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Chhattisgarh Election Results: PM मोदी के अलावा इन 6 फैक्टर्स ने दिलाई BJP को जीत

छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 53 पर बीजेपी ने बढ़त बनाई हुई है, जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर आगे है. बड़ा सवाल ये है कि एग्जिट पोल्स को गलत साबित करते हुए बीजेपी ने प्रदेश में वापसी कैसी की? बीजेपी की छत्तीसगढ़ में वापसी के 7 मुख्य कारण हैं. आइए जानते हैं.

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हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी बढ़त बनाए हुए है. (फोटो- ट्विटर)

चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती जारी है (Assembly Election Results 2023). अब तक हुई मतगणना में हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी बहुमत के साथ बढ़त बनाए हुए है. तेलंगाना में कांग्रेस आगे चल रही है. सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे छत्तीसगढ़ से आए हैं. सत्ता पर काबिज कांग्रेस प्रदेश में चुनाव हार रही है. चुनाव आयोग की अभी तक की काउंटिंग के मुताबिक प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 53 पर बीजेपी ने बढ़त बनाई हुई है, जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर आगे है. 

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बड़ा सवाल ये है कि एग्जिट पोल्स को गलत साबित करते हुए बीजेपी ने प्रदेश में वापसी कैसी की?

बीजेपी की छत्तीसगढ़ में वापसी के 7 मुख्य कारण हैं. आइए जानते हैं.

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1. महातारी वंदन योजना जिसमें विवाहित महिलाओं को 12,000 वार्षिक सहायता का वादा किया गया था. योजना को बीजेपी ने आगे बढ़ाया और राज्य भर की प्रत्येक विधानसभा में 50 हजार से अधिक फॉर्म भरवाए.

2. भूमिहीन किसानों को 10 हजार रुपए का बोनस और लंबित दो बोनस दिए जाने से लोगों का बीजेपी में विश्वास बहाल हुआ.

3. पवन साई, ओम माथुर और मनसुख मंडाविया की तिकड़ी द्वारा तैयार की गई रणनीति काम कर गई. तीनों ने 90 विधानसभा सीटों पर त्रिस्तरीय कार्य किया. इससे पिछले छह महीनों में बीजेपी को कांग्रेसी एजेंडे को भेदने में मदद मिली.

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4. युवा और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं का वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पड़ा. इसके अलावा दो लाख सरकारी नौकरियों का वादा भी काम कर गया.

5. बीजेपी ने तीसरे मोर्चे पर नुकसान पहुंचाने वाली पार्टियों पर भी अपना फोकस रखा. कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन, आदिवासी सीटों पर भारी.

6. टिकट वितरण में साहू और सतनामी समाज सहित सभी समुदायों के हित को ध्यान में रखा गया. जिससे दोनों समुदाय बीजेपी की ओर झुक गए.

7. सभी महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी भी बीजेपी के लिए सफल स्ट्रेटजी साबित हुई.

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भी कांग्रेस के लिए हार का कारण बनी. योजना के तहत बनने वाले आवासों का पिछले पांच सालों से राज्य में निर्माण कार्य रुका हुआ था. प्रदेश के कोरिया जिले की ग्राम पंचायत बसेर में पांच साल पहले कुल 250 पीएम आवासों को स्वीकृति मिली थी. लेकिन ये आवास आज तक अधूरे पड़े हैं. 2018 में इन्हें बनाने के लिए स्वीकृति दी गई थी. लेकिन करीब एक साल बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई. जिसके बाद आवास के निर्माण के लिए मिलने वाली राशि पर रोक लगा दी गई. इस कारण अधिकांश पीएम आवास अधूरे पड़े हैं, और खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. 

वहीं कांग्रेस जातीय गणना के मुद्दे को भुनाने में भी असफल साबित हुई. राहुल गांधी ने जातीय गणना के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखे हमले किए थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ में एक रैली में कहा था कि प्रधानमंत्री खुद को पिछड़े वर्ग (OBC) से क्यों बताते हैं, जबकि प्रधानमंत्री 'गरीब' को भारत में एकमात्र जाति मानते हैं. उन्होंने कहा था,

“अगर देश में गरीब ही एकमात्र जाति है तो फिर आप खुद को ओबीसी क्यों कहते हैं? पीएम मोदी हर भाषण में कहते हैं मैं ओबीसी हूं. लेकिन जब मैं जाति जनगणना के बारे में बात करता हूं, तो वे कहते हैं कि भारत में कोई जाति नहीं है. भारत में केवल एक ही जाति है, वो है गरीब.''

कुल जमा बात ये है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में, खास तौर पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जातीय गणना के मुद्दे को जमकर हवा दी. इसके जरिए पिछड़ी जातियों के वोट बटोरने की कोशिश भी की. लेकिन कांग्रेस की ये कोशिश धरातल पर काम करती दिखी नहीं.

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