद की गई थी. एक 11 साल के बच्चे जैसा दिखना और बिहेव करना इतना भी आसान नहीं था. इसका फल ऋतिक को अवॉर्ड के रूप में मिलना शुरू हुआ. वो पहले एक्टर थे, जिन्हें फिल्मफेयर का क्रिटिक्स बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्टर दोनों अवॉर्ड एक ही फिल्म के लिए मिले हों. इसके बाद ये कारनामा अमिताभ बच्चन ने 2005 में आई संजय लीला भंसाली की फिल्म 'ब्लैक' में और रणबीर कपूर ने 2011 में आई इम्तियाज़ अली की 'रॉकस्टार' में अपने परफॉर्मेंस से दोहराया.
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