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'उड़ता पंजाब' का गाना बनाने के लिए अमित त्रिवेदी को फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट क्यों पढ़नी पड़ी?

अमित त्रिवेदी ने ये भी बताया कि उन्हें 'इक कुड़ी' गाने का आधे से ज़्यादा हिस्सा हटाना क्यों पड़ा!

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अमित त्रिवेदी को 'उड़ता पंजाब' के गाने बनाने में इनता वक़्त क्यों लगा?

अमित त्रिवेदी ने कुछ कमाल के एल्बम दिए हैं. इसमें से एक है 'उड़ता पंजाब'. इसमें उनके ट्रिपी म्यूजिक को खूब पसंद किया गया. इसी में 'इक कुड़ी' गाना भी है. ये भी लोगों के दिल में घर कर गया. इस पूरे एल्बम पर अमित त्रिवेदी ने लल्लनटॉप बैठकी में बात की. आप इसे यहां क्लिक करके देख सकते हैं. फिलहाल अपन लोग आते हैं 'उड़ता पंजाब' गाने पर और इस एल्बम पर.

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अमित त्रिवेदी से सवाल हुआ कि 'उड़ता पंजाब' में कई सारे वॉइस मॉड्युलेशंस हैं. इसे रिकॉर्ड करने में कितना समय लगा? कितने अटेम्प्ट्स लिए अमित ने. इस पर अमित ने सीधा जवाब तो नहीं दिया, लेकिन उन्होंने फिल्म के पूरे एल्बम पर बात की.

वो अलग ही दुनिया का म्यूजिक था. उसमें पंजाब था. साथ ही ड्रग्स था. इसलिए उस एल्बम के लिए कुछ विशेष तरह की आवाजें चाहिए थीं. इसलिए इसमें थोड़ा टाइम लगा. कभी कोई गाना पसंद आता था. कभी नहीं आता था. बहुत ऊपर-नीचे हुआ. उस मेहनत के साथ ही ये एल्बम सामने आया हुआ.

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इससे जुड़ा एक प्रश्न और अमित त्रिवेदी से पूछा गया. नशे की हालत को म्यूजिक की भाषा में कैसे दिखाया जाता है. अमित ने बताया:

मैंने तो स्क्रिप्ट पढ़ी थी. डायरेक्टर अभिषेक चौबे के हर गाने को लेकर स्पेशल रेफरेंस पॉइंट्स थे. कैसे वो गबरू को म्यूजिक के जरिए देख रहे हैं! उनके माइंड में सब क्लियर था. मुझे कुछ रेफरेंसेस दिए गए थे. मैंने बस वो फॉलो किए.

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अमित त्रिवेदी ने 'उड़ता पंजाब' के गाने 'इक कुड़ी' पर भी बात की. उन्होंने कहा:

मैंने सिर्फ 'जय हो, जय हो शंकरा...' दिया था. इस पर ट्यून बनाई थी. इसके बाद अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखा. उन्हीं का सब मैजिक था. कभी-कभी उल्टा भी होता है. जैसे शिवकुमार बटालवी की कविता है 'इक कुड़ी'. इस पर अमित को कम्पोज करना था. ये कविता बहुत बड़ी है. मुझे 'उड़ता पंजाब' के डायरेक्टर अभिषेक चौबे ने चार पेज दिए थे. मैंने कहा कि ये तो 15 मिनट का गाना बन जाएगा. हमें तो सिर्फ तीन या साढ़े तीन मिनट का ही गाना चाहिए था. इसलिए हमने उस कविता मुखड़ा उठाया और एक पैरा लिया.

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