ग्रेजुएशन करने में कितना समय लगता है? और पोस्ट ग्रेजुएशन करने में? अमूमन लोग कहेंगे कि तीन साल में बीए और बीएससी पूरी हो जाती है और पीजी करने में दो साल लगते हैं.
मगध यूनिवर्सिटी की बढ़ती लेटलतीफी, मानसिक तनाव से जूझते छात्र
मगध यूनिवर्सिटी में छात्रों को कई सालों से रिजल्ट न आने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है.

लेकिन 2018 में बिहार की मगध यूनिवर्सिटी में मैथ (ऑनर्स) में दाखिला लेने वाले आदर्श आज भी अपनी डिग्री पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं. ऐसे न जाने कितने छात्र हैं जो सालों से अपनी डिग्री का इंतजार कर रहे हैं.
बिहार में सिर्फ एक ही ऐसी यूनिवर्सिटी नहीं है जिसमें छात्रों का ये हाल है. बिहार के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र इसी समस्या से जूझ रहे हैं. इससे परेशान होकर छात्र आए दिन प्रोटेस्ट करते हैं. सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाते हैं.
जब इस मामले को लेकर हमारे बात मगध यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले आदर्श से हुई तो उन्होंने कहा कि,
हमने 2018 में मगध यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. 2021 तक हमारा हमारी ग्रेजुएशन पूरी हो जानी चाहिए थी. लेकिन चार साल बीत चुके हैं. अभी तक सिर्फ 2 ही पार्ट के एग्जाम हुआ है. पार्ट वन के एग्जाम जनवरी में, और पार्ट टू के अक्टूबर में. जिसमें से पार्ट वन का रिजल्ट आ चुका है लेकिन पार्ट टू का रिजल्ट छह महीने बीत जाने तक नहीं आया है. इसके अलावा आदर्श ने कहा कि तीसरे साल की परीक्षा कब होगी इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है. हम प्रोटेस्ट से लेकर विपक्षी पार्टियों तक से मिल चुके हैं लेकिन हमारी बात सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है.
जब हमने आदर्श से पूछा कि सेशन लेट होने का जिम्मेदार कौन है तो उन्होंने बताया कि,
इसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि एडमिस्ट्रेशन है. यूनिवर्सिटी के वीसी घोटाले में पकड़े गए हैं एग्जाम कंट्रोलर को पद से हटा दिया गया है. इसके बाद पाटलिपुत्र के वीसी को मगध यूनिवर्सिटी का चार्ज दिया गया है. इसके आगे आदर्श ने बताया कि हम वहां वीसी से मिलने के लिए गए, उन्होंने 12 अप्रैल को समय दिया था कि 10 दिन के भीतर पार्ट 2 का रिजल्ट आ जाएगा. लेकिन आया अभी तक नहीं है. और वीसी भी हम छात्रों से नहीं मिले. हमपर बंदूक भी तान दी गई.

सेशन लेट होने की वजह से छात्रों के मन में काफी गुस्सा है, छात्रों का यही कहना है कि डिग्री कब तक आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस मुद्दे को लेकर जब हमने मगध यूनिवर्सिटी के एक और छात्र सूर्य से बात की तो उन्होंने कहा कि,
"2017- 2020 के सेशन को पांच साल होने को आए हैं उनमें से कुछ लोगों का रिजल्ट पेंडिंग में डाल दिया गया था, और कुछ को फेल कर दिया गया था. न तो वे ग्रेजुएट हो पाए हैं और न ही कोई फॉर्म भर पा रहे है. इसके अलावा 2018- 2021 का सेशन इतना लेट है कि अभी तक पार्ट 2 का रिजल्ट नहीं आया है. इसके अलावा कई और सेशन ऐसे हैं जिनका अभी तक रजिस्ट्रेशन तक नहीं हुआ है. उनकी डिग्री कब तक आएंगी इसका कोई अंदाजा नहीं है. डिग्री न मिल पाने की वजह से हम लोग सरकारी भर्तियों के फॉर्म तक नहीं भर पा रहे हैं. क्योंकि सभी में ग्रेजयुशन होना जरूरी है. वक्त के साथ-साथ हम पर मानिस तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसा लगता है कि यहां एडमिशन लेकर गलती कर दी. अब तो सिर्फ़ यही चाहता हैं कि किसी तरह डिग्री मिल जाए. फिर आगे का सोचा जाएगा."
इसके अलावा जब हमने मगध यूनिवर्सिटी के एक और छात्र परवीन से बात तो उन्होंने बताया कि,
हम अपने रिजल्ट और सेशन लेट को लेकर प्रदर्शन करके थक चुके हैं, हमारे वीसी कहते हैं कि हम कराना चाहते हैं एग्जाम लेकिन सरकार कहती है कि इनके एग्जाम और लेट करो. हम लोग तो फंस के रह गए हैं, ऐसा लगता यहां क्यों ही एडमिशन ले लिया.
छात्रों का कहना है कि एक लाख से ज्यादा बच्चे हैं जो मगध यूनिवर्सिटी की लेटलटफी की वजह से परेशान हैं. कई बच्चे तो सुसाइड तक अटेम्प्ट कर चुके हैं. आदर्श बताते हैं कि वे CDs ,afcat की परीक्षा क्लियर कर चुके हैं लेकिन डिग्री न होने की वजह हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. अकेले में जाकर रोना पड़ता है.
छात्रों से बात करने बाद जब हमने मगध यूनिवर्सिटी के नए कुलपति प्रोफेसर आर. के सिंह से बात की, हमने उनसे पूछा कि परीक्षा में लेटलतीफी की क्या वजह है
परीक्षा लेट होने की वीसी ने क्या बताई वजह?
प्रोफेसर आर. के सिंह ने कहा कि सेशन लेट होने की वजह आप मुझ से बेहतर जानती हैं, मैं क्या ही बताउं. और ये सब आप मुझ से बेहतर जानती हैं. आगे उन्होंने सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
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