ड्यूक बॉल पर मचे बवाल को लेकर कुंबले की ICC से अपील, बोले- 'बदलो ये नियम'
IND vs ENG टेस्ट सीरीज में ड्यूक बॉल को लेकर काफी बवाल मच रहा है. बॉल की क्वालिटी को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब इसको लेकर Anil Kumble की प्रतिक्रिया सामने आई है.

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज (IND vs ENG) में ड्यूक बॉल को लेकर काफी बवाल मच रहा है. बॉल की क्वालिटी को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. पहले एजबेस्टन और फिर लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया बॉल की क्वालिटी से काफी निराश नजर आई. गिल लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान अंपायर्स से बहस करते हुए भी नजर आए. अब इसको लेकर अनिल कुंबले (Anil Kumble) की प्रतिक्रिया सामने आई है.
अनिल कुंबले ने ड्यूक बॉल की क्वालिटी को बेहतर करने की मांग की है. ESPNcricinfo से बात करते हुए कुंबले ने कहा,
हां, ये बिल्कुल जायज़ है कि अगर गेंद बार-बार जल्दी नरम हो रही है या अपना शेप खो रही है तो उसे बदला जाना चाहिए. लेकिन अगर गेंद 10 ओवर भी नहीं टिक रही है और बार-बार बदलनी पड़ रही है, तो ये सिर्फ क्रिकेट के लिए ही नहीं, बल्कि गेंद की क्वालिटी के लिए भी ठीक नहीं है. इस पर कुछ न कुछ कदम ज़रूर उठाना चाहिए.
कुंबले ने सुझाव दिया कि इस समस्या का एक समाधान ये हो सकता है कि बॉल के पुराने मैन्युफैक्चरिंग स्टैंडर्ड को फिर से लागू किया जाए. उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि पांच साल पहले जो बॉल की क्वालिटी थी, उसे वापस लाना ही ठीक रहेगा. उन गेंदों की क्वालिटी इससे कहीं बेहतर थी.
अनिल कुंबले ने साथ ही लार के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को हटाने की भी मांग की. उन्होंने कहा,
ब्रॉड ने भी उठाए थे सवालआजकल वैसे भी बहुत कम मौके आते हैं जब गेंद रिवर्स करती है, खासकर ऐसी परिस्थितियों में. लार पर लगे प्रतिबंध के हटने से गेंदबाजों को गेंद को बेहतर तरीके से चमकाने में मदद मिलेगी और रिवर्स स्विंग की संभावना बढ़ेगी.
दरअसल, लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन इंडियन कप्तान शुभमन गिल समेत कई प्लेयर्स ने बॉल की क्वालिटी पर कई बार सवाल उठाए. नतीजा ये रहा कि पहले ही सेशन में दो-दो बार गेंद को बदलना पड़ा. इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी बॉल की क्वालिटी पर सवाल उठाए थे. स्टुअर्ट ब्रॉड ने एक्स पर लिखा,
क्रिकेट की गेंद एक बेहतरीन विकेटकीपर की तरह होनी चाहिए. जिस पर शायद ही ध्यान जाता है. हमें गेंद के बारे में बहुत ज्यादा बात करनी पड़ रही है, क्योंकि यह एक बड़ा मुद्दा है और लगभग हर पारी में इसे बदला जा रहा है. यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है. ड्यूक्स में समस्या है और इसे ठीक करने की ज़रूरत है. एक गेंद 80 ओवर तक चलनी चाहिए, 10 ओवर नहीं.
बताते चलें कि लॉर्ड्स के दूसरे दिन सिर्फ 10 ओवर के भीतर गेंद को दो बार बदला गया. इससे भारतीय खिलाड़ी काफी नाराज़ नजर आए थे.
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