ऑनलाइन फूड डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो अपने स्टाफ में से 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. लगभग 600 कर्मचारी. जोमैटो के फाउंडर दीपेंदर गोयल ने एक ब्लॉग पोस्ट के ज़रिये बताया कि कोरोना वायरस के कारण उपजे आर्थिक संकट के बीच पिछले दो महीने में कंपनी के बिज़नेस में काफी बदलाव आए हैं. उसी के चलते ये फैसला लेना पड़ रहा है. कंपनी अब बिज़नेस में नए ट्रेंड खोजने की भी कोशिश कर रही है.
इसके अलावा जो कर्मचारी नौकरी में बने हैं, उनकी भी सैलरी कट की जाएगी. हालांकि गोयल ने पोस्ट में लिखा है कि ये टेंपरेरी है और उन्हें उम्मीद है कि चीज़ें छह महीने में बेहतर होनी चाहिए.
Here’s an internal email that I shared with all our employees earlier today about upcoming changes at Zomato. https://t.co/IoGeZVnlIS
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— Deepinder Goyal (@deepigoyal) May 15, 2020
छह महीने तक आधी तनख़्वाह
दीपेंदर गोयल ने लिखा कि जिन भी कर्मचारियों को निकालने का फैसला लेना पड़ रहा है, उन्हें जल्द ही या तो वे ख़ुद वीडियो कॉल करेंगे. या फिर कंपनी के सीओओ गौरव गुप्ता और फूड डिलिवरी सीईओ मोहित गुप्ता में से कोई कॉल करेगा. कर्मचारियों से बात करके उनके लिए नई नौकरी ढूंढने में मदद की जाएगी. अगले छह महीने तक इन कर्मचारियों को उनकी आधी तनख़्वाह मिलती रहेगी. इसके अलावा कर्मचारियों को जो हेल्थ इंश्योरेंस दिया गया था, वो बरकरार रखा जाएगा. ये दोनों बातें अगले छह महीने तक या नई नौकरी मिलने तक लागू रहेंगी.
रिमोट वर्किंग पर ज़ोर
कंपनी अब रिमोट वर्किंग के मॉड्यूल पर काम करने की तैयारी कर रही है. अभी जोमैटो के 150 से ज़्यादा ऑफिस हैं. इन्हें कम करके सारा काम ऑनलाइन शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा हायपरलोकल लेवल यानी दूर-दराज़ के क्षेत्रों में डिलिवरी पर भी फोकस किया जाएगा.
जोमैटो ने पिछले साल भी करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी की थी.
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