सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने Bharat NCAP 2.0 ड्राफ्ट जारी किया है. माने आपकी कारों के सेफ्टी स्टेंडर्ड में एक और बड़ा बदलाव होने वाला है. ये ड्राफ्ट AIS-197 (संशोधन 1) के तहत जारी किया गया है. इसमें नियमों को पहले से ज्यादा सख्त रखा गया है, जो कारों को और ज्यादा सुरक्षित बनाता है. इस बदलाव का उद्देश्य भारतीय कारों को ग्लोबल सेफ्टी स्टैंडर्ड जैसे कि Euro NCAP Asean NCAP के करीब लाना है. 20 दिंसबर तक ये ड्राफ्ट प्रतिक्रिया के लिए खुला है. एक बार अंतिम रूप मिल जाने के बाद नया प्रोटोकॉल 2027 से मौजूदा प्रणाली को बदल देगा.
गाड़ी कितनी सुरक्षित? भारत NCAP 2.0 बताएगा
Bharat NCAP 2.0 draft: भारत NCAP का एक नया ड्राफ्ट जारी किया गया है. इसके तहत अब तक सेफ्टी सिर्फ एडल्ट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट या कुछ फीचर्स को देखकर दी जाती थी. लेकिन अब ये पांच अलग-अलग चरणों में जांचा जाएगा.


बताते चलें कि भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) एक कार सेफ्टी रेटिंग प्रोग्राम है. इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 22 अगस्त 2023 को लॉन्च किया था. 1 अक्टूबर 2023 से Bharat NCAP ने कार टेस्टिंग भी शुरू कर दी थी. इस प्रोग्राम में कार क्रैश टेस्ट किया जाता है. फिर नतीजों को देखकर उसे स्टार्स दिए जाते हैं. जिस कार को जितने स्टार्स मिलते हैं, उसे उतना सुरक्षित माना जाता है.
पांच चरणों में होगा टेस्टभारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) अब तक सिर्फ एडल्ट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट (यात्री) की सेफ्टी या कुछ फीचर्स के इर्द-गिर्द घूमता था. लेकिन 2.0 में सेफ्टी को पांच अलग-अलग चरणों में जांचा जाएगा. वहीं, अब स्कोर भी 100 में से दिया जाएगा.
क्रैश प्रोटेक्शन- 55%
कमजोर सड़क यूजर सुरक्षा- 20%
सेफ ड्राइविंग-10%
दुर्घटना से बचाव- 10%
एक्सीडेंट के बाद सेफ्टी- 5%
100 अंकों में से 5 स्टार रेटिंग के लिए 70 से ऊपर अंक लाने जरूरी है. लेकिन इसमें भी एक पेंच हैं. माने कि 2027-2028 तक 5 स्टार रेटिंग के लिए 70 अंक आने चाहिए. 2029–31 में 5 स्टार रेटिंग के लिए 80 प्वाइंट्स चाहिए होंगे.

इसके अलावा, कार की टक्कर से जुड़ी सेफ्टी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है. यानी 50 प्रतिशत. इसमें कार को अलग-अलग एंगल से क्रैश करके देखा जाएगा. ये हैं-
64 kmph-ऑफसेट फ्रंटल इंपेक्ट
50 kmph-फुल-विद फ्रंटल इंपेक्ट
50 kmph-मोबाइल डिफॉर्मेबल बैरियर साइड इंपेक्ट
32 kmph-पोल साइड इंपेक्ट टेस्ट
50 kmph-रियर इंपेक्ट विथ मोबाइल रिगिड बैरियर
टेस्ट में इस बार महिला और पुरुष की डमी के साथ ही बच्चों के डमी का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें बैठने की स्थिति पर भी अलग-अलग नंबर दिए जाएंगे. हेड रेस्ट्रेंट (सीट के पीछे का सपोर्ट, जो टक्कर में गर्दन और सिर को सेफ्टी देता है), ISOFIX सीट और कार का ढांचा टक्कर के दौरान कितना टिकता है, इस क्रैश स्कोर पर असर डालेंगे.
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सड़क यात्रियों के लिए भी सुरक्षाइसके अलावा भारत NCAP 2.0 में सड़क पर चल रहे यात्रियों और दो पहिया वाहन पर सवार लोगों की सुरक्षा का भी खासा ध्यान रखा गया है. जैसे बंपर पर पैदल यात्री के पैरों पर असर और बोनट और विंडशील्ड पर एडल्ट और बच्चे के सिर पर इंपेक्ट. वहीं, एक्सीडेंट से बचाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट(ESC), लेन कीप डिपार्चर वार्निंग, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB) आदि को शामिल किया गया हैं.
बता दें कि ESC के अलावा साइड हेड प्रोटेक्शन यानी कर्टेन एयरबैग्स को नए ड्रॉफ्ट में जरूरी रखा गया है. इसके बिना 5 स्टार रेटिंग व्हीकल को नहीं मिलेगी. वहीं AEB ऑप्शनल है, पर इसके भी नंबर मिलेंगे. लेकिन साइड-फेसिंग सीट वाली गाड़ी को कोई स्टार रेटिंग नहीं मिलेगी. बाकी, दुर्घटना के बाद सुरक्षा में आग और बिजली के झटके के जोखिम को कम करना, ऑटोमेटिक इमरजेंसी कॉलिंग सिस्टम आदि को शामिल किया गया है.
कब से लागू होगा नया नियममौजूदा NCAP 30 सितंबर 2027 तक जारी रहेगा. भारत NCAP 2.0 अक्टूबर 2027 से लागू होगा. फिलहाल 20 दिसंबर तक ये ड्राफ्ट कमेंट्स के लिए खुला है.
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