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लक्ष्मी चिटफंड अब ऑनलाइन हो गया, ऐप्स के ज़रिए लाखों रुपए का चूना लग रहा है

कहीं आप भी एक का दो करने वाले ऐप्स के झांसे में तो नहीं आए हैं?

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फिल्म हेराफेरी का एक सीन जिसमें राजू बने अक्षय कुमार लक्ष्मी चिटफंड कंपनी के दफ्तर में जाते हैं पैसा कमाने के लालच में. इनसेट में दिख रहा है ई नगेट ऐप.
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अभय शर्मा
8 अक्तूबर 2020 (Updated: 8 अक्तूबर 2020, 06:23 AM IST) कॉमेंट्स
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फ़िर हेरा फ़ेरी पिच्चर वाला लक्ष्मी चिटफंड तो याद ही होगा ना. वहीं जहां 25 दिन में पैसा डबल होता था. हमारा मतलब पैसा डबल का लालच देकर मोटी-चौड़ी चपत लगाई जाती थी. वही लक्ष्मी चिटफंड आज भी चल रहा है बस अब डिजिटल ज़माना है तो बेवकूफ़ बनाने का काम किसी ऑफिस से नहीं बल्कि ऐप के ज़रिए होता है. और इसी फंड की अनुराधा बने हुए हैं डेढ़-दो दर्जन छुटभैया यूट्यूब चैनल.
कभी यूट्यूब पर “घर बैठे पैसे कैसे कमाएं” सर्च करके देखिए. दुनियाभर का कूड़ा स्क्रीन पर या जाएगा. इन्हीं सब के बीच कुछ ऐसे वीडियो भी होंगे जो रोज़ धन टाइप की ऐप्स के बारे में ज्ञान बांट रहे होंगे, जहां बेरोजगार जन दिन के 3-4 घंटे लगाकर 10-20 रुपए कमा सकते हैं. मगर इसी सब के बीच कुछ ऐसे वीडियो भी आएंगे जो गज़ब अफ़लातून टाइप के ऐप्स के बारे में बताएंगे. ऐसे ऐप जहां झारों-झार पैसा बरसता है. वो भी बिना एक ढेला खिसकाए. काम बस इतना कि 1000 रुपए जोड़ो और 1100 रुपए निकाल लो.
Paisa Hi Paisa Hoga

और ऐप की महानता का आलम ये होता है कि ये ऐपल का ऐप स्टोर तो दूर की बात, गूगल के प्ले स्टोर पर भी नहीं होती हैं. यही अनुराधा मैडम वाले यूट्यूब चैनल वीडियो में ऐप चलाकर दिखाते हैं, सारा सिस्टम समझाते हैं, भरोसा बनाने के लिए अपनी कमाई के स्क्रीनशॉट भी दिखाते हैं, और वीडियो के डिस्क्रिप्शन में ऐप की डाउनलोड लिंक भी देते हैं. फ़िर दर्जनों की तादाद में लोग राजू बनकर गच्चा खा जाते हैं. और अपने साथ सैकड़ों लोगों को घनश्याम, बाबू राव, और पप्पू बना देते हैं.
e-Nuggets: ऑनलाइन फ्रॉड का ऐप
अभी हम जिस ठग-विद्या वाली ऐप की बात कर रहे हैं उसका नाम है e-Nuggets. इसने लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया और फुर्र हो गया. इसमें दावा किया जाता था कि ऐप में कुछ पैसे ऐड करिए और बदले में आपको बढ़ाकर पैसे मिलेंगे. अलग-अलग लेवल थे. जितने ज़्यादा पैसे जोड़ेंगे उतना ज़्यादा पर्सेन्ट रिटर्न. इस सीधे से लेन-देन को सवालों के दायरे और शक के घेरे से थोड़ा सा दूर करने के लिए एक स्कीम का चोगा भी पहनाया गया था. वर्चुअल ऑर्डर का.
Profile 1
e-Nuggets यूजर प्रोफाइल.

मतलब कि पैसा जोड़ने के बाद आपको प्लेटफॉर्म पर उन्हीं पैसों से वर्चुअल खरीदारी करनी होती थी. इन्हीं ऑर्डर पर कमीशन मिलता था. लेवल 1 के लिए 1000 रुपए लगते थे, लेवल 2 के लिए 5000 रुपए और लेवल 3 के लिए 10,000 रुपए जमा करने होते थे. लेवल-दर-लेवल रिटर्न बढ़ता था. लेवल 2 वाला बंदा 5000 रुपए पर लगभग 450 रुपए के आस पास कमिशन बना लेता था.
Interface
e-Nuggets का वर्चुअल ऑर्डर वाला पेज.

ये कमीशन आपके जोड़े हुए पैसे के साथ ऐप में ही वापस आता था. और फ़िर इसे आप वापस अपने बैंक अकाउंट में निकाल भी सकते थे. मगर ऐप में पैसे जमा करने और निकालने के बीच एक दो दिन का फ़र्क होता था. यानी कि यूजर का पैसा कुछ टाइम के लिए ऐप के पास रहता था. शुरुआत में लोगों का भरोसा जीतने के लिए इस ऐप ने रिटर्न दिया भी. भरोसा होने के बाद लोग बड़ा इनवेस्टमेंट करने लगे, फिर वही हुआ जो आप सोच रहे हैं. सही मौका देख कर ये ऑनलाइन लक्ष्मी चिट फंड ऐप गायब हो गया. और लोगों को लाखों रुपये की चपत लगाकर.
हार्ले
ठगी के बाद फ्रॉडिये

फ्रॉड को अंजाम कैसे दिया
दिल्ली के रहने वाले विशाल सैनी बताते हैं:
“कुछ दिन तक इन लोगों ने विड्रॉल के नाम पर पैसे वापस भी किए लेकिन जब यूजर्स बढ़े तो इन्होंने 23 सितंबर को ऐप पर एक रिचार्ज का ऑफर डाला जिसमें इन्होंने पैसा ऐड करने पर 20 से 30% एक्स्ट्रा कमीशन देने का लालच दिया. इसमें बहुत से लोग फंस गए. उसी रात से इन्होंने एप्लिकेशन अपग्रेड करने का नोटिस लगा दिया और पैसे निकालने के प्रोसेस को 29 तारीख तक के लिए बंद कर दिया.”
Notice 1
e-Nuggets का पहला नोटिफ़िकेशन.
“लेकिन 29 तारीख आने से पहले ही एक और नोटिस लगा दिया गया जिसमे मनी लॉन्ड्रिंग का कोई कानूनी केस बताकर एक हफ्ते का और टाइम दे दिया गया. लेकिन 27 तारीख को ही उस ऐप से सारा डाटा सब डिटेल्स, पैसे, अकांउट इंफॉर्मेशन सब हटा दी गई.”
Notice 2
e-Nuggets का दूसरा नोटिफ़िकेशन.

विशाल सैनी आगे बताते हैं:
“ये लोग इतने निडर है कि शाम होते होते e-Nuggets के जैसा ही Lucky City नाम से उसी के इंटरफेस जैसा एक और ऐप्लीकेशन बना दिया गया. और उस पर भी यही सब चालू कर दिया.”
ये जालसाजी फ़ैलती कैसे है?
विशाल सैनी का कहना है कि e-Nuggets के पीछे जो लोग हैं उनका जाल दूर-दूर तकफैला हुआ है. सैनी ये भी कहते हैं कि इनके इस जाल में लोगों को फंसाने में कुछ यूट्यूबर्स ने हेल्प की. ये एक यूट्यूबर का खास ज़िक्र भी करते हैं जिसके ज़रिए इन तक ये ऐप पहुंची. इनका कहना है कि इस यूट्यूबर ने अब वीडियो डिलीट कर दिया है.
हमने इस चैनल के क्रिटर से बात की. इन्होंने कहा कि वीडियो डिलीट नहीं हुआ है, बस प्राइवेट कर लिया है ताकि इस वीडियो के ज़रिए कोई नया यूजर ऐप न जॉइन करे. ये आगे बताते हैं:
“मेरा एक चैनल है जहां मैं ऐप्स और अर्निंग वेबसाइट के बारे में बताता हूं. मगर मैंने कोई पेड प्रमोशन नहीं किया. मेरे सब्स्क्राइबर ने मुझे इस ऐप के बारे में बताया और डेली अर्निंग के प्रूफ़ भी दिखाए. मैंने भी ऐप ट्राई किया और मुझे भी पेमेंट मिला. अगर वीडियो बनाने के बाद ऐप या वेबसाइट फ्रॉड कर जाए तो हम क्या कर सकते हैं.”
हमने ऐप के बारे में सर्च किया तो हमें कुछ चैनल और मिले जिन्होंने e-Nuggets के बारे में बताया था, और उसके बाद उसके फ्रॉड के बारे में भी. मगर एक यूट्यूबर हैं जो इसके बाद भी इसी के जैसी ऐप्स के बारे में लोगों को बता रहे हैं और लोगों को अपने टेलीग्राम के चैनल के ज़रिए ऐप की डाउनलोड लिंक भी दे रहे हैं.


ये लोगों को समझा रहे हैं कि ये सारी ऐप्स का काम यही है कि पहले पैसे देंगी मगर ज़्यादा पैसा जमा होने के बाद आपका पैसा लेकर भाग जाएंगी. “इसलिए 1000-2000 रुपए ही इनमें डालिए. ज़्यादा लालच करेंगे तो ज़्यादा का नुकसान होगा.” मगर ये भाई साहब ये बताना भूल गए कि ऐसी फ्रॉड ऐप तो जब चाहे तब सारा काम धंधा बंद करके उड़ लेंगी. और आखिर में आपको पैसे की चपत लगनी ही लगनी है.
e_Nuggets में इनवेस्टमेंट को लेकर विशाल सैनी कहते हैं:
“मैं इस तरह की वेबसाइटस पर विश्वास नहीं करता लेकिन लॉकडाउन के बाद पैसे की किल्लत ने ये काम करवा दिया. पर फ़िर भी मेरा नुकसान बहुत ज़्यादा बड़ा नहीं है. मैंने 6000 का लॉस खाया बाकी बहुत से लोगो के लाखों-लाखों रुपए डूब गए.”
इन फ्रॉड से कैसे बचें?
कोई भी कंपनी या ऐप या वेबसाइट फ़्री में पैसा देने के लिए नहीं बैठी है. फ़ोकट का माल है तो समझिए कुछ गड़बड़ है. इन से जितना दूर रहिए उतना अच्छा है. हो सकता है शुरुआत में ये आपको पैसा दें मगर आपका भरोसा जीतने के बाद इन्हें गायब होने में देर नहीं लगेगी. इसे आप डिजिटल पिरामिड स्कीम समझ लीजिए. ज़्यादा पैसा इकट्ठा होने पर छू-मंतर.
ऐप्स हमेशा ऐपल के ऐप स्टोर या फिर गूगल के प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें. इन प्लैट्फॉर्म पर ऐसे ही कोई ऐप मुंह उठाकर नहीं आ सकता. इनकी सख्त पॉलिसी और गाइडलाइन को मानने के बाद ही किसी ऐप को इन स्टोर्स पर जगह मिलती है. ऐसा यूजर की सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर किया जाता है. अगर कोई ऐप प्ले स्टोर पर नहीं है तो आपकी शक की सुई घूम जानी चाहिए.
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आईफोन चलाने वाले तो ऐपल ऐप स्टोर के सिवा कहीं से ऐप निकाल ही नहीं सकते मगर एंड्रॉयड में बाहर से ऐप इंस्टॉल करने का ऑप्शन रहता है. इसलिए प्ले स्टोर के बाहर से सिर्फ़ वही ऐप इंस्टॉल करिए जिसपर आपको पूरा भरोसा हो.
फ्रॉड हो जाने पर क्या करें?
अगर फ़िर भी आप इन फ्रॉड का शिकार हो गए हैं तो आप साइबर-सेल में कंप्लेन कर सकते हैं. साइबर क्राइम पोर्टल का हेल्पलाइन नंबर है 155260. इस नंबर पर आप सुबह 9 बजे से शाम के 6 बजे तक कॉल कर सकते हैं.
इसके अलावा आप cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपनी कम्प्लेन्ट फाइल कर सकते हैं. इस वेबसाइट को खोलने पर आपको बैनर के नीचे ‘File a complaint’ लिखा बटन मिलेगा, जिसे क्लिक करने पर पोर्टल की टर्म्स, कन्डिशन और प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ने को कहा जाएगा. इसे एक्सेप्ट करने के बाद आगे बढ़ पाएंगे. इसके बाद आपको एक आइडी बनाकर कम्प्लेन्ट रजिस्टर करनी होगी.

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