यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप चनपटिया से चुनाव तो नहीं जीते, लेकिन BJP का खेल जरूर खराब कर दिया. पश्चिमी चंपारण जिले में आने वाली इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक रंजन ने जीत दर्ज की है. उनकी जीत का अंतर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार उमाकांत सिंह से सिर्फ 602 वोटों का रहा. वहीं, मनीष कश्यप को 37 हजार से ज्यादा वोट मिले. ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस चाहे, तो मनीष कश्यप को ‘थैंक्यू’ कह सकती है.
चनपटिया में हारकर भी खेल कर गए मनीष कश्यप, कांग्रेस मन ही मन 'थैंक्यू' बोल रही होगी
Chanpatia Election Result: Congress के उम्मीदवार Abhishek Ranjan को जीत मिली है. BJP उम्मीदवार Umakant Singh को हराने में कैसे Manish Kashyap ने कांग्रेस की मदद की?


मनीष कश्यप, प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार थे. चनपटिया सीट पर इस बार 74.18 प्रतिशत मतदान हुआ था. दिलचस्प बात ये थी कि ये सीट साल 2000 के बाद से भाजपा का गढ़ रही है. पार्टी ने लगातार छह विधानसभा चुनाव जीते हैं.
2020 के चुनाव में भाजपा के उमाकांत सिंह ने कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 13,469 वोटों के अंतर से हराया था. इस क्षेत्र में मुख्य रूप से ग्रामीण वोटर्स हैं. साथ ही, अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अहम है.
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बताते चलें, मनीष कश्यप जन सुराज पार्टी में शामिल होने से पहले भाजपा के सदस्य थे. उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन की थी. लेकिन बाद में उनका पार्टी से मोहभंग हो गया. दरअसल, 19 मई को उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) में तीन घंटे के लिए बंधक बना लिया गया था. एक महिला जूनियर डॉक्टर से उनकी कहासुनी के बाद कुछ डॉक्टरों ने उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की थी.
मनीष को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इस घटना के बाद उनकी नाराजगी बढ़ गई. उन्होंने 7 जून को सीधे फेसबुक पर लाइव आकर बीजेपी को अलविदा कह दिया. उससे ठीक एक महीने बाद 7 जुलाई को पटना के बापू भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मनीष कश्यप ने जन सुराज पार्टी की सदस्यता ली. खुद प्रशांत किशोर ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
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