NEET PG 2025 को दो शिफ्ट में कराने के फैसले पर छात्रों ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि यह फैसला संविधान के 'आर्टकिल 14' यानी 'बराबरी के अधिकार' का उल्लंघन है. छात्रों का सवाल है कि अगर एक शिफ्ट का पेपर मुश्किल हुआ तो अन्याय कैसे रोका जाएगा? नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBEMS) ने बिना साफ कारण बताए यह बदलाव किया है. छात्र 'वन शिफ्ट, वन एग्जाम' की मांग कर रहे हैं और अब Supreme Court के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. छात्रों का क्या कहना है? जानने के लिए ये वीडियो देखें.